जयपुर : राजस्थान में एक बार फिर राजनीतिक यात्रा शुरू होने जा रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश बीजेपी (Rajasthan BJP) में बड़ा बदलाव हो सकता है. सवाल ये भी है कि क्या बीजेपी आने वाले चुनाव में चेहरा बदल रही है, या फिर राजस्थान भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन (leadership change) होने जा रहा है ?
ये सवाल इसलिए क्योंकि केंद्रीय सरकार में श्रम और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Union Minister Bhupendra Yadav) 19 और 20 अगस्त को राजस्थान के 10 विधानसभा क्षेत्रों में जन आशीर्वाद यात्रा निकालेंगे. राजस्थान में जब-जब भी राजनीतिक यात्रा निकली, उसे नेतृत्व परिवर्तन के साथ शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा गया. फिर चाहे वह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की परिवर्तन यात्रा हो, सुराज संकल्प यात्रा हो या फिर गौरव यात्रा.
कटारिया को रद्द करनी पड़ी यात्रा
इन सब यात्राओं के जरिये वसुंधरा राजे ने सत्ता परिवर्तन के साथ प्रदेश भाजपा में अपना वर्चस्व भी स्थापित किया. इसी तरह से नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria) ने भी 2012 लोक जागरण यात्रा निकालने के एलान किया था. हालांकि यात्रा के एलान के साथ विवाद भी खड़ा हो गया था. उस वक्त भी नेतृत्व परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा था. विवाद बढ़ा तो कटारिया (Gulabchand Kataria) को पीछे हटाना पड़ा और यात्रा रद्द कर दी गई.
लेकिन प्रदेश में एक बार राजनीतिक यात्रा ने सियासत को गरमा दिया है. प्रदेश बीजेपी वैसे ही गुटबाजी चरम पर है. एक धड़ा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के साथ है तो दूसरा प्रदेश अध्यक्ष और अन्य नेताओं के साथ खड़ा है. लेकिन इस बीच केंद्रीय श्रम और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव जन आशीर्वाद यात्रा हलचल पैदा कर दी है. यादव 19 और 20 अगस्त को राजस्थान के 10 विधानसभा क्षेत्रों में जन आशीर्वाद यात्रा निकालेंगे.
इस तरह की यात्रा मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए सभी 39 नए मंत्रियों अपने अपने क्षेत्र में निकालेंगे. लेकिन राजस्थान में राजनीति के जानकर इसे अलग नजरिये से देख रहे हैं. नजरिया यह भी है कि इस यात्रा के जरिये भूपेंद्र यादव (Union Minister Bhupendra Yadav) के प्रदेश में जन समर्थन का भी आंकलन होगा. केंद्रीय नेतृत्व जब-जब भी किसी राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का विचार करता है तो इसी तरह यात्रा निकलता है.
प्रदेश बीजेपी में गुटबाजी चरम पर
पिछले कुछ महीनों से प्रदेश बीजेपी में वैसे ही सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है. प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria), उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच वर्चस्व की सीधी लड़ाई इन दिनों जग जाहिर है. इतना ही नहीं, प्रदेश बीजेपी में होने वाले आयोजन या पोस्टर से वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) नदारद हैं. हालांकि वसुंधरा राजे ने पोस्टर विवाद पर बयान दे कर विरोधियों को लेकर यह अहसास करा दिया था कि वे पोस्टर में नहीं, जनता के दिलों में राज करती हैं. प्रदेश बीजेपी में चल रही इस गुटबाजी के बीच केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव (Union Minister Bhupendra Yadav) की यात्रा खास हो जाती है.
यात्रा के बहाने नेतृत्व परिवर्तन तो नहीं ?
राजस्थान में जब-जब भी बीजेपी ने बड़ी यात्रा तय की, उसका अर्थ यह साफ था कि जिसके नेतृत्व में यात्रा निकाली जा रही है, अगले चुनाव भी उसी के नेतृत्व में होंगे. 2003 में राजस्थान में वसुंधरा राजे को जब बीजेपी ने सीएम प्रोजेक्ट किया था, उस वक्त परिवर्तन यात्रा निकली थी. 2013 में फिर वसुंधरा राजे ने सुराज संकल्प यात्रा निकाली और दिखा दिया था कि 2013 के विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़े जायेंगे.
इसके बाद 2018 में भी वसुंधरा राजे ने गौरव यात्रा निकाली और अपना नेतृत्व बनाये रखा. लेकिन अब चुनाव से करीब सवा दो साल पहले केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की जन आशीर्वाद यात्रा निकल रही है, तो सवाल उठाना लाजमी हैं. कहीं इस यात्रा के जरिये भूपेंद्र यादव (Union Minister Bhupendra Yadav) के जन समर्थन का तो आंकलन नहीं हो रहा, या फिर इस यात्रा के जरिये आने वाले विधानसभा चुनाव में भूपेंद्र यादव को चेहरा बनाने की तैयारी तो नहीं चल रही है ?
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