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कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में युवाओं को शामिल करें : अमरिंदर सिंह

कोरोना के मामले देश भर में बढ़ रहे हैं. पंजाब में भी कोरोना कोरोना बेकाबू है. कोरोना पर अंकुश पाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री ने युवाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया.

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Published : May 27, 2021, 6:09 PM IST

अमरिंदर सिंह
अमरिंदर सिंह

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को अधिकारियों को कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में सहयोग के लिए गांव में युवाओं के समूह बनाने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर से गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और 'कोरोना मुक्त पिंड' के लिए एक मजबूत अभियान चलाने की आवश्यकता है.

उन्होंने खेल और युवा मामलों के विभाग और उपायुक्तों को महामारी से लड़ाई में मदद के लिए प्रत्येक गांव या नगर निगम वार्ड में सात ग्रामीण कोरोना स्वयंसेवकों (आरसीवी) के समूह तत्काल बनाने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि ये समूह कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में पंचायतों और नगर निगमों के लिए शक्तिशाली सहयोग तंत्र के रूप में काम कर सकते हैं.

युवाओं से की बातचीत

एक सरकारी बयान के अनुसार, वीडियो कांफ्रेंस के जरिए ग्रामीण और शहरी इलाकों के युवाओं से बातचीत करते हुए सिंह ने कहा कि लोगों के सहयोग के कारण राज्य में संक्रमण के रोज आने वाले मामले करीब 9,000 से तीन हफ्तों में 4,000 तक आ गए हैं.

युवाओं को सौंपा जिम्मा

मुख्यमंत्री ने आरसीवी को गरीबों तथा बुजुर्गों की देखभाल करने तथा उन्हें कोविड नियंत्रण कक्षों और हेल्पलाइनों से जोड़ने, सभी गांवों में 'ठीकरी पहरा' देने, कोविड-19 के अनुकूल व्यवहार करने के लिए प्रेरित करने, पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधा पहुंचाने में गांवों की मदद करने तथा नीम हकीमों से इलाज कराने से रोकने का जिम्मा सौंपा.

उन्होंने स्टेरॉयड के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण ब्लैक/व्हाइट फंगस फैलने के मद्देनजर आरसीवी से कोविड-19 के इलाज के लिए उचित प्रोटोकॉल का पालन करने पर ग्रामीण इलाकों में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का भी अनुरोध किया.

'मैंने टीका लगवा लिया है' का देंगे संदेश

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि गुरुवार से युवा मामलों के विभाग ने एक लाख बैज और कार पर लगाने वाले चार लाख स्टिकर बांटने शुरू कर दिए हैं जिन पर संदेश लिखा है, 'मैंने टीका लगवा लिया है.' इस अभियान में भागीदारी के इनाम स्वरूप प्रत्येक आरसीवी को 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर एक खेल किट दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने विभाग को 15,000 किट खरीदने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने का निर्देश दिया.

सोनू सूद ने जागरुकता फैलाने पर दिया जोर

टीकों की कमी पर चिंता जताते हुए सिंह ने कहा कि राज्य सरकार अचानक बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए हरसंभव स्रोतों से टीके खरीदने की कोशिश कर रही है. इस बीच राज्य के कोविड टीकाकरण अभियान के ब्रांड एम्बेसडर सोनू सूद ने टीकाकरण की महत्ता के बारे में लोगों खासतौर से ग्रामीण इलाकों में जागरूकता फैलाए जाने की जरूरत पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि वह राज्य के लिए भारत बायोटेक से अधिक से अधिक टीकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निजी तौर पर कोशिश करेंगे. उन्होंने मोगा के एक सरकारी अस्पताल में मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र लगाने में भी रुचि दिखाई.

स्वास्थ्य मंत्री ने जताई चिंता

स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने ब्लैक फंगस फैलने पर चिंता जताई और कहा कि राज्य को केवल 1,000 टीके मिले हैं जबकि उसे 15,000 टीकों की आवश्यकता है. एक व्यक्ति को 15 टीके लगाने की जरूरत होती है.

उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के तहत 1.4 करोड़ लोगों की जांच की गई. उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि 191 गर्भवती महिलाएं संक्रमित पाई गई.

