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Uttarkashi: सिलक्यारा टनल से हटाया गया 20 मीटर मलबा, मजदूरों के रेस्क्यू में लग सकते हैं दो दिन, 6 दिन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन

Uttarkashi Silkyara Tunnel Accident in Uttarakhand सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे 40 मजदूरों को निकालने में अभी एक से दो दिन का और वक्त लग सकता है. मजदूरों को सुरंग से निकालने के लिए देहरादून से ऑगर मशीन मंगवाई गई है, जिसकी मदद से ही मजदूरों की बाहर निकाला जाएगा. फिलहाल मजदूरों के पास पांच से छह दिन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 13, 2023, 5:20 PM IST

Updated : Nov 13, 2023, 7:18 PM IST

सिलक्यारा टनल से मजदूरों के रेस्क्यू में लग सकते हैं दो दिन का वक्त.

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): यमुनोत्री नेशनल हाईवे धरासू व बड़कोट के बीच सिलक्यारा के पास निर्माणाधीन टनल में हुए भूस्खलन हादसे के बाद से राहत व बचाव कार्य लगातार जारी है. निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन हादसे के बाद मौके पर पहुंचे आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने सुरंग के अंदर लैंडस्लाइड का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं. उन्हें पाइपलाइन के जरिए खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है.

  • #WATCH | Uttarakhand | On the Uttarkashi Tunnel accident, Ranjeet Kumar Sinha, State Disaster Management Secretary says "...Since there was soft rock, it collapsed due to pressure. Treatment for the same will be done later currently our primary responsibility is to rescue people… pic.twitter.com/BqRlMXmTlA

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने बताया कि देहरादून से बोरिंग के लिए ऑगर मशीन मंगवाई गई है. उस मशीन से बोरिंग कर ढाई फीट व्यास का पाइप डाला जाएगा, जिससे सभी मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा. इस काम में एक से दो दिन का समय लग सकता है.
पढ़ें- सीएम धामी ने उत्तरकाशी में लिया घटनास्थल का जायजा, टनल हादसे की पीएम मोदी ले रहे पल-पल अपडेट

आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि सुरंग के जिस हिस्से में भूस्खलन हुआ है, वहां पर सॉफ्ट रॉक है, जिसके चलते ये घटना घटी है. वहीं चूरा जैसा मलबा आया है. आपदा प्रबंधन सचिव के मुताबिक तीन तरीके से अंदर फंसे लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. सबसे पहले मजदूरों के लिए पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन, खाद्य सामग्री व पानी भेजा जा रहा है. वहीं मलबा हटाने के लिए जेसीबी व अन्य मशीनों की मदद ली जा रही है. इसके अलावा मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए देहरादून से ऑगर मशीन मंगवाई गई है. मशीन आने में चौबीस घंटे का समय लग सकता है.

  • #WATCH | Uttarakhand: On the Uttarkashi tunnel accident, SP Arpan Yaduvanshi says, "Rescue operation is underway, all the agencies and technical experts have arrived here. Out of the 60 metres of debris, over 20 metres of debris has been cleared. We expect to evacuate the 40… pic.twitter.com/EZN4f9qc11

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें- Uttarkashi Tunnel Accident: जिंदगी के लिए मौत से जंग, टनल में मलबा और पत्थर गिरने से रेस्क्यू कार्य में आ रही परेशानी

इस मशीन से सीवर लाइन बनाने की तरह बोरिंग की जाएगी. इससे ढाई फीट व्यास के पाइप डाले जाएंगे, जिससे सभी मजदूर बाहर आ जाएंगे. इस काम में एक से दो दिन का समय लग सकता है. जिस स्थान पर मजदूर हैं, वहां करीब पांच से छह दिन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन है. इसके अलावा पाइपलाइन से भी ऑक्सीजन भेजी जा रही है.

उत्तरकाशी सुरंग हादसे पर एसपी अर्पण यदुवंशी ने कहा कि-

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. सभी एजेंसिया और तकनीकी विशेषज्ञों की टीम घटना स्थल पर पहुंच चुकी है. 60 मीटर मलबे से 20 मीटर से ज्यादा मलबा हटा दिया गया है. सुरंग में अंदर फंसे 40 लोगों को पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन, भोजन और पानी भेजा जा रहा है. सुरंग में फंसे हुए परिवार के सदस्यों से भी संपर्क किया गया है.

