नई दिल्ली: गृह मंत्रालय (एमएचए) पाकिस्तान से आने वाले ड्रोनों से लड़ने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को हथियार देने के लिए इजरायल निर्मित एंटी ड्रोन सिस्टम खरीद सकता है. क्योंकि पड़ोसी देश ने भारत में ड्रग्स, हथियार और गोला-बारूद तस्करी के लिए चीन निर्मित उच्च गुणवत्ता वाले ड्रोन का उपयोग करना शुरू कर दिया है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर गुरुवार को इस संवाददाता को बताया, 'सरकार ऐसी एंटी-ड्रोन तकनीक के लिए इजरायल की दो अलग-अलग कंपनियों से बातचीत कर रही है. सरकार इस तथ्य से अवगत है कि सीमा पार से भारत में ड्रग्स और हथियार और गोला-बारूद पहुंचाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है.'
अधिकारी ने कहा कि सरकार घरेलू निर्माताओं द्वारा बनाए गए ड्रोन खरीदने की भी प्रक्रिया में है. गौरतलब है कि भारत सरकार ने पहले पाकिस्तान के साथ अपनी अस्थिर सीमा पर 'क्विक रिस्पॉन्स टीम' तंत्र वाली इज़रायल-विकसित स्मार्ट बाड़ प्रणाली तैनात की थी. यही प्रणाली भारत-बांग्लादेश सीमा के एक छोटे से हिस्से पर लागू की जा रही है.
ईटीवी भारत के पास उपलब्ध सरकारी आंकड़ों में कहा गया है कि पिछले एक महीने में भारत-पाकिस्तान सीमा पर सीमा सुरक्षा एजेंसी-बीएसएफ द्वारा कम से कम 12 उच्च गुणवत्ता वाले ड्रोनों को मार गिराया गया है, जो ड्रग्स और नशीले पदार्थ ले जा रहे थे. ये नए एचडी ड्रोन महत्वपूर्ण ऊंचाई पर उड़ सकते हैं और बढ़ी हुई गति के साथ भारी पेलोड ले जा सकते हैं. बुधवार को विशेष सूचना के आधार पर बीएसएफ के जवानों ने पंजाब के तरनतारन जिले के मियांवाला गांव के पास एक संदिग्ध ड्रोन गतिविधि को रोका.
बीएसएफ ने कहा कि 'हमारे जवानों के तलाशी अभियान के बाद हमने सीमा के आगे खेत से एक ड्रोन और एक छोटी प्लास्टिक की बोतल बरामद की, जिसमें हेरोइन (534 ग्राम) होने का संदेह था, जो सफेद चिपकने वाली टेप में लिपटी हुई थी और इसके साथ एक धातु की रिंग भी जुड़ी हुई थी.'
बरामद ड्रोन चीन निर्मित क्वाडकॉप्टर-मॉडल डीजेआई माविक 3 क्लासिक है. अधिकारी ने कहा कि 'यह नवीनतम घटना थी जहां तस्कर और आतंकवादी उच्च तकनीक वाले ड्रोन का उपयोग करके भारत में नशीले पदार्थों को भेजने की कोशिश कर रहे थे.'
इससे पहले सोमवार को बीएसएफ ने एक और ड्रोन, एक क्वाडकॉप्टर-मॉडल-डीजेआई मैट्रिस आरटीके 300 भी बरामद किया था, जो चीन में बना था. अधिकारी ने कहा कि 'ये नए एचडी ड्रोन महत्वपूर्ण ऊंचाई पर उड़ सकते हैं और बढ़ी हुई गति के साथ भारी पेलोड ले जा सकते हैं. पहले पाकिस्तान सस्ते ड्रोन का इस्तेमाल करता था.'
ये उच्च गति वाले एचडी ड्रोन हैं, जो माइनस -20 डिग्री से लेकर 50 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में काम करने में सक्षम हैं, जो बहुआयामी सेंसिंग और पोजिशनिंग से लैस हैं. अधिकारी ने बताया कि वे लगभग एक घंटे तक उड़ान भर सकते हैं और एक बार चार्ज करने पर 80-90 किमी की दूरी तय कर सकते हैं.
सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता की बात यह है कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर रहने वाले स्थानीय लोगों को तस्करों द्वारा ड्रग्स की खेप इकट्ठा करने और उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए भर्ती किया जा रहा है. अधिकारी ने कहा कि 'हमारे लोग सीमावर्ती लोगों के साथ निकटता से बातचीत कर रहे हैं ताकि हम भारत विरोधी ताकतों के नापाक मंसूबों को नाकाम कर सकें.'