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जानिए क्यों, महज 112 रुपये के लिए दुल्हन को सऊदी अरब वापस लौटना पड़ा - केरल स्पेशल मैरिज रूल्स 1958

कभी-कभी कागजी खानापूर्ति आम लोगों के लिए कितनी बड़ी मुसीबत बन जाती है. इसका जीता-जागता उदाहरण केरल के कोच्चि में देखने को मिला, जहां मात्र 110 रुपये की फीस समय पर अदा न करने की वजह से एक दंपत्ति की शादी रुक गई.

High Court
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Published : Aug 9, 2021, 3:26 PM IST

Updated : Aug 9, 2021, 5:00 PM IST

कोच्चि : विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी की सूचना के साथ 110 रुपये की अपेक्षित फीस समय पर नहीं देने से अंतर-धार्मिक जोड़े का विवाह पंजीकरण नहीं हो पाया. इसकी वजह से होने वाली दुल्हन को सऊदी वापसी की यात्रा रोकनी पड़ी, जहां वह नर्स का काम करती है.

दंपति को केरल उच्च न्यायालय से भी कोई राहत नहीं मिली, जिसमें कहा गया था कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह पंजीकरण नहीं होगा यदि शादी की सूचना अपेक्षित शुल्क के साथ जमा नहीं है. दंपति ने बीते 11 जून को विवाह अधिकारी को शादी की सूचना दी थी लेकिन इसके साथ आवश्यक शुल्क जमा नहीं किया था.

उच्च न्यायालय में पेश हुए वकील आर राजेश ने बताया कि कुछ हफ्ते बाद ही दंपति को एहसास हुआ कि नोटिस प्रकाशित नहीं किया गया है क्योंकि केरल विशेष विवाह नियम 1958 के तहत फीस का भुगतान नहीं किया गया था.

चूंकि उन्होंने 9 जुलाई को राशि का भुगतान किया इसलिए पंजीकरण की तारीख, जो कि नोटिस प्रकाशित होने के 30 दिनों के बाद ही हो सकती है, 5 अगस्त से पहले नहीं की जा सकती. हालांकि 5 अगस्त को ही दुल्हन को वापस सउदी अरब लौटना था.

चूंकि विवाह अधिकारी 5 अगस्त से पहले शादी के पंजीकरण से इनकार कर रहा था इसलिए दंपति ने उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसने भी कोई राहत नहीं मिली. कोर्ट ने कहा कि केरल स्पेशल मैरिज रूल्स 1958 से यह स्पष्ट है कि अगर नोटिस बिना फीस जमा किए दिया जाता है, तो इसे स्पेशल मैरिज एक्ट की आवश्यकता के अनुरूप दिया गया नहीं माना जा सकता है.

अदालत ने चार अगस्त के अपने आदेश में कहा कि अगर ऐसा है तो विवाह अधिकारी इस तरह के नोटिस पर कार्रवाई करने के लिए बाध्य नहीं है. अधिवक्ता राजेश ने बताया कि चूंकि दंपति को उच्च न्यायालय से राहत मिली है.

यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा रद्द होने पर परीक्षा शुल्क संबंधी याचिका खारिज की

इसलिए महिला ने अपनी वापसी को कुछ और दिनों के लिए टाल दिया है और उनकी शादी का पंजीकरण 9 अगस्त के बाद विवाह अधिकारी द्वारा की जाएगी. उन्होंने कहा कि महिला को अपने पति के लिए वीजा पाने के लिए विवाह प्रमाण पत्र आवश्यक था, ताकि वे सऊदी अरब में उनके साथ जा सकें.

कोच्चि : विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी की सूचना के साथ 110 रुपये की अपेक्षित फीस समय पर नहीं देने से अंतर-धार्मिक जोड़े का विवाह पंजीकरण नहीं हो पाया. इसकी वजह से होने वाली दुल्हन को सऊदी वापसी की यात्रा रोकनी पड़ी, जहां वह नर्स का काम करती है.

दंपति को केरल उच्च न्यायालय से भी कोई राहत नहीं मिली, जिसमें कहा गया था कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह पंजीकरण नहीं होगा यदि शादी की सूचना अपेक्षित शुल्क के साथ जमा नहीं है. दंपति ने बीते 11 जून को विवाह अधिकारी को शादी की सूचना दी थी लेकिन इसके साथ आवश्यक शुल्क जमा नहीं किया था.

उच्च न्यायालय में पेश हुए वकील आर राजेश ने बताया कि कुछ हफ्ते बाद ही दंपति को एहसास हुआ कि नोटिस प्रकाशित नहीं किया गया है क्योंकि केरल विशेष विवाह नियम 1958 के तहत फीस का भुगतान नहीं किया गया था.

चूंकि उन्होंने 9 जुलाई को राशि का भुगतान किया इसलिए पंजीकरण की तारीख, जो कि नोटिस प्रकाशित होने के 30 दिनों के बाद ही हो सकती है, 5 अगस्त से पहले नहीं की जा सकती. हालांकि 5 अगस्त को ही दुल्हन को वापस सउदी अरब लौटना था.

चूंकि विवाह अधिकारी 5 अगस्त से पहले शादी के पंजीकरण से इनकार कर रहा था इसलिए दंपति ने उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसने भी कोई राहत नहीं मिली. कोर्ट ने कहा कि केरल स्पेशल मैरिज रूल्स 1958 से यह स्पष्ट है कि अगर नोटिस बिना फीस जमा किए दिया जाता है, तो इसे स्पेशल मैरिज एक्ट की आवश्यकता के अनुरूप दिया गया नहीं माना जा सकता है.

अदालत ने चार अगस्त के अपने आदेश में कहा कि अगर ऐसा है तो विवाह अधिकारी इस तरह के नोटिस पर कार्रवाई करने के लिए बाध्य नहीं है. अधिवक्ता राजेश ने बताया कि चूंकि दंपति को उच्च न्यायालय से राहत मिली है.

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इसलिए महिला ने अपनी वापसी को कुछ और दिनों के लिए टाल दिया है और उनकी शादी का पंजीकरण 9 अगस्त के बाद विवाह अधिकारी द्वारा की जाएगी. उन्होंने कहा कि महिला को अपने पति के लिए वीजा पाने के लिए विवाह प्रमाण पत्र आवश्यक था, ताकि वे सऊदी अरब में उनके साथ जा सकें.

Last Updated : Aug 9, 2021, 5:00 PM IST
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