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भटकते 'भविष्य' को सही राह दिखा रही जयपुर की यातायात पुलिस - जयपुर की ट्रैफिक पुलिस

अगर आपके जहन में ट्रैफिक पुलिस का ख्याल आए, तो आपकी आंखों में सीटी बजाते हुए और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में जुटे वर्दी पहने पुलिस वालों की छवि उभर कर आती है. लेकिन आज हम जिन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का जिक्र करने जा रहे हैं, उनके बारे में जानने के बाद आप भी उनकी तारीफ करते नहीं थकेंगे. जी हां, हम बात कर रहे हैं जयपुर ट्रैफिक पुलिस की. जिसने रोड पर भटकते भारत के भविष्य को संवारने और निखारने का बीड़ा उठाया है. पढ़े पूरी खबर...

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Published : Jan 21, 2021, 10:05 PM IST

जयपुर : राजधानी जयपुर की ट्रैफिक पुलिस जिले के व्यस्ततम चौराहों में से एक चौराहे पर पाठशाला चला रही है, जहां पर छात्र तो केवल एक है, लेकिन उसे पढ़ाने के लिए कई ट्रैफिक पुलिसकर्मी हैं. पेड़ की छांव में एक छोटी कुर्सी पर बैठकर अपने नन्हें हाथों में कलम थामकर साक्षरता की राह पर आगे बढ़ रहा यह छात्र एक खानाबदोश परिवार का है. जिसमें पढ़ने का एक अलग ही जुनून और जज्बा है.

ईटीवी भारत की टीम जब गवर्नमेंट हॉस्टल चौराहे पर बनी ट्रैफिक पुलिस बूथ के पास पहुंची, तो पेड़ की छांव में एक छोटी कुर्सी पर एक बच्चा हाथों में कलम लिए कागज पर गिनती और 'क, ख, ग, घ' लिख रहा था. पास में ही जयपुर ट्रैफिक के दो पुलिसकर्मी उस बच्चे को बेहद प्यार के साथ पढ़ना लिखना सिखा रहे थे. ईटीवी भारत की टीम ने जब ट्रैफिक इंचार्ज साउथ सोनचंद वर्मा से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि गवर्नमेंट हॉस्टल चौराहे के पास एक खानाबदोश परिवार रहता है, जिसमें एक महिला मानसिक विक्षिप्त है और लोगों से भीख मांग कर खानाबदोश परिवार गुजर बसर कर रहा है.

भटकते भविष्य को सही राह दिखा रही जयपुर की यातायात पुलिस

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ट्रैफिक इंचार्ज साउध सोनचंद शर्मा ने बताया कि बच्चे के परिवार के सभी लोग भीख मांगने का काम करते हैं. लेकिन उनके परिवार का एक बच्चा जिसका नाम राहुल है वह भीख नहीं मांगता. कोई यदि गवर्नमेंट हॉस्टल चौराहे के पास स्थित शहीद स्मारक के आस-पास बैठकर कुछ लिख पढ़ रहा है, तो बच्चा उसे दूर से खड़ा होकर निहारता है. जिस पर ट्रैफिक इंचार्ज साउथ सोनचंद शर्मा ने उस बच्चे को अपने पास बुलाया और उससे पूछा कि क्या वह पढ़ना चाहता है, तो बच्चे ने हां में जवाब देते हुए अपना सिर हिलाया. उसके बाद सोनचंद और गवर्नमेंट हॉस्टल चौराहे पर तैनात ट्रैफिक पुलिस की पूरी टीम उस बच्चे को साक्षर करने में जुट गई है.

बच्चे को दिलाया पढ़ने-लिखने का सामान

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान ट्रैफिक इंचार्ज साउथ सोनचंद वर्मा ने बताया कि बच्चे में पढ़ने लिखने की ललक देखने के बाद उसे कॉपी, किताब, पेन, पेंसिल और सामान लाकर दिया. इसके साथ ही बच्चे को पहनने के लिए नए कपड़े लाकर दिए और साथ ही उसे नहाने के लिए बाल्टी, साबुन और अन्य सामान भी दिया गया. सोनचंद शर्मा ने बताया कि स्कूल खुलने पर राहुल का दाखिला सरकारी स्कूल में करवाया जाएगा. हालांकि, बच्चे का कोई भी पहचान पत्र और ऐड्रेस प्रूफ नहीं है, जिसके लिए सामाजिक कल्याण विभाग से बातचीत कर कोई हल निकाला जाएगा.

