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केरल : मजदूरों ने जबरन वसूली के लिए इसरो का ट्रक रोका - नोक्कू-कूली की प्रथा

तिरुवनंतपुरम में संगठित मजदूरों ने कथित तौर पर जबरन मजदूरी की मांग करते हुए इसरो के ट्रक को रोक दिया. सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया.

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Published : Sep 5, 2021, 7:03 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल हाई कोर्ट के 'नोक्कू-कूली' (Nokku-Kooli) की प्रथा खत्म करने के सख्त निर्देश के कुछ ही दिनों बाद, रविवार को मजदूरों ने इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के एक ट्रक को कथित तौर पर मजदूरी की मांग करते हुए रोक दिया.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें इसरो से शिकायत मिली, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और श्रमिकों को तिरुवनंतपुरम के थुंबा में स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) सुविधा में ट्रक के प्रवेश करने से रोकते हुए पाया.

थुंबा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि इसके बाद मामला सुलझा लिया गया और आयुक्त समेत पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मजदूर वहां से चले गए.

'नोक्कू-कूली' का शाब्दिक अर्थ है 'मजदूरी हासिल करना'. यह एक ऐसी प्रथा है, जिसके तहत संगठित श्रमिक संघों द्वारा जबरन वसूली की जाती है.

इस मुद्दे पर कोल्लम के एक व्यवसायी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि सिर पर सामान ढोने वाले श्रमिकों के अधिकारों को कानूनी रूप से संरक्षित किया जाना चाहिए और नोक्कू-कूली की मांग करने वालों पर कार्रवाई की मांग करने वाली याचिकाएं बढ़ रही थीं.

हाई कोर्ट ने कहा था कि नोक्कू-कूली की प्रथा केरल की छवि को खराब कर रही है. इसे खत्म किया जाना चाहिए. इससे राज्य के बारे में गलत धारणा बन रही है. साथ ही अदालत ने इस बात पर जोर दिया था कि सिर पर सामान ढोने वाले श्रमिकों के अधिकारों की भी रक्षा की जानी चाहिए.

यह भी पढ़ें- निपाह वायरस से बच्चे की मौत के बाद केंद्रीय दल केरल रवाना

बता दें कि केरल सरकार ने 01 मई 2018 को, राज्य में नोक्कू-कूली प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बावजूद इस पर पूर्ण रोक नहीं लग पाई है.

तिरुवनंतपुरम : केरल हाई कोर्ट के 'नोक्कू-कूली' (Nokku-Kooli) की प्रथा खत्म करने के सख्त निर्देश के कुछ ही दिनों बाद, रविवार को मजदूरों ने इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के एक ट्रक को कथित तौर पर मजदूरी की मांग करते हुए रोक दिया.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें इसरो से शिकायत मिली, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और श्रमिकों को तिरुवनंतपुरम के थुंबा में स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) सुविधा में ट्रक के प्रवेश करने से रोकते हुए पाया.

थुंबा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि इसके बाद मामला सुलझा लिया गया और आयुक्त समेत पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मजदूर वहां से चले गए.

'नोक्कू-कूली' का शाब्दिक अर्थ है 'मजदूरी हासिल करना'. यह एक ऐसी प्रथा है, जिसके तहत संगठित श्रमिक संघों द्वारा जबरन वसूली की जाती है.

इस मुद्दे पर कोल्लम के एक व्यवसायी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि सिर पर सामान ढोने वाले श्रमिकों के अधिकारों को कानूनी रूप से संरक्षित किया जाना चाहिए और नोक्कू-कूली की मांग करने वालों पर कार्रवाई की मांग करने वाली याचिकाएं बढ़ रही थीं.

हाई कोर्ट ने कहा था कि नोक्कू-कूली की प्रथा केरल की छवि को खराब कर रही है. इसे खत्म किया जाना चाहिए. इससे राज्य के बारे में गलत धारणा बन रही है. साथ ही अदालत ने इस बात पर जोर दिया था कि सिर पर सामान ढोने वाले श्रमिकों के अधिकारों की भी रक्षा की जानी चाहिए.

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बता दें कि केरल सरकार ने 01 मई 2018 को, राज्य में नोक्कू-कूली प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बावजूद इस पर पूर्ण रोक नहीं लग पाई है.

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