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आयकर विभाग ने सूखे मेवों के कारोबारी के यहां छापे में 200 करोड़ के कालेधन का पता लगाया

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा कि आयकर विभाग ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर और पंजाब में सूखे मेवों के कारोबार से जुड़े लोगों के यहां छापेमारी के बाद 200 करोड़ रुपये से अधिक की बिना हिसाब की आय का पता लगाया है.

आयकर विभाग
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Published : Nov 5, 2021, 5:55 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि आयकर विभाग ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर और पंजाब में सूखे मेवों के कारोबार से जुड़े लोगों के यहां छापेमारी के बाद 200 करोड़ रुपये से अधिक की बिना हिसाब की आय का पता लगाया है.

बोर्ड ने बताया कि यह छापेमारी 28 अक्टूबर को की गई. यह समूह पिछले कुछ महीनों से सूखे मेवों की खरीद 'बढ़ा-चढ़ाकर' दिखा रहा था.

बयान में कहा गया, 'जब्त किए गए सबूत इस तथ्य का भी समर्थन करते हैं कि समूह के निदेशकों ने ऐसी खरीद के लिए किए गए भुगतान के बदले बिना हिसाब की नकदी भी प्राप्त की.'

इसमें कहा गया, 'एक कारोबारी जिसकी जांच की गई वह निर्धारित खातों के समानांतर बही खातों में भी हिसाब रख रहा था और दोनों बही खातों में दर्ज की गई बिक्री और खरीद के बीच काफी ज्यादा अंतर था.'

कर विभाग के लिए नीति-निर्माण निकाय ने बयान में आरोप लगाया कि इन समूहों में से एक सूखे मेवों की बिना हिसाब की खरीद और बिक्री में शामिल था.

यह भी पढ़ें-कर्नाटक में आईटी के ताबड़तोड़ छापे, रेड रिकॉर्ड पर नजर

बोर्ड ने दावा किया, '40 करोड़ रुपये का अतिरिक्त स्टॉक पाया गया है. जब्त की गई सामग्री और एकत्र किए गए सबूतों के विश्लेषण से पता चलता है कि समूहों में से एक बेनामी स्वामित्व वाली कंपनी भी चला रहा है.'

दोनों समूहों में, आयकर अधिनियम की धारा 80IB (कुछ औद्योगिक उपक्रमों से लाभ और लाभ के संबंध में कटौती) के तहत कटौती का दावा 'वास्तविक नहीं' पाया गया है और इसके लगभग 30 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.

इसमें कहा गया, 'तलाशी कार्रवाई में 63 लाख रुपये की बिना हिसाब की नकदी और दो करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए गए और 200 करोड़ रुपये से अधिक की बिना हिसाब की आय का पता चला.'

बयान में कहा गया कि 14 बैंक खातों से लेन-देन पर भी रोक लगाई गई है.

(पीटीआई)

नई दिल्ली : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि आयकर विभाग ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर और पंजाब में सूखे मेवों के कारोबार से जुड़े लोगों के यहां छापेमारी के बाद 200 करोड़ रुपये से अधिक की बिना हिसाब की आय का पता लगाया है.

बोर्ड ने बताया कि यह छापेमारी 28 अक्टूबर को की गई. यह समूह पिछले कुछ महीनों से सूखे मेवों की खरीद 'बढ़ा-चढ़ाकर' दिखा रहा था.

बयान में कहा गया, 'जब्त किए गए सबूत इस तथ्य का भी समर्थन करते हैं कि समूह के निदेशकों ने ऐसी खरीद के लिए किए गए भुगतान के बदले बिना हिसाब की नकदी भी प्राप्त की.'

इसमें कहा गया, 'एक कारोबारी जिसकी जांच की गई वह निर्धारित खातों के समानांतर बही खातों में भी हिसाब रख रहा था और दोनों बही खातों में दर्ज की गई बिक्री और खरीद के बीच काफी ज्यादा अंतर था.'

कर विभाग के लिए नीति-निर्माण निकाय ने बयान में आरोप लगाया कि इन समूहों में से एक सूखे मेवों की बिना हिसाब की खरीद और बिक्री में शामिल था.

यह भी पढ़ें-कर्नाटक में आईटी के ताबड़तोड़ छापे, रेड रिकॉर्ड पर नजर

बोर्ड ने दावा किया, '40 करोड़ रुपये का अतिरिक्त स्टॉक पाया गया है. जब्त की गई सामग्री और एकत्र किए गए सबूतों के विश्लेषण से पता चलता है कि समूहों में से एक बेनामी स्वामित्व वाली कंपनी भी चला रहा है.'

दोनों समूहों में, आयकर अधिनियम की धारा 80IB (कुछ औद्योगिक उपक्रमों से लाभ और लाभ के संबंध में कटौती) के तहत कटौती का दावा 'वास्तविक नहीं' पाया गया है और इसके लगभग 30 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.

इसमें कहा गया, 'तलाशी कार्रवाई में 63 लाख रुपये की बिना हिसाब की नकदी और दो करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए गए और 200 करोड़ रुपये से अधिक की बिना हिसाब की आय का पता चला.'

बयान में कहा गया कि 14 बैंक खातों से लेन-देन पर भी रोक लगाई गई है.

(पीटीआई)

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