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Chandrayaan-3 मिशन के बाद आदित्य-एल1, जो सूर्य का करेगा अध्ययन, जानें कब होगा लॉन्च - Aditya L1 will study Sun

चंद्रमा के लिए चंद्रयान 3 मिशन के बाद अब इसरो की नजर सूर्य पर है. सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष आधारित भारतीय वेधशाला आदित्य-एल1 प्रक्षेपण के लिए तैयार है. यह जानकारी इसरो के एक अधिकारी ने दी.

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Published : Aug 22, 2023, 4:26 PM IST

बेंगलुरु : चंद्रयान-3 मिशन के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की प्रक्षेपण सूची बेहद लंबी है. आने वाले दिनों में इसरो द्वारा किये जाने वाले प्रक्षेपणों में सूर्य का अध्ययन करने के लिए एक मिशन, जलवायु अवलोकन उपग्रह का प्रक्षेपण, गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के तहत एक प्रायोगिक यान और भारत-अमेरिका सिंथेटिक एपर्चर रडार का प्रक्षेपण शामिल है. इसरो के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसके अलावा एक्सपोसैट (एक्स-रे पोलारीमीटर उपग्रह) भी प्रक्षेपण के लिए तैयार है जो चरम स्थितियों में चमकदार खगोलीय एक्स-रे स्रोतों की विभिन्न गतिशीलता का अध्ययन करने वाला देश का पहला समर्पित पोलारीमेट्री मिशन है. सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला, आदित्य-एल1, प्रक्षेपण के लिए तैयार हो रही है, इसका प्रक्षेपण संभवतः सितंबर के पहले सप्ताह में किया जाएगा.

इसरो अध्यक्ष सोमनाथ एस. के अनुसार, अंतरिक्ष एजेंसी ने एक जलवायु अवलोकन उपग्रह इनसैट-3डीएस के प्रक्षेपण की भी योजना बनाई है. देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के लिए 'क्रू एस्केप सिस्टम' के सत्यापन के लिए एक परीक्षण वाहन मिशन का प्रक्षेपण भी जल्द ही होने की उम्मीद है. सोमनाथ ने 15 अगस्त को इसरो मुख्यालय में अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में कहा, "(फिर) हमें भारत-अमेरिका निर्मित सिंथेटिक एपर्चर रडार 'निसार' प्रक्षेपित करना है. इसलिए हमारे प्रक्षेपण की सूची लंबी है." सोमनाथ ने कहा था, "आने वाले दिनों में हम अपनी सुरक्षा के लिए भी बड़ी संख्या में उपग्रह बनाने जा रहे हैं."

पढ़ें : तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा चंद्रयान-3 मिशन, सुचारू संचालन जारी: इसरो

इसरो अधिकारियों के अनुसार, नासा-इसरो एसएआर (निसार) एक निगरानी उपग्रह है जिसे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और इसरो द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि निसार 12 दिनों में पूरे विश्व का मानचित्रण करेगी और पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र, बर्फ द्रव्यमान, वनस्पति, समुद्र स्तर में वृद्धि, भूजल तथा भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन सहित प्राकृतिक खतरों में परिवर्तन को समझने के लिए स्थानिक और अस्थायी रूप से सुसंगत डेटा प्रदान करेगी. गगनयान मानव अंतरिक्ष (मानवयुक्त) उड़ान मिशन शुरू करने से पहले, इसरो ने दो मानवरहित मिशन की योजना बनाई है. इसरो के एक अधिकारी ने कहा, "हम अगले साल की शुरुआत तक (दो में से पहले) मानवरहित क्रू मॉड्यूल मिशन के लिए तैयारी कर रहे हैं."

(पीटीआई-भाषा)

बेंगलुरु : चंद्रयान-3 मिशन के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की प्रक्षेपण सूची बेहद लंबी है. आने वाले दिनों में इसरो द्वारा किये जाने वाले प्रक्षेपणों में सूर्य का अध्ययन करने के लिए एक मिशन, जलवायु अवलोकन उपग्रह का प्रक्षेपण, गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के तहत एक प्रायोगिक यान और भारत-अमेरिका सिंथेटिक एपर्चर रडार का प्रक्षेपण शामिल है. इसरो के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसके अलावा एक्सपोसैट (एक्स-रे पोलारीमीटर उपग्रह) भी प्रक्षेपण के लिए तैयार है जो चरम स्थितियों में चमकदार खगोलीय एक्स-रे स्रोतों की विभिन्न गतिशीलता का अध्ययन करने वाला देश का पहला समर्पित पोलारीमेट्री मिशन है. सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला, आदित्य-एल1, प्रक्षेपण के लिए तैयार हो रही है, इसका प्रक्षेपण संभवतः सितंबर के पहले सप्ताह में किया जाएगा.

इसरो अध्यक्ष सोमनाथ एस. के अनुसार, अंतरिक्ष एजेंसी ने एक जलवायु अवलोकन उपग्रह इनसैट-3डीएस के प्रक्षेपण की भी योजना बनाई है. देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के लिए 'क्रू एस्केप सिस्टम' के सत्यापन के लिए एक परीक्षण वाहन मिशन का प्रक्षेपण भी जल्द ही होने की उम्मीद है. सोमनाथ ने 15 अगस्त को इसरो मुख्यालय में अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में कहा, "(फिर) हमें भारत-अमेरिका निर्मित सिंथेटिक एपर्चर रडार 'निसार' प्रक्षेपित करना है. इसलिए हमारे प्रक्षेपण की सूची लंबी है." सोमनाथ ने कहा था, "आने वाले दिनों में हम अपनी सुरक्षा के लिए भी बड़ी संख्या में उपग्रह बनाने जा रहे हैं."

पढ़ें : तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा चंद्रयान-3 मिशन, सुचारू संचालन जारी: इसरो

इसरो अधिकारियों के अनुसार, नासा-इसरो एसएआर (निसार) एक निगरानी उपग्रह है जिसे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और इसरो द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि निसार 12 दिनों में पूरे विश्व का मानचित्रण करेगी और पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र, बर्फ द्रव्यमान, वनस्पति, समुद्र स्तर में वृद्धि, भूजल तथा भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन सहित प्राकृतिक खतरों में परिवर्तन को समझने के लिए स्थानिक और अस्थायी रूप से सुसंगत डेटा प्रदान करेगी. गगनयान मानव अंतरिक्ष (मानवयुक्त) उड़ान मिशन शुरू करने से पहले, इसरो ने दो मानवरहित मिशन की योजना बनाई है. इसरो के एक अधिकारी ने कहा, "हम अगले साल की शुरुआत तक (दो में से पहले) मानवरहित क्रू मॉड्यूल मिशन के लिए तैयारी कर रहे हैं."

(पीटीआई-भाषा)

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