पढ़ें- कांग्रेस का बड़ा दावा : गुजरात में कोरोना से हुईं 27 हजार मौतें, मुआवजे की मांग

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अधिक शुल्क लेने के लिए कई अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और उन्होंने पैसा वापस कर दिया है.

(पीटीआई-भाषा)

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को अधिकारियों को कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में सहयोग के लिए गांव में युवाओं के समूह बनाने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर से गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और 'कोरोना मुक्त पिंड' के लिए एक मजबूत अभियान चलाने की आवश्यकता है.

उन्होंने खेल और युवा मामलों के विभाग और उपायुक्तों को महामारी से लड़ाई में मदद के लिए प्रत्येक गांव या नगर निगम वार्ड में सात ग्रामीण कोरोना स्वयंसेवकों (आरसीवी) के समूह तत्काल बनाने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि ये समूह कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में पंचायतों और नगर निगमों के लिए शक्तिशाली सहयोग तंत्र के रूप में काम कर सकते हैं.

युवाओं से की बातचीत

एक सरकारी बयान के अनुसार, वीडियो कांफ्रेंस के जरिए ग्रामीण और शहरी इलाकों के युवाओं से बातचीत करते हुए सिंह ने कहा कि लोगों के सहयोग के कारण राज्य में संक्रमण के रोज आने वाले मामले करीब 9,000 से तीन हफ्तों में 4,000 तक आ गए हैं.

युवाओं को सौंपा जिम्मा

मुख्यमंत्री ने आरसीवी को गरीबों तथा बुजुर्गों की देखभाल करने तथा उन्हें कोविड नियंत्रण कक्षों और हेल्पलाइनों से जोड़ने, सभी गांवों में 'ठीकरी पहरा' देने, कोविड-19 के अनुकूल व्यवहार करने के लिए प्रेरित करने, पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधा पहुंचाने में गांवों की मदद करने तथा नीम हकीमों से इलाज कराने से रोकने का जिम्मा सौंपा.

उन्होंने स्टेरॉयड के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण ब्लैक/व्हाइट फंगस फैलने के मद्देनजर आरसीवी से कोविड-19 के इलाज के लिए उचित प्रोटोकॉल का पालन करने पर ग्रामीण इलाकों में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का भी अनुरोध किया.

'मैंने टीका लगवा लिया है' का देंगे संदेश

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि गुरुवार से युवा मामलों के विभाग ने एक लाख बैज और कार पर लगाने वाले चार लाख स्टिकर बांटने शुरू कर दिए हैं जिन पर संदेश लिखा है, 'मैंने टीका लगवा लिया है.' इस अभियान में भागीदारी के इनाम स्वरूप प्रत्येक आरसीवी को 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर एक खेल किट दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने विभाग को 15,000 किट खरीदने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने का निर्देश दिया.

सोनू सूद ने जागरुकता फैलाने पर दिया जोर

टीकों की कमी पर चिंता जताते हुए सिंह ने कहा कि राज्य सरकार अचानक बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए हरसंभव स्रोतों से टीके खरीदने की कोशिश कर रही है. इस बीच राज्य के कोविड टीकाकरण अभियान के ब्रांड एम्बेसडर सोनू सूद ने टीकाकरण की महत्ता के बारे में लोगों खासतौर से ग्रामीण इलाकों में जागरूकता फैलाए जाने की जरूरत पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि वह राज्य के लिए भारत बायोटेक से अधिक से अधिक टीकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निजी तौर पर कोशिश करेंगे. उन्होंने मोगा के एक सरकारी अस्पताल में मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र लगाने में भी रुचि दिखाई.

स्वास्थ्य मंत्री ने जताई चिंता

स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने ब्लैक फंगस फैलने पर चिंता जताई और कहा कि राज्य को केवल 1,000 टीके मिले हैं जबकि उसे 15,000 टीकों की आवश्यकता है. एक व्यक्ति को 15 टीके लगाने की जरूरत होती है.

उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के तहत 1.4 करोड़ लोगों की जांच की गई. उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि 191 गर्भवती महिलाएं संक्रमित पाई गई.

पढ़ें- कांग्रेस का बड़ा दावा : गुजरात में कोरोना से हुईं 27 हजार मौतें, मुआवजे की मांग

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अधिक शुल्क लेने के लिए कई अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और उन्होंने पैसा वापस कर दिया है.

(पीटीआई-भाषा)

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