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वित्तीय धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग एशिया के लिए दो सबसे बड़े खतरे: इंटरपोल रिपोर्ट - इंटरपोल ग्लोबल क्राइम रिपोर्ट 2022

नई दिल्ली में मंगलवार को देर शाम हुई इंटरपोल (interpol) की 90वीं महासभा में ग्लोबल क्राइम रिपोर्ट 2022 को पेश किया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि भविष्य में एशिया और प्रशांत के लिए दो अपराधों का सबसे ज्यादा खतरा है. पढ़ें इस पर हमारे वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की यह रिपोर्ट...

इंटरपोल
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Published : Oct 19, 2022, 6:49 PM IST

नई दिल्ली: ऐसे समय में जब भारत में कानून लागू करने वाली एजेंसियां वित्तीय धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में बुरी तरह से फंसी हुई हैं, अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (International Criminal Police Organization) की एक नवीनतम अपराध रिपोर्ट में पाया गया है कि ये दो मुद्दे एशिया और प्रशांत (एपीएसी) के लिए एक उच्च और बहुत उच्च खतरे के रूप में उभर रहे हैं.

मंगलवार देर शाम संगठन की 90वीं महासभा के दौरान नई दिल्ली में जारी की गई इंटरपोल ग्लोबल क्राइम रिपोर्ट 2022 में कहा गया है कि एपीएसी क्षेत्र में वित्तीय अपराध को अपराध का सबसे बड़ा खतरा माना जाता था. इंटरपोल सिंथेटिक ड्रग्स की तस्करी के साथ-साथ वित्तीय धोखाधड़ी (76 प्रतिशत) और मनी लॉन्ड्रिंग (67 प्रतिशत) पर विचार करता है, जिसे 67 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बहुत अधिक खतरा माना.

रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंथेटिक दवाएं या साइकोट्रोपिक्स भी एपीएसी क्षेत्र से प्रसार के लिए इंटरपोल (interpol) नोटिस में दूसरी सबसे अधिक बार संकेतित दवा प्रकार हैं. इसमें कहा गया है कि भविष्य में क्षेत्र के 67 प्रतिशत कानून प्रवर्तन उत्तरदाताओं के साथ-साथ रैंसमवेयर (79 प्रतिशत), फ़िशिंग हमलों, व्यावसायिक ईमेल समझौता, पहचान की चोरी और ऑनलाइन जबरन वसूली (63 प्रतिशत) जैसे साइबर खतरों के अनुसार सिंथेटिक ड्रग तस्करी में वृद्धि या उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है.

वैश्विक अपराध रिपोर्ट 2022, जो कानून प्रवर्तन के लिए प्रतिबंधित है, दुनिया भर में मौजूदा और उभरते खतरों का पता लगाने के लिए 195 काउंटी सदस्यता संगठनों के डेटा का लाभ उठाती है. यह दिखाते हुए कि कैसे अपराध क्षेत्र जटिल और पारस्परिक रूप से मजबूत करने वाले तरीकों में अभिसरण करते हैं, रिपोर्ट में कहा गया है कि इस जटिलता को समझना दुनिया भर में नीति द्वारा सामूहिक निर्णय लेने को सूचित करने के लिए महत्वपूर्ण है.

INTRRPOL के महासचिव जुर्गन स्टॉक ने कहा कि 'अपराध प्रवृत्तियों को समझना और होने से पहले रोकना पुलिसिंग का एक पूर्ण आधार है और इंटरपोल की ग्लोबल क्राइम ट्रेंड रिपोर्ट वैश्विक अपराध परिदृश्य की एक अद्वितीय तस्वीर पेश करती है जैसा कि दुनिया भर के पुलिस अधिकारियों द्वारा देखा जाता है.' रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष नौ अपराध प्रवृत्तियों में मनी लॉन्ड्रिंग, रैंसमवेयर, फ़िशिंग और ऑनलाइन घोटाले, वित्तीय धोखाधड़ी, सिंथेटिक ड्रग तस्करी, कंप्यूटर घुसपैठ, ऑनलाइन बाल यौन शोषण व दुर्व्यवहार, संगठित अपराध और भांग तस्करी शामिल हैं.

सबसे अधिक परेशान करने वाली बात शायद ऑनलाइन बाल यौन शोषण व दुर्व्यवहार (ओसीएसईए) में वृद्धि है, जिसके बारे 62 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि इनमें उल्लेखनीय रूप से बढ़ोत्तरी हो सकती है और भविष्य में तीसरा सबसे ज्यादा होने वाला अपराध हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, महामारी के दौरान OCSEA सामग्री की मांग और उत्पादन में भी काफी वृद्धि हुई है.

