हैदराबाद : इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स की 30वीं वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक 1990 से लेकर 2020 तक 2658 पत्रकारों की हत्या हुई है. पत्रकारों के लिए असुरक्षित देशों की सूची में इराक पहले नंबर पर है. इस सूची में फिलीपींस और पाकिस्तान भी शामिल हैं. सूची में शामिल देश युद्ध, अपराध और भ्रष्टाचार के साथ-साथ कानून और व्यवस्था की खामियों से जूझ रहे हैं.
इन देशों में इराक (339), मेक्सिको (175), फिलीपींस (159), पाकिस्तान (138), रूसी संघ (110), अल्जीरिया (106), सीरिया (96), सोमालिया (93) और अफगानिस्तान (93) शामिल हैं.
इस दौरान वर्ष 2006 और 2007 में सबसे अधिक 155 और 135 लोग मारे गए थे. इन दोनों वर्षों में केवल इराक युद्ध के दौरान क्रमश: 69 और 65 लोग मारे गए थे, जो इन वर्षों में मारे गए कुल लोगों का लगभग 50 फीसदी है.
इराक जिसने तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया और पत्रकारों के लिए दुनिया के सबसे जानलेवा देश बनकर सामने आया है. 2003 से पहले पत्रकारों की हत्यांए काफी कम थीं, लेकिन इराक में एंग्लो अमेरिकी सेना के आक्रमण के बाद पत्रकारों की हत्याओं के मामले में काफी बढ़ोतरी हुई.
कोविड -19 के दौर में पत्रकारिता
77 देशों में 1300 से अधिक फ्रंटलाइन पत्रकारों के एक प्रमुख सर्वेक्षण के अनुसार, कोविड -19 पर रिपोर्टिंग करने वाले चार में से तीन पत्रकारों को आधिकारिक प्रतिबंध, बाधा या धमकी का सामना करना पड़ा.
26-28 अप्रैल 2020 के बीच इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (IFJ) द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, दो-तिहाई स्टाफ और स्वतंत्र पत्रकारों को वेतन में कटौती, राजस्व की कमी, नौकरी का खोना, रद्द किए गए कमीशन या बिगड़ती कामकाजी परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है.
कोरोना काल में लगभग हर स्वतंत्र पत्रकार ने राजस्व या काम के अवसरों को खो दिया है. आधे से अधिक पत्रकार तनाव और चिंता से पीड़ित हैं.
एक चौथाई से अधिक आवश्यक उपकरणों की कमी के कारण सुरक्षित रूप से काम करने में सक्षम नहीं हैं, जबकि चार में से एक के पास क्षेत्र में काम करने के लिए किसी सुरक्षात्मक उपकरण की कमी है.
इस दौरान दर्जनों पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया, मुकदमों का सामना करना पड़ा, यहां तक कि उन पर हमले हुए. एक तिहाई से अधिक पत्रकारों ने अपना ध्यान कोविड- 19 संबंधित कहानियों को कवर करने से हटा लिया.
रिपोर्ट के मुताबिक जब उनके देशों में मीडिया की स्वतंत्रता की स्थिति के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह पेशा बदतर हो गया है. ग्रीस से लेकर इंडोनेशिया तक और चाड से लेकर पेरू तक के पत्रकारों ने मीडिया की स्वतंत्रता के माहौल का आकलन करने के दौरान अनिश्चित, समस्याग्रस्त, भयानक, बदतर, घटिया और प्रतिबंधित जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया.
कई देशों में सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क और निष्पक्ष रोजगार प्रथाओं की कमी पत्रकारों को हताशा के लिए प्रेरित कर रही है.
जनहित पत्रकारिता की रक्षा और सुदृढ़ीकरण के लिए किए जाने वाले उपाय
स्वतंत्र मीडिया का समर्थन करने के लिए वैश्विक फंड बनाने के लिए फेसबुक और गूगल जैसे तकनीकी दिग्गजों के राजस्व पर टैक्स लगाया जाए. पत्रकारों और मीडिया पर बोझ को कम करने के लिए टैक्स और राजकोषीय नीति का उपयोग किया जाए.
इसके अलावा स्थानीय मीडिया का समर्थन करने के लिए स्वास्थ्य और सार्वजनिक विज्ञापन अभियान चलाया जाए.
