नई दिल्ली : आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) में कथित तौर पर शामिल भारतीय छात्र अफगानिस्तान में एक आत्मघाती हमले में मारा गया. 'वॉयस ऑफ खुरासान' में इसका खुलासा किया गया है. उसकी पहचान नजीब अल हिंदी के रूप में 'भारतीय लड़ाके' में की गई है. वह केरल का रहने वाला था. आतंकी संगठन ने उसकी मौत के बाद तारीफ में कसीदे भी गढ़े हैं. हालांकि ये नहीं बताया गया कि वह कब आत्मघाती हमले में मारा गया.
'वॉयस ऑफ खुरासान' में प्रकाशित खबर के मुताबिक नजीब खुरासान में शामिल होने भारत से अकेले ही आया था. नजीब आईएसकेपी के एक गेस्ट रूम में अकेले रह रहा था. बहुत कम बात करने वाले नजीब के चेहरे पर हमेशा मुस्कान होती थी. उसे पहाड़ी इलाके से भी कोई दिक्कत नहीं थी.
गौरतलब है कि इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) वैश्विक आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का ही हिस्सा है. ISKP अफगानिस्तान और पाकिस्तान में नागरिकों के खिलाफ लगभग 100 हमलों के लिए जिम्मेदार है. इसकी अमेरिका, अफगान और पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के साथ भी झड़पें हुई हैं.
इससे पहले वॉयस ऑफ खुरासान ने अब्दुल रहमान अल-लोगारी के बारे में खुलासा किया था कि जिसको 2017 में दिल्ली के एक विश्वविद्यालय में हमला करने के लिए भर्ती किया गया था. इससे पहले कि साजिश को अंजाम दे पाता उसे गिरफ्तार कर लिया गया, बाद में वापस अफगानिस्तान भेज दिया गया था. उसने अफगानिस्तान में कई सुरक्षा बलों की हत्या की थी.
वॉयस ऑफ खुरासान के अनुसार, अल-लोगारी ने काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर एक आत्मघाती हमला किया था. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि केरल के कई युवा हाल के दिनों में आईएसकेपी में शामिल हुए और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो गए.
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