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राहुल को मिल रहा पुलिसकर्मियों का प्यार

गवर्नमेंट हॉस्टल चौराहे पर साक्षर बनने की राह पर चल पड़े राहुल को तमाम ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का प्यार और दुलार मिल रहा है. ट्रैफिक पुलिसकर्मी ना केवल राहुल को पढ़ाते हैं, बल्कि उसके लिए अपने घर से खाना और अन्य स्वादिष्ट पकवान भी बना कर लाते हैं. जब राहुल से बातचीत की गई तो उसने बताया कि वह पढ़ना लिखना चाहता है और बड़ा होकर पुलिस ऑफिसर बनना चाहता है. राहुल के पढ़ने लिखने की ललक और जयपुर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की ओर से राहुल को साक्षर बनाने की पहल को सभी सराह रहे हैं.

जयपुर : राजधानी जयपुर की ट्रैफिक पुलिस जिले के व्यस्ततम चौराहों में से एक चौराहे पर पाठशाला चला रही है, जहां पर छात्र तो केवल एक है, लेकिन उसे पढ़ाने के लिए कई ट्रैफिक पुलिसकर्मी हैं. पेड़ की छांव में एक छोटी कुर्सी पर बैठकर अपने नन्हें हाथों में कलम थामकर साक्षरता की राह पर आगे बढ़ रहा यह छात्र एक खानाबदोश परिवार का है. जिसमें पढ़ने का एक अलग ही जुनून और जज्बा है.

ईटीवी भारत की टीम जब गवर्नमेंट हॉस्टल चौराहे पर बनी ट्रैफिक पुलिस बूथ के पास पहुंची, तो पेड़ की छांव में एक छोटी कुर्सी पर एक बच्चा हाथों में कलम लिए कागज पर गिनती और 'क, ख, ग, घ' लिख रहा था. पास में ही जयपुर ट्रैफिक के दो पुलिसकर्मी उस बच्चे को बेहद प्यार के साथ पढ़ना लिखना सिखा रहे थे. ईटीवी भारत की टीम ने जब ट्रैफिक इंचार्ज साउथ सोनचंद वर्मा से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि गवर्नमेंट हॉस्टल चौराहे के पास एक खानाबदोश परिवार रहता है, जिसमें एक महिला मानसिक विक्षिप्त है और लोगों से भीख मांग कर खानाबदोश परिवार गुजर बसर कर रहा है.

भटकते भविष्य को सही राह दिखा रही जयपुर की यातायात पुलिस

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ट्रैफिक इंचार्ज साउध सोनचंद शर्मा ने बताया कि बच्चे के परिवार के सभी लोग भीख मांगने का काम करते हैं. लेकिन उनके परिवार का एक बच्चा जिसका नाम राहुल है वह भीख नहीं मांगता. कोई यदि गवर्नमेंट हॉस्टल चौराहे के पास स्थित शहीद स्मारक के आस-पास बैठकर कुछ लिख पढ़ रहा है, तो बच्चा उसे दूर से खड़ा होकर निहारता है. जिस पर ट्रैफिक इंचार्ज साउथ सोनचंद शर्मा ने उस बच्चे को अपने पास बुलाया और उससे पूछा कि क्या वह पढ़ना चाहता है, तो बच्चे ने हां में जवाब देते हुए अपना सिर हिलाया. उसके बाद सोनचंद और गवर्नमेंट हॉस्टल चौराहे पर तैनात ट्रैफिक पुलिस की पूरी टीम उस बच्चे को साक्षर करने में जुट गई है.

बच्चे को दिलाया पढ़ने-लिखने का सामान

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान ट्रैफिक इंचार्ज साउथ सोनचंद वर्मा ने बताया कि बच्चे में पढ़ने लिखने की ललक देखने के बाद उसे कॉपी, किताब, पेन, पेंसिल और सामान लाकर दिया. इसके साथ ही बच्चे को पहनने के लिए नए कपड़े लाकर दिए और साथ ही उसे नहाने के लिए बाल्टी, साबुन और अन्य सामान भी दिया गया. सोनचंद शर्मा ने बताया कि स्कूल खुलने पर राहुल का दाखिला सरकारी स्कूल में करवाया जाएगा. हालांकि, बच्चे का कोई भी पहचान पत्र और ऐड्रेस प्रूफ नहीं है, जिसके लिए सामाजिक कल्याण विभाग से बातचीत कर कोई हल निकाला जाएगा.

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राहुल को मिल रहा पुलिसकर्मियों का प्यार

गवर्नमेंट हॉस्टल चौराहे पर साक्षर बनने की राह पर चल पड़े राहुल को तमाम ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का प्यार और दुलार मिल रहा है. ट्रैफिक पुलिसकर्मी ना केवल राहुल को पढ़ाते हैं, बल्कि उसके लिए अपने घर से खाना और अन्य स्वादिष्ट पकवान भी बना कर लाते हैं. जब राहुल से बातचीत की गई तो उसने बताया कि वह पढ़ना लिखना चाहता है और बड़ा होकर पुलिस ऑफिसर बनना चाहता है. राहुल के पढ़ने लिखने की ललक और जयपुर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की ओर से राहुल को साक्षर बनाने की पहल को सभी सराह रहे हैं.

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