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ISRO Espionage : गुजरात के सेवानिवृत्त डीजीपी को अंतरिम राहत

इसरो जासूसी मामले (ISRO Espionage) में गुजरात के सेवानिवृत्त डीजीपी (Ex DGP Gujarat) को अंतरिम राहत मिल गई है. केरल हाईकोर्ट में इसरो जासूसी प्रकरण से जुड़े एक केस की सुनवाई के बाद पूर्व डीजीपी को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण मिला.

ISRO Espionage
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Published : Jul 29, 2021, 8:43 PM IST

कोच्चि : केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने गुजरात के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर बी श्रीकुमार को कथित इसरो जासूसी (ISRO Espionage) मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया. विभिन्न अपराधों को लेकर सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में अग्रिम जमानत का अनुरोध करने वाली श्रीकुमार की याचिका (Sreekumar bail plea) पर न्यायमूर्ति के. हरिपाल (Justice K Haripal Sreekumar) ने अंतरिम राहत प्रदान की.

इन अपराधों में वैज्ञानिक एन नारायणन की गिरफ्तारी और हिरासत के संबंध में 1994 के मामले में आपराधिक साजिश, अपहरण और सबूत गढ़ना शामिल है.

गुरुवार को याचिकाकर्ता के वकील पी मार्टिन जोस ने कहा कि अदालत ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को अगली सुनवाई तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. अदालत सोमवार को संबद्ध मामलों के साथ इस मामले पर विचार करेगी.

श्रीकुमार तिरुवनंतपुरम में गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) के उप निदेशक के रूप में तैनात थे और फिर आईबी में आईजीपी के तौर पर पदोन्नत किये गए और गुजरात कैडर में वापस भेजे जाने से पहले जुलाई 2000 तक इस पद पर बने रहे.

उच्च न्यायालय ने केरल के दो पूर्व पुलिस अधिकारियों को भी मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया. सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में श्रीकुमार समेत 18 पूर्व पुलिस अधिकारियों को नामजद किया है.

यह भी पढ़ें- इसरो जासूसी केस: दोषी अधिकारियों की भूमिका की और होगी जांच, SC का CBI को निर्देश

अंतरिक्ष एजेंसी के तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र में काम कर रहे नारायणन को सीबीआई जांच के बाद जासूसी के आरोप मुक्त कर दिया गया था. बाद में, उन्होंने केरल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

(पीटीआई-भाषा)

कोच्चि : केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने गुजरात के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर बी श्रीकुमार को कथित इसरो जासूसी (ISRO Espionage) मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया. विभिन्न अपराधों को लेकर सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में अग्रिम जमानत का अनुरोध करने वाली श्रीकुमार की याचिका (Sreekumar bail plea) पर न्यायमूर्ति के. हरिपाल (Justice K Haripal Sreekumar) ने अंतरिम राहत प्रदान की.

इन अपराधों में वैज्ञानिक एन नारायणन की गिरफ्तारी और हिरासत के संबंध में 1994 के मामले में आपराधिक साजिश, अपहरण और सबूत गढ़ना शामिल है.

गुरुवार को याचिकाकर्ता के वकील पी मार्टिन जोस ने कहा कि अदालत ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को अगली सुनवाई तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. अदालत सोमवार को संबद्ध मामलों के साथ इस मामले पर विचार करेगी.

श्रीकुमार तिरुवनंतपुरम में गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) के उप निदेशक के रूप में तैनात थे और फिर आईबी में आईजीपी के तौर पर पदोन्नत किये गए और गुजरात कैडर में वापस भेजे जाने से पहले जुलाई 2000 तक इस पद पर बने रहे.

उच्च न्यायालय ने केरल के दो पूर्व पुलिस अधिकारियों को भी मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया. सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में श्रीकुमार समेत 18 पूर्व पुलिस अधिकारियों को नामजद किया है.

यह भी पढ़ें- इसरो जासूसी केस: दोषी अधिकारियों की भूमिका की और होगी जांच, SC का CBI को निर्देश

अंतरिक्ष एजेंसी के तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र में काम कर रहे नारायणन को सीबीआई जांच के बाद जासूसी के आरोप मुक्त कर दिया गया था. बाद में, उन्होंने केरल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

(पीटीआई-भाषा)

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