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Rinku Singh ने भी पिता के साथ उठाए हैं सिलेंडर, छोड़ दी थी झाडू़-पोछा लगाने की नौकरी - UP News

अलीगढ़ के रिंकू सिंह ने IPL 2023 में KKR टीम के लिए जो कारनामा किया है उसके पीछे की कहानी बहुत ही संघर्षपूर्ण रही है. रिंकू ऐसे परिवार से आते हैं जो साधन संपन्न नहीं है. पिता LPG सिलेंडर की डिलीवरी करने का काम करते हैं. आईए जानते हैं रिंकू के संघर्ष की कहानी.

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Published : Apr 10, 2023, 7:49 PM IST

क्रिकेटर रिंकू सिंह की कहानी परिवार वालों की जुबानी

अलीगढ़ : आईपीएल 2023 में अहमदाबाद में गुजरात टाइटंस के खिलाफ हुए कोलकाता नाईट राईडर्स के मैच में 5 छक्के लगाकर अपनी टीम को जिताकर रातों रात स्टार बनने वाले उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले रिंकू सिंह का बचपन काफी संघर्षपूर्ण रहा है. काफी अभाव में उनका बचपन गुजरा. क्रिकेट खेलना भी इसी बीच हुआ. लेकिन, पिता को यह पसंद नहीं था. क्योंकि, पुरानी धारणा 'पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे तो बनोगे खराब' उनके मन में बसी हुई थी. लेकिन रिंकू सिंह ने अपने परिश्रम और समर्पण के बल पर क्रिकेट की बुलंदियों को छुआ है.

रिंकू के पिता करते हैं सिलेंडर डिलीवरी का कामः रिंकू के पिता खानचंद कहते हैं कि सिलेंडरों का काम मेरे साथ रिंकू ने किया है और आज मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है. मैं कभी सोच नहीं सकता कि इस तरह का कारनामा हो जाएगा. मैं यही प्रार्थना करूंगा कि रिंकू आगे इंडिया के लिए खेले. खान चंद ने बताया कि रिंकू की खेल में ज्यादा रुचि थी. जब कुछ मैचों में रन बनाए, तो उसकी काबिलियत पता चली. मां बीना का कहना है कि रिंकू की उपलब्धि पर बहुत खुशी है. पहले जीवन में परेशानी थी. लेकिन, रिंकू की बदौलत जीवन बदल गया.

भाई की लगवाई नौकरी पर नहीं किया था कामः भाभी आरती का कहना है कि रिंकू को शुरू से क्रिकेट से लगाव था. पापा ने शुरुआत में मना किया, लेकिन बाद में रिंकू ने बहुत मेहनत की. रिंकू ने पापा के साथ सिलेंडर उतारने-चढ़ाने का भी काम किया है. आरती ने बताया कि यह एक सपना जैसा है. रिंकू ने बहुत अच्छा किया. रिंकू के भाई सोनू ने बताया कि पहले परिवार में बहुत प्रॉब्लम थी. पापा पर कर्जा हो गया था. रिंकू को जॉब लगाने के लिए भाई ने प्रयास किया.

कोचिंग सेंटर पर सफाई (झाड़ू-पोछा) का काम मिला था, लेकिन रिंकू छोड़कर चला आया था. इसके बाद जादौन राइडर क्लब के लिए खेलने लगा. वहीं पर अर्जुन सिंह फकीरा जो कि जादौन राइडर क्लब चलाते हैं, उन्होंने रिंकू की मदद की. फिर रिंकू सिंह ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. पहले आईपीएल 2017 में पंजाब ने खरीदा था, फिर कोलकाता ने 2018 में रिंकू पर भरोसा जताया. हालांकि, शुरुआत में अच्छा परफॉर्मेंस नहीं रहा, फिर भी रिंकू कोलकाता की टीम से जुड़े रहे.

बहुत अच्छा फिनिशर है रिंकूः कोच मसूद अमीनी ने बताया कि 12 साल पहले रिंकू मेरे पास आया था. तब अहिल्याबाई होलकर स्टेडियम में कोचिंग दी थी. उसने अंडर-19 खेला. अब लगातार 5 साल से आईपीएल खेल रहा है. आगे इंडिया के लिए खेलने की उम्मीद है. रिंकू का कॉन्फिडेंस बहुत ज्यादा है और वह बहुत अच्छा फिनिशर है.

