हैदराबाद : भारत सहित पूरी दुनिया में दिव्यांगों की बड़ी आबादी है. दिव्यांग होने के पीछे मुख्य 2 कारण हैं. पहला जन्मजात. दूसरा हादसे या किसी चिकित्सा के कारणों से अपंगता का शिकार होना. दिव्यांगता की समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाने, दिव्यांगों के लिए समाज में एक समान अवसर उपलब्ध कराने, दिव्यांगों के कल्याण व विकास के लिए बेहतर नीति निर्माण और लागू करने के उद्देश्य से 3 दिसंबर को दिव्यांगजनों के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस (International Day of Disabled Persons-IDPD) मनाया जाता है.
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साल 1992 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव के द्वारा दिव्यांगों के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के वार्षिक प्लान बनाने का निर्णय लिया. इस दिन का उद्देश्य दिव्यांगों की समस्याओं के बारे में पूरी दुनिया का ध्यान खींचने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है. इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी एजेंसियों, नागरिक व सामाजिक संगठन, शैक्षणिक संस्थाओं व निजी क्षेत्र से जुड़े लोगों को दिव्यांगों के लिए कार्यक्रमों के आयोजन के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
संयुक्त राष्ट्र विकलांगता समावेशन रणनीति
संयुक्त राष्ट्र महासचिव की ओर से संयुक्त राष्ट्र विकलांगता समावेशन रणनीति रिपोर्ट जारी किया जाता है. इसमें दिव्यांगों के लिए नई चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डाला जाता है. इसमें दिव्यांगों के लिए रणनीति कार्यान्वयन, समावेशी, सुलभ और टिकाऊ व्यवस्था उपलब्ध कराने पर फोकस किया जाता है. इस दौरान दिव्यांगों के लिए योजना लागू करने के लिए फंड की व्यवस्था, नोडल एजेंसियां और लक्ष्यों को तय किया जाता है.
वैश्विक स्तर पर दिव्यांगों की स्थिति
- संयुक्त राष्ट्र के अनुसार पूरी दुनिया में दिव्यांगों की आबादी 100 करोड़ (एक बिलियन) है.
- दिव्यांगों की कुल आबादी का 80 फीसदी विकासशील देशों में रहते हैं.
- स्वास्थ एजेंसियों के सर्वे के अनुसार 60 और इससे अधिक आयु के 46 फीसदी लोग दिव्यांग हैं.
- हर पांच में से एक महिला को अपने लाइफ में दिव्यांगता का अनुभव होने का अनुमान है.
- वैश्विक रूप से हर 10 बच्चों में से एक बच्चा दिव्यांग है.
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- 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की आबादी 121 करोड़ है.
- 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में दिव्यांगों की आबादी 2.68 करोड़ है.
- 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में दिव्यांगों की आबादी 2.21 फीसदी है.
दिव्यांगजनों के लिए विशिष्ट पहचान पत्र
- भारत सरकार की ओर से दिव्यांगजनों के लिए विशिष्ट पहचान पत्र (Unique Disability ID-UDID) जारी किया जाता है.
- भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की ओर से एकीकृत रूप से जारी किया जाता है.
- RPWD Act 2016 के तहत UDID जारी किया जाता है.
- देश के सभी जिला अस्पतालों और भारत सरकार की ओर से अधिकृत अस्पतालों में UDID बनवाने की सुविधा है.
- UDID संबंधित अस्पतालों में मेडिकल बोर्ड के सत्यापन के आधार पर जारी किया जाता है.
- इस कार्ड में फर्जीवाड़े की संभावना नहीं है. साथ ही दिव्यांगों को प्रणाण पत्र के लिए अलग-अलग तरह के दस्तावेजों की जरूरत नहीं है.
- UDID दिव्यांगों की पहचान, सत्यापन के लिए सिंगल प्रूफ के तौर पर काम करता है.
- UDID में दिव्यांगों के आंकड़ों में दोहराव की संभावना नहीं होती है.
- UDID नंबर आजीवन काम करेगा.