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International Women's Day 2023: महिला किक बॉक्सर का ऑल इंडिया लेवल पर हुआ चयन, अब ओलंपिक मैडल पर है नजर

इस महिला दिवस पर हम आपको किक बॉक्सिंग के खेल में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाली 2 महिला खिलाड़ियों की कहानी से रूबरू कराएंगे. दोनों ही का सपना किक बॉक्सिंग के खेल में ओलंपिक मेडल जीतने का है. वह अपने देश को रिप्रेजेंट करना चाहती हैं. International Womens Day 2023

women kicks boxing player in korba
महिला खिलाड़ियों का ऑल इंडिया लेवल पर हुआ चयन
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Published : Mar 8, 2023, 2:01 PM IST

महिला खिलाड़ियों का ऑल इंडिया लेवल पर हुआ चयन

कोरबा: किक बॉक्सिंग को लेकर कोरबा जिला छत्तीसगढ़ में प्रख्यात रहा है. यहां से खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया है. हाल ही में यूनिवर्सिटी प्रतियोगितायें संपन्न हुई है. जिसमें से जिले की 2 खिलाड़ी आदिती सिंह और लोकिता चौहान का चयन यूपी के जौनपुर में आयोजित होने वाले ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप के लिए हुआ है. दोनों ही यहां अटल बिहारी वाजपेई यूनिवर्सिटी बिलासपुर का प्रतिनिधित्व करेंगी.


मितानिन की बेटी खेलेगी नेशनल: लोकिता चौहान जिले के शासकीय पीजी अग्रणी महाविद्यालय की स्टूडेंट हैं. जिनकी मां स्वास्थ विभाग में मितानिन का काम करती हैं. लेकिन लोकिता के सपने बड़े हैं. लोकिता कहती है कि "मैं इसके पहले भी छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व कर दो गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हूं. अब यूनिवर्सिटी के लिए खेलूंगी. मेरा सपना है कि 1 दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर मैडल हासिल कर सकूं. इसके लिए काफी मेहनत भी कर रही हूं. पढ़ाई के साथ ही साथ परिवारिक जिम्मेदारियों को संभालते हुए खेल को जारी रखना. कई बार मुश्किल हो जाता है. लेकिन मैं पूरी मेहनत कर रही हूं. एकेडमी से भी हमें काफी सुविधा मिल जाती है. सब कुछ ठीक रहा तो 1 दिन हम जरूर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलेंगे.

रोज 4 घंटे के प्रैक्टिस और अनुशासन है जरूरी: आदिती सिंह का चयन भी ऑल इंडिया लेवल पर यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप के लिए हुआ है. अदिति फिलहाल केएन कॉलेज में पढ़ाई कर रही हैं. जिनका कहना है कि किक बॉक्सिंग का खेल काफी खतरनाक भी है. कई बार चोट भी लग जाती है. लेकिन अब इसी खेल में अपना भविष्य बनाना है, जौनपुर में राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा करने का मौका मिला है. कोशिश रहेगी कि यहां अपना 100% दूं. रोज 2 घंटे ग्राउंड में और फिर शाम को 2 घंटे अकैडमी में नियमित तौर पर प्रेक्टिस जारी है. किक बॉक्सिंग के खेल में अनुशासन भी काफी अहम होता है. उम्मीद है कि मैं आगे भी बेहतर प्रदर्शन करूंगी.

यह भी पढ़ें: Holi 2023 in Korba: नगाड़े की थाप के बिना अधूरा रहता है फाग का राग, इस बार कारीगरों ने की है खास तैयारी


अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं भी नदारद: बच्चों की सफलता से छत्तीसगढ़ किक बॉक्सिंग एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष व कोच तारकेश मिश्रा बेहद उत्साहित हैं. लेकिन इनके भविष्य को लेकर वह चिंतित भी हैं. तारकेश किकबॉक्सिंग अकैडमी का संचालन भी करते हैं और कहते हैं कि "हमारी बच्चियां जिला और राष्ट्रीय स्तर पर बेजोड़ प्रदर्शन करती हैं. किक बॉक्सिंग का पहले एक प्रोफेशनल फाइट के तौर पर देखा जाता था लेकिन अब इसे ओलंपिक में भी मान्यता दे दी है राज्य खेल संघ से भी हमें जल्दी मान्यता मिल जाएगी जिसके बाद जल्द ही तुम्हारे बच्चे हैं ओलंपिक में भी शिरकत कर सकेंगे और वहां अपने खेल का जौहर दिखाएंगे. जिले के खिलाड़ियों का प्रदेश में कोई भी मुकाबला नहीं कर सकता.

