श्रीनगर : पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत गिरफ्तार होने से पहले दो बार जमानत पर रिहा हुए कश्मीरी पत्रकार फहाद शाह (Kashmiri journalist Fahad Shah) पर पुलिस ने उनके पेशे का दुरुपयोग करने और घाटी में आतंक और भय को भड़काने का आरोप लगाया है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट को सौंपे गए एक डोजियर में आरोप लगाया है कि वह आईएसआई या अलगाववादी का प्रोपगेंडा के हिसाब से प्रभावित हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करती हैं.
डोजियर में कहा गया है कि फहाद समाचार पोर्टल के माध्यम से पत्रकारिता की नैतिकता के खिलाफ काम कर रहे हैं और राष्ट्र विरोधी सामग्री पोस्ट करके पेशे का दुरुपयोग कर रहे हैं जिसका देश की संप्रभुता और एकता पर बहुआयामी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. शाह पर अपने समाचार पोर्टल 'कश्मीरवाला' पर राष्ट्रविरोधी सामग्री पोस्ट करने का भी आरोप लगाया गया है. जिसका देश की संप्रभुता और एकता पर बहुआयामी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और पत्रकारिता की नैतिकता के खिलाफ भी है.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक महीने तक शाह के न्यूज पोर्टल पर प्रकाशित खबरों को देखने के बाद दावा किया कि शाह राज्य की एकता को तोड़ने के इरादे से पत्थर फेंकने वालों, आतंकवादियों और अलगाववाद और हिंसा की प्रशंसा करते हैं. शाह के खिलाफ पिछले मामलों का हवाला देते हुए डोजियर में कहा गया है कि शाह को जमानत पर रिहा कर दिया गया और उन्हें अपने तरीके सुधारने के कई अवसर दिए गए.
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कड़े कानून के तहत गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए पुलिस ने कहा कि पत्रकार अपनी गैरकानूनी गतिविधियों के माध्यम से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की सुरक्षा को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है और गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. बता दें कि, शाह को शुरू में 4 फरवरी को पुलवामा पुलिस ने आतंकवादी गतिविधियों का महिमामंडन करने और कानून लागू करने वाली एजेंसियों की छवि को खराब करने के अलावा देश के खिलाफ दुर्भावना और असंतोष पैदा करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया था.
शोपियां की एक अदालत द्वारा एक अलग मामले में जमानत दिए जाने के कुछ घंटों बाद ही फहाद शाह को श्रीनगर मामले में 5 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. एक महीने से अधिक समय में यह तीसरी बार है जब उसे गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने दावा किया है कि शाह के खिलाफ तीन अलग-अलग प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई हैं. पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर रेंज) विजय कुमार ने शाह की गिरफ्तारी के तुरंत बाद अपने बयान में कहा था कि फहाद शाह आम जनता को उग्रवाद की प्रशंसा करने, झूठी खबरें फैलाने और कानून व्यवस्था बिगाड़ने के लिए उकसा रहा था. वह तीन मामलों में वांछित था.