बता दें कि, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में दीपावली के दिन यानी रविवार 12 नवंबर को सुबह करीब 5.30 बजे बड़ा हादसा हो गया था. यहां निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में मुहाने से करीब 230 मीटर अंदर मलबा और बोल्डर गिर गए थे, जिस समय ये हादसा हुआ टनल के अंदर 40 मजदूर मौजूद थे, जो सभी फिलहाल अंदर ही फंसे हुए हैं. उनको निकालने के लिए कल सुबह से ही रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.

सिलक्यारा टनल से मजदूरों के रेस्क्यू में लग सकते हैं दो दिन का वक्त.

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): यमुनोत्री नेशनल हाईवे धरासू व बड़कोट के बीच सिलक्यारा के पास निर्माणाधीन टनल में हुए भूस्खलन हादसे के बाद से राहत व बचाव कार्य लगातार जारी है. निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन हादसे के बाद मौके पर पहुंचे आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने सुरंग के अंदर लैंडस्लाइड का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं. उन्हें पाइपलाइन के जरिए खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है.

  • #WATCH | Uttarakhand | On the Uttarkashi Tunnel accident, Ranjeet Kumar Sinha, State Disaster Management Secretary says "...Since there was soft rock, it collapsed due to pressure. Treatment for the same will be done later currently our primary responsibility is to rescue people… pic.twitter.com/BqRlMXmTlA

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने बताया कि देहरादून से बोरिंग के लिए ऑगर मशीन मंगवाई गई है. उस मशीन से बोरिंग कर ढाई फीट व्यास का पाइप डाला जाएगा, जिससे सभी मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा. इस काम में एक से दो दिन का समय लग सकता है.
पढ़ें- सीएम धामी ने उत्तरकाशी में लिया घटनास्थल का जायजा, टनल हादसे की पीएम मोदी ले रहे पल-पल अपडेट

आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि सुरंग के जिस हिस्से में भूस्खलन हुआ है, वहां पर सॉफ्ट रॉक है, जिसके चलते ये घटना घटी है. वहीं चूरा जैसा मलबा आया है. आपदा प्रबंधन सचिव के मुताबिक तीन तरीके से अंदर फंसे लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. सबसे पहले मजदूरों के लिए पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन, खाद्य सामग्री व पानी भेजा जा रहा है. वहीं मलबा हटाने के लिए जेसीबी व अन्य मशीनों की मदद ली जा रही है. इसके अलावा मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए देहरादून से ऑगर मशीन मंगवाई गई है. मशीन आने में चौबीस घंटे का समय लग सकता है.

  • #WATCH | Uttarakhand: On the Uttarkashi tunnel accident, SP Arpan Yaduvanshi says, "Rescue operation is underway, all the agencies and technical experts have arrived here. Out of the 60 metres of debris, over 20 metres of debris has been cleared. We expect to evacuate the 40… pic.twitter.com/EZN4f9qc11

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें- Uttarkashi Tunnel Accident: जिंदगी के लिए मौत से जंग, टनल में मलबा और पत्थर गिरने से रेस्क्यू कार्य में आ रही परेशानी

इस मशीन से सीवर लाइन बनाने की तरह बोरिंग की जाएगी. इससे ढाई फीट व्यास के पाइप डाले जाएंगे, जिससे सभी मजदूर बाहर आ जाएंगे. इस काम में एक से दो दिन का समय लग सकता है. जिस स्थान पर मजदूर हैं, वहां करीब पांच से छह दिन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन है. इसके अलावा पाइपलाइन से भी ऑक्सीजन भेजी जा रही है.

उत्तरकाशी सुरंग हादसे पर एसपी अर्पण यदुवंशी ने कहा कि-

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. सभी एजेंसिया और तकनीकी विशेषज्ञों की टीम घटना स्थल पर पहुंच चुकी है. 60 मीटर मलबे से 20 मीटर से ज्यादा मलबा हटा दिया गया है. सुरंग में अंदर फंसे 40 लोगों को पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन, भोजन और पानी भेजा जा रहा है. सुरंग में फंसे हुए परिवार के सदस्यों से भी संपर्क किया गया है.

बता दें कि, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में दीपावली के दिन यानी रविवार 12 नवंबर को सुबह करीब 5.30 बजे बड़ा हादसा हो गया था. यहां निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में मुहाने से करीब 230 मीटर अंदर मलबा और बोल्डर गिर गए थे, जिस समय ये हादसा हुआ टनल के अंदर 40 मजदूर मौजूद थे, जो सभी फिलहाल अंदर ही फंसे हुए हैं. उनको निकालने के लिए कल सुबह से ही रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.

Last Updated : Nov 13, 2023, 7:18 PM IST
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