नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक बार फिर इस बात को दोहराया कि इस्लामिक आतंकी संगठन आईएसआईएस अपने भारतीय गुर्गों द्वारा बनाए गए 'कुरान सर्किल समूह' (Quran Circle group) की मदद से भोले-भाले भारतीय युवकों को कट्टर बनाकर उनकी भर्ती कर रहा है. इसी कड़ी में एनआईए ने शनिवार को भारतीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए संगठन में शामिल करने के आरोप में शनिवार को मोहम्मद तौकीर महमूद, जुहाब हमीद उर्फ शकील मन्ना और मोहम्मद शिहाब के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया.
एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 9 सितंबर 2020 को डॉ अब्दुर रहमान के मामले की जांच के बाद आईएसआईएस मॉड्यूल का खुलासा हुआ था, जिसमें विभिन्न व्यक्तियों के नाम सामने आए थे. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु और कर्नाटक के मुस्लिम युवाओं को आईएसआईएस में शामिल करने के लिए सीरिया से फंडिंग के मामले में दो आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था.
अधिकारी ने कहा कि मामले में जांच से पता चला है कि मोहम्मद तौकीर महमूद, जुहाब हमीद उर्फ शकील मन्ना कुरान सर्कल समूह के माध्यम से मुस्लिम युवाओं को आईएसआईएस में भर्ती करने में शामिल थे. उन्होंने कहा कि वे कट्टरपंथी युवाओं की सीरिया यात्रा के वित्तपोषण के लिए धन जुटाने और धन प्राप्त करने में भी शामिल थे. अधिकारी ने कहा कि मुहम्मद तौकीर महमूद और मोहम्मद शिहाब इससे पहले आईएसआईएस आतंकवादी से संबंध स्थापित करने के लिए अवैध रूप से सीरिया गए थे.
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गौरतलब है कि कुरान सर्कल का गठन आईएसआईएस के भारतीय गुर्गों ने भोले-भाले युवाओं को कट्टर बनाने के लिए किया है. एनआईए के मुताबिक डॉ अब्दुर रहमान उर्फ बहादुर को भारत में कुरान सर्कल के नेतृत्व का काम मिला था. बाद में यह पाया गया कि अहमद अब्दुल कादर, इरफ़ान नासिर और अन्य सहयोगी जो हिज़्ब-उत-तहरीर के सदस्य थे, इन्होंने मिलकर आईएसआईएस से संबंधित गतिविधियों को बढ़ाने के लिए कुरान सर्कल समूह (Quran Circle group) का गठन किया था.