जयपुर. मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट महानगर प्रथम ने सामरिक महत्व की सूचनाएं पाकिस्तान पहुंचाने वाले पाक नागरिक अभियुक्त नंदलाल और इस काम में उसकी मदद करने वाले मूलत: पाकिस्तान और वर्तमान जोधपुर निवासी अभियुक्त भाइयों गौरी शंकर और प्रेमचंद को शासकीय गुप्त बात अधिनियम के तहत 7 साल की सजा सुनाई है. अदालत ने तीनों अभियुक्तों पर कुल 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि सीआईडी को सूचना मिली की जैसलमेर में एक व्यक्ति होटल में रहकर सामरिक महत्व की सूचनाएं एकत्र कर पाकिस्तान भिजवा रहा है. सूचना पर पुलिस ने 15 अगस्त 2016 को एक होटल पर छापा मारकर अभियुक्त नंदलाल को गिरफ्तार किया था. पुलिस को तलाशी में भारतीय थल सेना से जुड़े गोपनीय दस्तावेज और पाकिस्तानी पासपोर्ट व वीजा की फोटो प्रतियां बरामद हुईं.
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पूछताछ में नंदलाल ने बताया कि उसने पाकिस्तान की आईएसआई के अफसर को देने के लिए जैसलमेर के थईयात आर्मी बेस के भवन, वॉच टावर, हैंगर और हवाई जहाजों के फोटो आदि बनाए थे, जो उसके पास मेमोरी कार्ड में मौजूद हैं. इस पर पुलिस ने मेमोरी कार्ड को भी जब्त किया. वहीं, पुलिस ने गौरी शंकर और प्रेमचंद की ओर से नंदलाल के दस्तावेज और सामान अपने पास रखने, अपनी दुकान से मोबाइल उपलब्ध कराने और उसे शरण देने के आरोप में गिरफ्तार किया.
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि अभियुक्त नंदलाल को सिर्फ जोधपुर के लिए वीजा मिला था, लेकिन उसने बिना वीजा जैसलमेर में अवैध निवास किया. इस पर पुलिस ने उसके खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया. पूरी घटना को लेकर सीआईडी के एडी. एसपी राजीव दत्ता ने 18 अगस्त, 2016 को जैसलमेर के कोतवाली थाने में बिना नंबरी एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसे बाद में स्पेशल पुलिस स्टेशन, झालाना, जयपुर को भेज दिया गया.