इंटरनेशनल कोच करेंगे शिरकत: जब वह राष्ट्रीय स्तर पर भी छत्तीसगढ़ को रिप्रेजेंट करती हैं. तब अपने खेल का दम दिखाती हैं. लेकिन यह दुर्भाग्यजनक है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं हमारे यहां उपलब्ध नहीं है. इसके लिए और संसाधन और तैयारी की जरूरत होती है. कुछ दिन बाद राज्य के बाहर कैंप लगने वाला है, जहा इंटरनेशनल कोच शिरकत करेंगे. यदि कोई सहयोग करें तो हमारे बच्चे भी वहां जाकर कोचिंग प्राप्त कर सकते हैं और अपने खेल को सुधारने के साथ-साथ अन्य खिलाड़ियों का भी वह मारदर्शन कर सकेंगे".

महिला खिलाड़ियों का ऑल इंडिया लेवल पर हुआ चयन

कोरबा: किक बॉक्सिंग को लेकर कोरबा जिला छत्तीसगढ़ में प्रख्यात रहा है. यहां से खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया है. हाल ही में यूनिवर्सिटी प्रतियोगितायें संपन्न हुई है. जिसमें से जिले की 2 खिलाड़ी आदिती सिंह और लोकिता चौहान का चयन यूपी के जौनपुर में आयोजित होने वाले ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप के लिए हुआ है. दोनों ही यहां अटल बिहारी वाजपेई यूनिवर्सिटी बिलासपुर का प्रतिनिधित्व करेंगी.


मितानिन की बेटी खेलेगी नेशनल: लोकिता चौहान जिले के शासकीय पीजी अग्रणी महाविद्यालय की स्टूडेंट हैं. जिनकी मां स्वास्थ विभाग में मितानिन का काम करती हैं. लेकिन लोकिता के सपने बड़े हैं. लोकिता कहती है कि "मैं इसके पहले भी छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व कर दो गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हूं. अब यूनिवर्सिटी के लिए खेलूंगी. मेरा सपना है कि 1 दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर मैडल हासिल कर सकूं. इसके लिए काफी मेहनत भी कर रही हूं. पढ़ाई के साथ ही साथ परिवारिक जिम्मेदारियों को संभालते हुए खेल को जारी रखना. कई बार मुश्किल हो जाता है. लेकिन मैं पूरी मेहनत कर रही हूं. एकेडमी से भी हमें काफी सुविधा मिल जाती है. सब कुछ ठीक रहा तो 1 दिन हम जरूर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलेंगे.

रोज 4 घंटे के प्रैक्टिस और अनुशासन है जरूरी: आदिती सिंह का चयन भी ऑल इंडिया लेवल पर यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप के लिए हुआ है. अदिति फिलहाल केएन कॉलेज में पढ़ाई कर रही हैं. जिनका कहना है कि किक बॉक्सिंग का खेल काफी खतरनाक भी है. कई बार चोट भी लग जाती है. लेकिन अब इसी खेल में अपना भविष्य बनाना है, जौनपुर में राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा करने का मौका मिला है. कोशिश रहेगी कि यहां अपना 100% दूं. रोज 2 घंटे ग्राउंड में और फिर शाम को 2 घंटे अकैडमी में नियमित तौर पर प्रेक्टिस जारी है. किक बॉक्सिंग के खेल में अनुशासन भी काफी अहम होता है. उम्मीद है कि मैं आगे भी बेहतर प्रदर्शन करूंगी.

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अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं भी नदारद: बच्चों की सफलता से छत्तीसगढ़ किक बॉक्सिंग एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष व कोच तारकेश मिश्रा बेहद उत्साहित हैं. लेकिन इनके भविष्य को लेकर वह चिंतित भी हैं. तारकेश किकबॉक्सिंग अकैडमी का संचालन भी करते हैं और कहते हैं कि "हमारी बच्चियां जिला और राष्ट्रीय स्तर पर बेजोड़ प्रदर्शन करती हैं. किक बॉक्सिंग का पहले एक प्रोफेशनल फाइट के तौर पर देखा जाता था लेकिन अब इसे ओलंपिक में भी मान्यता दे दी है राज्य खेल संघ से भी हमें जल्दी मान्यता मिल जाएगी जिसके बाद जल्द ही तुम्हारे बच्चे हैं ओलंपिक में भी शिरकत कर सकेंगे और वहां अपने खेल का जौहर दिखाएंगे. जिले के खिलाड़ियों का प्रदेश में कोई भी मुकाबला नहीं कर सकता.

इंटरनेशनल कोच करेंगे शिरकत: जब वह राष्ट्रीय स्तर पर भी छत्तीसगढ़ को रिप्रेजेंट करती हैं. तब अपने खेल का दम दिखाती हैं. लेकिन यह दुर्भाग्यजनक है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं हमारे यहां उपलब्ध नहीं है. इसके लिए और संसाधन और तैयारी की जरूरत होती है. कुछ दिन बाद राज्य के बाहर कैंप लगने वाला है, जहा इंटरनेशनल कोच शिरकत करेंगे. यदि कोई सहयोग करें तो हमारे बच्चे भी वहां जाकर कोचिंग प्राप्त कर सकते हैं और अपने खेल को सुधारने के साथ-साथ अन्य खिलाड़ियों का भी वह मारदर्शन कर सकेंगे".

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