अपराध ग्राफ (अफ्रीका) पर रिपोर्ट का एक क्षेत्रीय रूप:

अफ्रीका में, फ़िशिंग और ऑनलाइन घोटालों को सबसे बड़ा मौजूदा खतरा (83 प्रतिशत) और अगले तीन से पांच वर्षों (72 प्रतिशत) में अपराध बढ़ने की संभावना माना जाता था. ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, क्रिप्टोकरेंसी, मानव तस्करी, नशीली दवाओं की तस्करी और संगठित अपराध भी प्रमुख चिंताएं हैं.

पढ़ें: हैदराबाद: एलकेजी छात्रा का यौन उत्पीड़न, आरोपी गिरफ्तार

अमेरिका और कैरेबियन: उत्तरदाताओं के अनुसार, रैंसमवेयर (84 प्रतिशत) और OCSEA (83 प्रतिशत) से आगे, अवैध आग्नेयास्त्रों की तस्करी अमेरिकियों और कैरेबियाई क्षेत्र में शीर्ष अपराध खतरा (88 प्रतिशत) थी.

यूरोप: यूरोप के 76 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि अगले तीन से पांच वर्षों में OCSEA में उल्लेखनीय वृद्धि या वृद्धि होगी. INTRRPOL रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के वर्षों में लाइवस्ट्रीमिंग के दुरुपयोग की मांग में लगातार वृद्धि हुई है, संभवतः महामारी के दौरान तेज हो गई है. वर्तमान में यूरोप के सामने शीर्ष तीन खतरे फ़िशिंग व ऑनलाइन घोटाले (62 प्रतिशत), मनी लॉन्ड्रिंग (60 प्रतिशत) और सिंथेटिक ड्रग तस्करी (57 प्रतिशत) हैं.

मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका (MENA): MENA क्षेत्र के 89 प्रतिशत उत्तरदाताओं के अनुसार, सबसे बड़ा अपराध खतरा और भविष्य में इसके बढ़ने की सबसे अधिक संभावना है, पूर्ववर्ती दवाओं की तस्करी है. इंटरपोल की रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तरी अफ्रीका में भांग सबसे व्यापक आपराधिक दवा बाजार है. कंप्यूटर घुसपैठ, फ़िशिंग हमले और रैंसमवेयर जैसे साइबर अपराध भी वर्तमान (78 प्रतिशत) और भविष्य (89 प्रतिशत) अपराध खतरों में उच्च स्थान पर हैं.

नई दिल्ली: ऐसे समय में जब भारत में कानून लागू करने वाली एजेंसियां वित्तीय धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में बुरी तरह से फंसी हुई हैं, अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (International Criminal Police Organization) की एक नवीनतम अपराध रिपोर्ट में पाया गया है कि ये दो मुद्दे एशिया और प्रशांत (एपीएसी) के लिए एक उच्च और बहुत उच्च खतरे के रूप में उभर रहे हैं.

मंगलवार देर शाम संगठन की 90वीं महासभा के दौरान नई दिल्ली में जारी की गई इंटरपोल ग्लोबल क्राइम रिपोर्ट 2022 में कहा गया है कि एपीएसी क्षेत्र में वित्तीय अपराध को अपराध का सबसे बड़ा खतरा माना जाता था. इंटरपोल सिंथेटिक ड्रग्स की तस्करी के साथ-साथ वित्तीय धोखाधड़ी (76 प्रतिशत) और मनी लॉन्ड्रिंग (67 प्रतिशत) पर विचार करता है, जिसे 67 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बहुत अधिक खतरा माना.

रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंथेटिक दवाएं या साइकोट्रोपिक्स भी एपीएसी क्षेत्र से प्रसार के लिए इंटरपोल (interpol) नोटिस में दूसरी सबसे अधिक बार संकेतित दवा प्रकार हैं. इसमें कहा गया है कि भविष्य में क्षेत्र के 67 प्रतिशत कानून प्रवर्तन उत्तरदाताओं के साथ-साथ रैंसमवेयर (79 प्रतिशत), फ़िशिंग हमलों, व्यावसायिक ईमेल समझौता, पहचान की चोरी और ऑनलाइन जबरन वसूली (63 प्रतिशत) जैसे साइबर खतरों के अनुसार सिंथेटिक ड्रग तस्करी में वृद्धि या उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है.

