अहमदाबाद : हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि वह कौन सी पार्टी ज्वाइन करेंगे. क्या वह भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे या फिर आम आदमी पार्टी का रूख करेंगे.
आज उन्होंने अपने अपना त्याग पत्र गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी में जारी किया. कांग्रेस ने हार्दिक से बहुत उम्मीदें लगा रखीं थीं. उन्हें लगा रहा था कि उनके बलबूते वह विधानसभा चुनाव में अपना प्रदर्शन अच्छा कर पाएगी. लेकिन जब से हार्दिक पटेल की कांग्रेस में एंट्री हुई, तभी से वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से उनकी नहीं बनी. हार्दिक पटेल ने खुद ही कई मौकों पर कहा कि सीनियर नेता उनकी अनदेखी करते हैं. और जब से हार्दिक को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया, स्थानीय नेताओं के बीच इसको लेकर विरोध जारी हो गया था. इसके बाद पार्टी ने जगदीश ठाकोर को पार्टी अध्यक्ष बना दिया. इस घोषणा से हार्दिक नाराज हो गए. जब भी उनसे कुछ पूछा जाता था तो वह बार-बार कहते थे कि देखिए मैं तो कार्यकारी अध्यक्ष हूं.
अब हार्दिक के पास दो विकल्प मौजूद हैं. एक है भाजपा, और दूसरा है आम आदमी पार्टी का. दोनों की तुलना करें तो हार्दिक भाजपा के ज्यादा करीब नजर आ रहे हैं. इसके पीछे की एक वजह है आम आदमी पार्टी का नया होना. 'आप' गुजरात में बिल्कुल ही नई पार्टी है. इसलिए गुजराती लोगों के बीच उनकी स्वीकार्यता बढ़ेंगी या नहीं, यह कहना अभी मुश्किल है. दूसरी बात है- हार्दिक पटेल जिस समुदाय (पटेल समुदाय) से आते हैं, उस समुदाय पर भाजपा की अच्छी पकड़ है.
अब देखिए हार्दिक पटेल ने हाल ही में जितने मुद्दे उठाए हैं, वे सारे विषय भाजपा के फेवरिट मुद्दे हैं. सोनिया गांधी को भेजे गए अपने त्यागपत्र में हार्दिक ने साफ-साफ अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने का समर्थन किया है. उन्होंने सीएए-एनआरसी का समर्थन किया. अनुच्छे 370 के हटाए जाने और जीएसटी लगाए जाने का भी समर्थन किया है. हार्दिक ने इस पत्र में आगे लिखा है कि कांग्रेस इन मुद्दों के हल होने के बीच में खड़ी रही. उनके अनुसार कांग्रेस का एकमात्र काम केंद्र सरकार का विरोध करना रह गया है. उनकी इस टिप्पणी को देखकर कोई भी यह कह सकता है कि उनका अगला कदम किस पार्टी की ओर जा सकता है.
यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में पार्टी ज्वाइन करेंगे. कब ज्वाइन करेंगे, तारीख अभी तय नहीं है. माना जा रहा है कि 28 मई 2022 को मोदी के गुजरात दौरे (राजकोट, सौराष्ट्र) के दौरान हार्दिक उनके साथ मंच साझा करेंगे और उसके बाद वह भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे.
सूत्र बताते हैं कि हार्दिक के खिलाफ दायर मामले वापस लिए जाने का आश्वासन उन्हें दिया जा चुका है. पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने से पहले ही यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. वैसे भी पिछले छह महीनों से गुजरात सरकार और हार्दिक के बीच अच्छे संबंध रहे हैं. राज्य सरकार खुद ही दो मामलों में कोर्ट से अपील कर चुकी है कि इसे रद्द किया जाए. कोर्ट ने भी इसकी मंजूरी प्रदान कर दी है. यह बताता है कि हार्दिक के सारे रास्ते भाजपा की ओर ही खुल रहे हैं.