मारे गए पत्रकारों का वार्षिक डेटा
वर्ष | मारे गए पत्रकार |
1991 | 75 |
1992 | 65 |
1993 | 93 |
1994 | 121 |
1995 | 77 |
1996 | 60 |
1997 | 48 |
1998 | 37 |
1999 | 67 |
2000 | 37 |
2001 | 100 |
2002 | 70 |
2003 | 92 |
2004 | 129 |
2005 | 80 |
2006 | 155 |
2007 | 135 |
2008 | 85 |
2009 | 113 |
2010 | 94 |
2011 | 101 |
2012 | 121 |
2013 | 105 |
2014 | 118 |
2015 | 112 |
2016 | 93 |
2017 | 82 |
2018 | 95 |
2019 | 49 |
2020 | 42 |
1990 से 2020 तक कहां कितने पत्रकारों की हत्या
देश | 1990 से मारे गए पत्रकार |
एशिया पैसेफिक | 683 |
अमेरीका (उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका) | 574 |
मध्य एशिया और अरब देश | 561 |
अफ्रीका | 467 |
यूरोप | 373 |
पत्रकारिता के लिए सबसे खतरनाक देश
देश | 1990 से नवंबर 2020 तक मारे गए पत्रकार |
---|---|
इराक | 340 |
मेक्सिको | 178 |
फिलिपिंस | 160 |
पाकिस्तान | 138 |
एशिया और प्रशांत क्षेत्र के आंकड़े : भारतीय उप-महाद्वीप में पाकिस्तान में 138 पत्रकारों की हत्यांए हुईं. दोनों देशों में 1990 के बाद लगभग हर साल पत्रकारों की हत्यांए हुईं. एशिया पैसेफिक क्षेत्र में मारे गए कुल पत्रकारों में 40 फीसदी पाकिस्तान में मारे गए हैं.
2020 में दुनिया में पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक देश : इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (IFJ) ने 2020 में दुनिया के 15 देशों में लक्षित हमलों, बम विस्फोटों और आगजनी की घटनाओं में पत्रकारों और मीडिया कर्मचारियों की 42 हत्याएं दर्ज की हैं.
देश | नवंबर 2020 कर मारे गए पत्रकार |
मेक्सिको | 13 |
अफगानिस्तान | 5 |
भारत | 3 |
नाइजीरिया | 3 |
इराक | 3 |
2020 में दुनिया भर में पत्रकारों को जेल
द इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (IFJ) के अनुसार वर्तमान में 34 देशों की जेलों में कुल 235 पत्रकार बंद हैं.
अध्ययन के अनुसार यूरोप में जेल में बंद पत्रकारों की संख्या सबसे अधिक है, जहां 91 मीडिया पेशेवरों को हिरासत में रखा गया है. इनमें से अधिकांश तुर्की और बेलारूस से संबंधित हैं.
इसके बाद अफ्रीका में 62 पत्रकार जेलों में बंद हैं. यहां मिस्र क्षेत्र का नेतृत्व करता है. इसके बाद एशिया का नंबर आता है यहां 47 पत्रकार जेल में बंद हैं. एशिया में चीन में सबसे अधिक पत्रकार जेल में हैं.
मध्य एशिया और अरब देश 33 कैदी पत्रकारों के साथ चौथे नंबर पर मौजूद हैं, जहां सऊदी अरब में सबसे ज्यादा पत्रकार जेल में हैं.
इसके बाद अमेरिका का नबंर आता है, जो क्यूबा और वेनेजुएला में सबसे अधिक मामलों के साथ पांचवें स्थान पर है.
क्षेत्र | दिसंबर 2020 में मारे गए पत्रकारों की संख्या |
यूरोप | 91 |
अफ्रीका | 62 |
मध्य एशिया और अरब देश | 33 |
एशिया पैसेफिक | 47 |
अमेरीका | 2 |
पत्रकारों को जेल भेजने वाले शीर्ष देश
देश | दिसंबर 2020 में जेल भेज गए पत्रकारों की संख्या |
तुर्की | 67 |
मिस्र | 21 |
चीन | 20 |
ईरीटेरिया | 16 |
सऊदी अरब | 14 |
बेलारूस | 13 |