नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाने वाली परेड फ्लोट के दृश्य सामने आने के बाद गुरुवार को उत्तर अमेरिकी देश की कड़ी आलोचना करते हुए आश्चर्य जताया कि वह चरमपंथियों को जगह क्यों देता है. जयशंकर ने विदेश नीति के संदर्भ में पिछले नौ वर्षों में केंद्र की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, मुझे नहीं पता कि कनाडा ऐसा क्यों करता है.
उन्होंने कहा कि चरमपंथी तत्वों को जगह देना उसके लिए सही नहीं है. उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से वोट बैंक की राजनीति की आवश्यकताओं के अलावा इसका क्या कारण हो सकता है, यह हम नहीं समझ पा रहे हैं. मुझे लगता है कि अलगाववादियों, चरमपंथियों, हिंसा की वकालत करने वाले लोगों को दी गई जगह के बारे में एक बड़ा अंतर्निहित मुद्दा है.
कनाडा सरकार के एक अधिकारी द्वारा भारत पर अपने मामलों में दखल देने का आरोप लगाने के सवाल पर जयशंकर ने कहा कि बल्कि हमें कनाडा के खिलाफ खालिस्तानी तत्वों को दी जाने वाली जगह पर शिकायतें हैं. यह उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात हुई. मंत्री ने आगे कहा कि खालिस्तानी तत्वों द्वारा हंगामा करने की ऐसी घटनाएं ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे कई अन्य देशों में भी हुई हैं.
जयशंकर ने कहा कि इन सभी देशों से हमारा अनुरोध है कि इन्हें गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि ये सीमांत तत्व हैं और काफी कम संख्या में हैं. इस बीच, कई भारतीय छात्रों के फर्जी प्रवेश के कारण कनाडा में निर्वासन का सामना करने के मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि उन्हें किसी और के अपराध के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए. विदेश मंत्री ने कहा कि छात्रों ने अच्छे विश्वास के साथ उन कॉलेजों में प्रवेश लिया और अध्ययन किया और उन्हें दंडित करना अनुचित है.
जयशंकर ने कहा कि कुछ समय से छात्रों का यह मामला है, जिसमें कनाडाई कहते हैं कि उन्होंने उस कॉलेज में अध्ययन नहीं किया जिसमें उन्हें होना चाहिए था और जब उन्होंने वर्क परमिट के लिए आवेदन किया तो वे मुश्किल में पड़ गए. सैकड़ों भारतीय छात्र, मुख्य रूप से पंजाब से, कनाडा से निर्वासन का सामना कर रहे हैं, क्योंकि वहां के अधिकारियों ने शैक्षणिक संस्थानों का दाखिला प्रस्ताव पत्र नकली पाया.
जयशंकर ने कहा कि शुरुआत से ही, हमने इस मामले को उठाया है और हमारा कहना है कि छात्रों ने नेक नीयत से पढ़ाई की है. अगर ऐसे लोग हैं जिन्होंने उन्हें गुमराह किया है, तो दोषी पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. एक छात्र को दंडित करना अनुचित है, जिसने अपना काम किया है. मुझे लगता है कि कनाडा के लोग भी स्वीकार करते हैं कि अगर किसी छात्र ने कोई गलत काम नहीं किया है तो यह अनुचित होगा। हम दबाव डालना जारी रखेंगे.
(आईएएनएस)