नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को उन आठ भारतीय नागरिकों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की, जिन्हें कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. जयशंकर ने इन लोगों को आश्वस्त किया कि सरकार इस मामले को 'सर्वोच्च महत्व' देती है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार कतर में मौत की सजा पाने वाले भारतीयों की रिहाई के लिए हर संभव प्रयास करेगी. भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को कतर के 'कोर्ट ऑफ फर्स्ट इन्स्टेन्स' ने 26 अक्टूबर, बृहस्पतिवार को मौत की सजा सुनाई थी.
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Met this morning with the families of the 8 Indians detained in Qatar.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Stressed that Government attaches the highest importance to the case. Fully share the concerns and pain of the families.
Underlined that Government will continue to make all efforts to secure their release.…
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Stressed that Government attaches the highest importance to the case. Fully share the concerns and pain of the families.
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भारत ने फैसले को 'बेहद' चौंकाने वाला बताया था और मामले में सभी कानूनी विकल्प आजमाने का संकल्प लिया था. जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, 'आज सुबह, कतर में हिरासत में लिए गए आठ भारतीयों के परिजनों से मुलाकात की. इस बात पर जोर दिया कि सरकार मामले को सर्वोच्च महत्व देती है. हम परिजनों की चिंताओं और दर्द को पूरी तरह से साझा करते हैं.' उन्होंने कहा, 'यह रेखांकित किया कि सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास जारी रखेगी. इस संबंध में परिजनों के साथ निकटता से समन्वय किया जाएगा.'
निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले इन भारतीय नागरिकों को कथित तौर पर जासूसी के एक मामले में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था. न तो कतर के अधिकारियों ने और न ही नयी दिल्ली ने भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक किया है. कतर की अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह इस मामले को ‘‘उच्च महत्व’’ दे रहा है और सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है.
भारतीय नौसेना के आठों अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए जाने के बाद उन पर कतर के कानून के तहत मुकदमा चलाया गया था.
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जानकारी के मुताबिक भारतीय नौसेना के ये 8 पूर्व अफसर अगस्त 2022 से कतर की जेल में बंद हैं. इन सभी अफसरों पर आरोप है कि इन लोगों ने जासूसी की है. कतर की एक कोर्ट ने इन सभी को मौत की सजा सुनाई है. कतर में आठ पूर्व नौसेना के अधिकारियों में कमांडर पूर्णंदू तिवारी (रि.) भी हैं. इन्हें राष्ट्रपति कोविंद ने साल 2019 में सम्मानित भी किया था.