नई दिल्ली : संसद का बजट सत्र लगातार बाधित चल रहा है. सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी-अपनी मांगों पर अड़े हैं, लिहाजा संसद में बहस नहीं हो पा रही है. मंगलवार को भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला. हालांकि, राज्यसभा में कुछ देर के लिए ही सही, लेकिन ऐसा लगा कि स्थिति सामान्य हो सकती है. राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के नेताओं का गर्मजोशी से अभिवादन किया.
दरअसल, दो बजे जैसे ही सभा की कार्यवाही शुरू हुई, तो सदन में किसी ने जय भीम, किसी ने जयश्रीराम तो किसी ने हर-हर महादेव कहा. कुछ देर के लिए लगा कि स्थिति सामान्य हो रही है. सभापति ने कहा कि बुधवार को देश के अलग-अलग हिस्सों में त्योहार है. इस दिन कोई उगादि, तो कोई गुड़ी पड़वा, तो कोई नवरेह मनाता है. कुछ सदस्यों ने कहा कि क्योंकि त्योहार है, इसलिए कल संसद की कार्यवाही बंद रहनी चाहिए. सभापति ने तुरंत अपनी सहमति दे दी.
फिर एक सदस्य ने कहा कि बहुत दिन हो गए हैं, आसन की ओर से कोई संदेश नहीं आया है. उन्होंने कहा कि उनका मतलब है कि किसी त्योहार को लेकर बधाई संदेश. सभापति ने कहा कि मैं अपनी तरफ से सभी देशवासियों को त्योहारों की बधाई देता हूं. उन्हें शुभकामनाएं देता हूं. इसके बाद सदस्यों ने उनका धन्यवाद किया.
इसी समय किसी ने कहा कि सर, रमजान का महीना भी शुरू हो रहा है. सभापति ने कहा कि हां, मैं उन्हें भी बधाई देता हूं. सभापति ने कहा कि मैंने तो 22 मार्च का ही जिक्र किया था, इसका मतलब है उस दिन पड़ने वाले सभी त्योहारों से है. तभी सभापति धनखड़ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष, मल्लिकार्जुन खड़गे, को पता होगा कि मैं कई पार्टियों में रह चुका हूं. उन्होंने आगे कहा कि मैं चौधरी देवीलाल, शरद पवार के साथ भी काम कर चुका हूं. उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस का भी सदस्य रह चुका हूं. उन्होंने कहा कि मेरे ज्यादातर दोस्त लेफ्ट साइड में ही हैं. उसके बाद धनखड़ ने कहा कि इन पार्टियों के साथ-साथ मैं उस पार्टी का भी सदस्य बना, जो आज धरती की सबसे बड़ी पार्टी है. उनका इशारा भाजपा की ओर था.
आपको बता दें कि जगदीप धनखड़ 1990 में चंद्रशेखर सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उसके बाद वह पीवी नरसिंह राव की सरकार में कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
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