नई दिल्ली: हालांकि इजरायल में फ़िलिस्तीनी कैदियों के बदले हमास द्वारा बंधकों की रिहाई के लिए बातचीत चल रही है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों पक्षों के बीच गहरे अविश्वास के कारण पूरी प्रक्रिया जटिल होगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल की 100 बंधकों को छोड़ने की मांग के जवाब में हमास 70 बंधकों को रिहा करने पर सहमत हो गया है.
दूसरी ओर, इज़रायल कथित तौर पर 120 फ़िलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों को अपनी जेलों से मुक्त करने पर सहमत हो गया है. इजरायल के विनिमय प्रक्रिया के लिए पांच दिवसीय संघर्ष विराम पर भी सहमत होने की संभावना है. हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमले के बाद करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया था. बाद में, दो अमेरिकी नागरिकों सहित चार बंधकों को रिहा कर दिया गया, जबकि एक बंधक को इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) ने बचा लिया.
आईडीएफ के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जोनाथन कॉर्निकस के अनुसार, हमास ने वर्तमान में कम से कम 240 लोगों को बंधक बना रखा है. 7 अक्टूबर से पहले जब इजरायल-हमास युद्ध छिड़ा था, तब इजरायली जेलों में 33 महिलाओं और 170 नाबालिगों सहित लगभग 5,200 फ़िलिस्तीनी बंद थे.
हालांकि, कैदियों के अधिकारों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन Addameer की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 7 अक्टूबर के बाद यह संख्या बढ़कर लगभग 7,000 हो गई है. इनमें 62 महिलाएं और 200 बच्चे शामिल हैं. इराक और जॉर्डन में पूर्व भारतीय राजदूत आर दयाकर, जो विदेश मंत्रालय के पश्चिम एशिया डेस्क में भी कार्यरत थे, उन्होंने ईटीवी भारत से बात की.
दयाकर ने कहा कि हमास 7 अक्टूबर को अपहृत किए गए इजरायली बंधकों के बदले में इजरायली जेलों से कुछ फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा कराने के अपने उद्देश्य को आंशिक रूप से प्राप्त करेगा. यह हमास के साथ इजरायल की पांच सप्ताह की संघर्षपूर्ण लड़ाई के बावजूद है। हमास-इजरायल संबंधों में गहरे अविश्वास को देखते हुए, पांच दिनों के संक्षिप्त युद्धविराम से जुड़ी विनिमय प्रक्रिया एक जटिल अभ्यास होगी.
मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस में एसोसिएट फेलो एस सैमुअल सी राजीव के अनुसार, इजरायल में फिलिस्तीनी कैदियों के बदले हमास द्वारा बंधकों की रिहाई के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत शुरू करने में अमेरिकी हित एक महत्वपूर्ण कारक रहा है. राजीव ने कहा कि ऐसे 10 अमेरिकी हैं, जिनका कोई पता नहीं है और माना जाता है कि वे हमास की हिरासत में हैं.
उन्होंने कहा कि एक तीन साल का अमेरिकी बच्चा भी है, जिसके माता-पिता दोनों मारे गए थे. अमेरिकी समाधान चाहते हैं. लेकिन इसरायल एक ठोस समझौता चाहता है. राजीव ने कहा कि आईडीएफ गाजा के अल रान्तिसी अस्पताल गया और वहां बंधकों को रखे जाने के सबूत मिले. उन्होंने कहा कि हमास जिन बंधकों को रिहा करेगा, वह उनकी जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल - बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों - पर निर्भर करेगा.
राजीव ने आगे कहा, हालांकि, जिस चीज़ ने बातचीत की प्रक्रिया को जटिल बना दिया है, वह यह है कि यह अप्रत्यक्ष तरीके से हो रही है. राजीव ने कहा कि वार्ता में कतर, मिस्र, सीआईए और मोसाद शामिल हैं. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. हालांकि, गाजा में संचार लाइनें काट दी गई हैं और इससे प्रक्रिया कठिन हो रही है.
यही कारण है कि उस समय-सीमा का अनुमान लगाना कठिन है जिसके भीतर विनिमय प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. गौरतलब है कि 2006 में हमास से जुड़े आतंकवादियों ने सीमा पार छापेमारी के दौरान इजरायली सैनिक गिलाद शालित को पकड़ लिया था. उन्होंने शालित को पांच साल तक बंदी बनाए रखा, जब तक कि उसे इज़रायल द्वारा रखे गए 1,000 फ़िलिस्तीनी कैदियों के बदले नहीं दे दिया गया.
राजीव ने बताया कि मौजूदा युद्ध में इजरायल का प्राथमिक उद्देश्य हमास को खत्म करना है. वहीं, हमास भी लगातार अड़े हुए है. दयाकर ने कहा कि पांच सप्ताह की लड़ाई के बाद भी आदान-प्रदान के विचार से पता चलता है कि हमास परास्त होने से बहुत दूर है और अभी भी बंधकों की रिहाई के लिए शर्तें रखने की स्थिति में है. हालांकि, यह एक अच्छा संकेत है जो शेष बंधकों की रिहाई के लिए शुभ संकेत है.