ये भी पढ़ेंः IPL 2023 में लगातार पांच छक्के जड़कर KKR को जिताने वाले रिंकू के पास नहीं थे गेंद खरीदने के लिए पैसे

क्रिकेटर रिंकू सिंह की कहानी परिवार वालों की जुबानी

अलीगढ़ : आईपीएल 2023 में अहमदाबाद में गुजरात टाइटंस के खिलाफ हुए कोलकाता नाईट राईडर्स के मैच में 5 छक्के लगाकर अपनी टीम को जिताकर रातों रात स्टार बनने वाले उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले रिंकू सिंह का बचपन काफी संघर्षपूर्ण रहा है. काफी अभाव में उनका बचपन गुजरा. क्रिकेट खेलना भी इसी बीच हुआ. लेकिन, पिता को यह पसंद नहीं था. क्योंकि, पुरानी धारणा 'पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे तो बनोगे खराब' उनके मन में बसी हुई थी. लेकिन रिंकू सिंह ने अपने परिश्रम और समर्पण के बल पर क्रिकेट की बुलंदियों को छुआ है.

रिंकू के पिता करते हैं सिलेंडर डिलीवरी का कामः रिंकू के पिता खानचंद कहते हैं कि सिलेंडरों का काम मेरे साथ रिंकू ने किया है और आज मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है. मैं कभी सोच नहीं सकता कि इस तरह का कारनामा हो जाएगा. मैं यही प्रार्थना करूंगा कि रिंकू आगे इंडिया के लिए खेले. खान चंद ने बताया कि रिंकू की खेल में ज्यादा रुचि थी. जब कुछ मैचों में रन बनाए, तो उसकी काबिलियत पता चली. मां बीना का कहना है कि रिंकू की उपलब्धि पर बहुत खुशी है. पहले जीवन में परेशानी थी. लेकिन, रिंकू की बदौलत जीवन बदल गया.

भाई की लगवाई नौकरी पर नहीं किया था कामः भाभी आरती का कहना है कि रिंकू को शुरू से क्रिकेट से लगाव था. पापा ने शुरुआत में मना किया, लेकिन बाद में रिंकू ने बहुत मेहनत की. रिंकू ने पापा के साथ सिलेंडर उतारने-चढ़ाने का भी काम किया है. आरती ने बताया कि यह एक सपना जैसा है. रिंकू ने बहुत अच्छा किया. रिंकू के भाई सोनू ने बताया कि पहले परिवार में बहुत प्रॉब्लम थी. पापा पर कर्जा हो गया था. रिंकू को जॉब लगाने के लिए भाई ने प्रयास किया.

कोचिंग सेंटर पर सफाई (झाड़ू-पोछा) का काम मिला था, लेकिन रिंकू छोड़कर चला आया था. इसके बाद जादौन राइडर क्लब के लिए खेलने लगा. वहीं पर अर्जुन सिंह फकीरा जो कि जादौन राइडर क्लब चलाते हैं, उन्होंने रिंकू की मदद की. फिर रिंकू सिंह ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. पहले आईपीएल 2017 में पंजाब ने खरीदा था, फिर कोलकाता ने 2018 में रिंकू पर भरोसा जताया. हालांकि, शुरुआत में अच्छा परफॉर्मेंस नहीं रहा, फिर भी रिंकू कोलकाता की टीम से जुड़े रहे.

बहुत अच्छा फिनिशर है रिंकूः कोच मसूद अमीनी ने बताया कि 12 साल पहले रिंकू मेरे पास आया था. तब अहिल्याबाई होलकर स्टेडियम में कोचिंग दी थी. उसने अंडर-19 खेला. अब लगातार 5 साल से आईपीएल खेल रहा है. आगे इंडिया के लिए खेलने की उम्मीद है. रिंकू का कॉन्फिडेंस बहुत ज्यादा है और वह बहुत अच्छा फिनिशर है.

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