वैश्विक अपराध रिपोर्ट 2022, जो कानून प्रवर्तन के लिए प्रतिबंधित है, दुनिया भर में मौजूदा और उभरते खतरों का पता लगाने के लिए 195 काउंटी सदस्यता संगठनों के डेटा का लाभ उठाती है. यह दिखाते हुए कि कैसे अपराध क्षेत्र जटिल और पारस्परिक रूप से मजबूत करने वाले तरीकों में अभिसरण करते हैं, रिपोर्ट में कहा गया है कि इस जटिलता को समझना दुनिया भर में नीति द्वारा सामूहिक निर्णय लेने को सूचित करने के लिए महत्वपूर्ण है.

INTRRPOL के महासचिव जुर्गन स्टॉक ने कहा कि 'अपराध प्रवृत्तियों को समझना और होने से पहले रोकना पुलिसिंग का एक पूर्ण आधार है और इंटरपोल की ग्लोबल क्राइम ट्रेंड रिपोर्ट वैश्विक अपराध परिदृश्य की एक अद्वितीय तस्वीर पेश करती है जैसा कि दुनिया भर के पुलिस अधिकारियों द्वारा देखा जाता है.' रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष नौ अपराध प्रवृत्तियों में मनी लॉन्ड्रिंग, रैंसमवेयर, फ़िशिंग और ऑनलाइन घोटाले, वित्तीय धोखाधड़ी, सिंथेटिक ड्रग तस्करी, कंप्यूटर घुसपैठ, ऑनलाइन बाल यौन शोषण व दुर्व्यवहार, संगठित अपराध और भांग तस्करी शामिल हैं.

सबसे अधिक परेशान करने वाली बात शायद ऑनलाइन बाल यौन शोषण व दुर्व्यवहार (ओसीएसईए) में वृद्धि है, जिसके बारे 62 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि इनमें उल्लेखनीय रूप से बढ़ोत्तरी हो सकती है और भविष्य में तीसरा सबसे ज्यादा होने वाला अपराध हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, महामारी के दौरान OCSEA सामग्री की मांग और उत्पादन में भी काफी वृद्धि हुई है.

अपराध ग्राफ (अफ्रीका) पर रिपोर्ट का एक क्षेत्रीय रूप:

अफ्रीका में, फ़िशिंग और ऑनलाइन घोटालों को सबसे बड़ा मौजूदा खतरा (83 प्रतिशत) और अगले तीन से पांच वर्षों (72 प्रतिशत) में अपराध बढ़ने की संभावना माना जाता था. ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, क्रिप्टोकरेंसी, मानव तस्करी, नशीली दवाओं की तस्करी और संगठित अपराध भी प्रमुख चिंताएं हैं.

पढ़ें: हैदराबाद: एलकेजी छात्रा का यौन उत्पीड़न, आरोपी गिरफ्तार

अमेरिका और कैरेबियन: उत्तरदाताओं के अनुसार, रैंसमवेयर (84 प्रतिशत) और OCSEA (83 प्रतिशत) से आगे, अवैध आग्नेयास्त्रों की तस्करी अमेरिकियों और कैरेबियाई क्षेत्र में शीर्ष अपराध खतरा (88 प्रतिशत) थी.

यूरोप: यूरोप के 76 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि अगले तीन से पांच वर्षों में OCSEA में उल्लेखनीय वृद्धि या वृद्धि होगी. INTRRPOL रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के वर्षों में लाइवस्ट्रीमिंग के दुरुपयोग की मांग में लगातार वृद्धि हुई है, संभवतः महामारी के दौरान तेज हो गई है. वर्तमान में यूरोप के सामने शीर्ष तीन खतरे फ़िशिंग व ऑनलाइन घोटाले (62 प्रतिशत), मनी लॉन्ड्रिंग (60 प्रतिशत) और सिंथेटिक ड्रग तस्करी (57 प्रतिशत) हैं.

मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका (MENA): MENA क्षेत्र के 89 प्रतिशत उत्तरदाताओं के अनुसार, सबसे बड़ा अपराध खतरा और भविष्य में इसके बढ़ने की सबसे अधिक संभावना है, पूर्ववर्ती दवाओं की तस्करी है. इंटरपोल की रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तरी अफ्रीका में भांग सबसे व्यापक आपराधिक दवा बाजार है. कंप्यूटर घुसपैठ, फ़िशिंग हमले और रैंसमवेयर जैसे साइबर अपराध भी वर्तमान (78 प्रतिशत) और भविष्य (89 प्रतिशत) अपराध खतरों में उच्च स्थान पर हैं.

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