लखनऊ : 18 साल पहले लखनऊ में हुई बीजेपी की महिला नेता मालती शर्मा की हत्या कराने वाली आईपीएस की पत्नी अलका मिश्रा को उम्रकैद की सजा मिली है. सोमवार को एडीजे विवेकानंद त्रिपाठी की अदालत ने अलका मिश्रा को सजा सुनाई और 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
करीब दो दशक पहले लखनऊ में राजनीतिक रंजिश इस कदर हावी हो गई कि एक आईपीएस की पत्नी ने हत्या की वारदात को अंजाम दे दिया था. 8 जून 2004 को लखनऊ के कल्याणपुर में रहने वाली मालती शर्मा के पति प्रेम नाथ ने गाजीपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनकी पत्नी गायब है. शिकायत में कहा गया कि मालती एक दिन पहले 7 जून को रात साढ़े आठ बजे डॉ. धवन की क्लीनिक में दवा लेने गई थी, इसके बाद वह घर नहीं लौटी. उनके साथ उनका गनर राजकुमार राय भी था. 8 जून 2004 को गाजीपुर थाने की पुलिस ने प्रेमनाथ को सूचना दी कि कुकरैल बंधे के पास एक महिला की लाश मिली है. प्रेम नाथ ने शव की पहचान मालती के रूप में की थी.
पोस्टमार्टम में हत्या की पुष्टि होने के बाद प्रेमनाथ ने मालती शर्मी के गनर राजकुमार राय और रोहित सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. तत्कालीन एसपी ट्रांसगोमती राजू बाबू और सीओ क्राइम राजेश्वर सिंह ने गनर की तलाश शुरू की. इसी दौरान पुलिस को पता चला कि प्रेमनाथ ने जिस सिपाही राजकुमार राय को नामजद किया था, वह दिल्ली में छिपा बैठा है. पुलिस उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लखनऊ लेकर आई. पुलिस को राजकुमार के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल एनालिसिस करने के दौरान दो संदिग्ध नम्बरों का पता चला. वारदात के दौरान गनर लगातार उस फोन से उन नंबरों पर बात कर रहा था. जांच आगे बढ़ी तो वह मोबाइल फोन नंबर अलका मिश्रा का निकला.
हालांकि राजकुमार पुलिस को यही बयान देता रहा कि सर्वोदय नगर बंधे के पास दो बाइक सवारों ने मालती को गोली मार दी. इसके बाद पुलिस ने एक आरोपी रोहित सिंह से पूछताछ की. इस पूछताछ में पता चला कि मालती हत्याकांड की साजिश आईपीएस पीके मिश्रा की पत्नी अलका मिश्रा ने रची थी. अलका मिश्रा भी भाजपा की सक्रिय नेता थी.
दरअसल जौनपुर की मालती शर्मा उस दौर में भाजपा नेताओं की करीबी के रूप में स्थापित हो रही थीं . मालती लखनऊ की राजनीति में सक्रिय थीं. उन्हें महिला मोर्चा की शहर सचिव बनाया गया था. राजनीति में बढ़ते कद के कारण मालती की आईपीएस पीके मिश्रा की पत्नी अलका मिश्रा से दुश्मनी हो गई. अलका लखनऊ के विकास नगर से पार्षद भी थीं. बताया जाता है कि अलका मिश्रा और मालती शर्मा की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता इतनी बढ़ गई कि दोनों एक दूसरे के काम में अड़ंगा लगाने लगीं. इसके बाद अलका ने मालती शर्मा के गनर राजकुमार राय को अपने साथ मिलाया, फिर साथी आलोक दुबे और रोहित के साथ मिल कर हत्या की साजिश रच डाली. इसके बाद मालती शर्मा को उन्हीं के गनर से मरवा दिया.
इस मामले में अलका मिश्रा को कोर्ट से जमानत मिली थी, लेकिन जमानत मिलने के बाद से वह फरार हो गई. जिसके बाद उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ. काफी तलाश के बाद पुलिस ने गाजीपुर इलाके से अलका मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया. सोमवार को एडीजे की अदालत ने अलका मिश्रा, सिपाही राजकुमार, आलोक दुबे और रोहित सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई .
यह भी पढ़ें : मायावती ने ट्वीट कर कहा, भारतीय सेना ने चीनी सेना को दिया मुंहतोड़ जवाब