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आईएसआई जम्मू-कश्मीर को अस्थिर करने आईएसकेपी कैडर को पीओके भेज रहा : इंटेल

जम्मू और कश्मीर पर अपनी नापाक निगाह रखते हुए, पाकिस्तान की खुफिया शाखा - इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) कैडर को पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में जम्मू-कश्मीर को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से भेज रही है.

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Published : Sep 9, 2021, 4:10 PM IST

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर पर अपनी नापाक नजर रखते हुए पाकिस्तान की खुफिया शाखा -इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) के कैडर को पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में भेज रहा है. नवीनतम खुफिया सूचनाओं के अनुसार, ये आईएसककेपी कैडर हाल ही में अफगानिस्तान की जेलों से रिहा हुए थे और पाकिस्तान लौट आए थे और अब आईएसआई ने घाटी में अपने आतंकी एजेंडे को अंजाम देने का निर्देश दिया है.

सूत्रों ने खुलासा किया है कि कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने आईएसकेपी कमांडर मुंशीब की आवाजाही और उपस्थिति पर नजर रखी है, जो कथित तौर पर इस उद्देश्य के लिए विभिन्न आतंकी संगठनों के साथ समन्वय कर रहा है. उन्होंने कहा कि वह पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं.

केरल के लगभग 25 युवा हाल ही में अफगानिस्तान गए हैं और आईएसकेपी कैडर में शामिल हुए थे, अब इनपुट आ रहे हैं कि आईएसआई केरल के उन कट्टरपंथी युवाओं का इस्तेमाल भारत में हमले करने के लिए कर सकती है, सूत्रों ने आगे कहा, उनकी गतिविधियां एजेंसियों की रडार पर है.

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद, अब आईएसआई पिछले दो महीनों से अपने प्रशिक्षित और समर्थित आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और अल-बद्र को केंद्र शासित प्रदेश में भेजने की सक्रिय योजना बना रहा है और अब आईएसकेपी खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि नियंत्रण रेखा के साथ-साथ पीओके में विभिन्न लॉन्च पैड्स स्थापित किए जा रहे हैं.

खुफिया इनपुट ने यह भी पुष्टि की कि पाकिस्तान में लॉन्च पैड के पास गतिविधि बढ़ रही है, जिससे घुसपैठ की योजना में वृद्धि का संकेत मिलता है. इस साल फरवरी में युद्धविराम की घोषणा के बाद इन लॉन्च पैड्स को छोड़ दिया गया था.

पढ़ें :- राजस्थान से ISI का जासूस गिरफ्तार

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को ये भी इनपुट मिल रहे हैं कि पीओके में स्थित कुछ आतंकी कैंपों में पश्तून भाषी आतंकियों की मौजूदगी है, जिससे जम्मू-कश्मीर में सीमावर्ती इलाकों के पास इन लॉन्च पैड्स में आईएसकेपी के आतंकियों की संभावना बढ़ गई है.

सुरक्षा व्यवस्था में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, जम्मू-कश्मीर पुलिस आक्रामक रूप से उन ओवर-ग्राउंड वर्कर्स को ट्रैक करने की कोशिश कर रही है जो विदेशी आतंकवादियों को शरण दे सकते हैं और उनके मिशन को और भी आसान बना सकते हैं. वे लगातार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को कोई ठिकाना न मिले या कश्मीर के गांवों में शरण न मिले.

आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस को दोहराते हुए, सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह और जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने कहा है कि सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं और अफगानिस्तान में उत्पन्न सुरक्षा स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर पर अपनी नापाक नजर रखते हुए पाकिस्तान की खुफिया शाखा -इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) के कैडर को पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में भेज रहा है. नवीनतम खुफिया सूचनाओं के अनुसार, ये आईएसककेपी कैडर हाल ही में अफगानिस्तान की जेलों से रिहा हुए थे और पाकिस्तान लौट आए थे और अब आईएसआई ने घाटी में अपने आतंकी एजेंडे को अंजाम देने का निर्देश दिया है.

सूत्रों ने खुलासा किया है कि कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने आईएसकेपी कमांडर मुंशीब की आवाजाही और उपस्थिति पर नजर रखी है, जो कथित तौर पर इस उद्देश्य के लिए विभिन्न आतंकी संगठनों के साथ समन्वय कर रहा है. उन्होंने कहा कि वह पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं.

केरल के लगभग 25 युवा हाल ही में अफगानिस्तान गए हैं और आईएसकेपी कैडर में शामिल हुए थे, अब इनपुट आ रहे हैं कि आईएसआई केरल के उन कट्टरपंथी युवाओं का इस्तेमाल भारत में हमले करने के लिए कर सकती है, सूत्रों ने आगे कहा, उनकी गतिविधियां एजेंसियों की रडार पर है.

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद, अब आईएसआई पिछले दो महीनों से अपने प्रशिक्षित और समर्थित आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और अल-बद्र को केंद्र शासित प्रदेश में भेजने की सक्रिय योजना बना रहा है और अब आईएसकेपी खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि नियंत्रण रेखा के साथ-साथ पीओके में विभिन्न लॉन्च पैड्स स्थापित किए जा रहे हैं.

खुफिया इनपुट ने यह भी पुष्टि की कि पाकिस्तान में लॉन्च पैड के पास गतिविधि बढ़ रही है, जिससे घुसपैठ की योजना में वृद्धि का संकेत मिलता है. इस साल फरवरी में युद्धविराम की घोषणा के बाद इन लॉन्च पैड्स को छोड़ दिया गया था.

पढ़ें :- राजस्थान से ISI का जासूस गिरफ्तार

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को ये भी इनपुट मिल रहे हैं कि पीओके में स्थित कुछ आतंकी कैंपों में पश्तून भाषी आतंकियों की मौजूदगी है, जिससे जम्मू-कश्मीर में सीमावर्ती इलाकों के पास इन लॉन्च पैड्स में आईएसकेपी के आतंकियों की संभावना बढ़ गई है.

सुरक्षा व्यवस्था में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, जम्मू-कश्मीर पुलिस आक्रामक रूप से उन ओवर-ग्राउंड वर्कर्स को ट्रैक करने की कोशिश कर रही है जो विदेशी आतंकवादियों को शरण दे सकते हैं और उनके मिशन को और भी आसान बना सकते हैं. वे लगातार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को कोई ठिकाना न मिले या कश्मीर के गांवों में शरण न मिले.

आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस को दोहराते हुए, सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह और जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने कहा है कि सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं और अफगानिस्तान में उत्पन्न सुरक्षा स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.

(आईएएनएस)

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