जयपुर. 5 दिसंबर को श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की घर में गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस ने अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक को राजस्थान से तो तीन को चंडीगढ़ से पकड़ा गया. जबकि तीन आरोपियों को हरियाणा की गुरुग्राम जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया गया है. पकड़े गए सात आरोपियों में दोनों शूटर्स भी हैं, जिन्होंने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के घर में घुसकर उन पर गोलियां बरसाकर इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था.
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के अनुसार सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या करने वाले शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौड़ को चंडीगढ़ से पकड़ा गया है. उनके साथ उधम नाई नाम के एक युवक को भी पुलिस ने पकड़ा है, जिसने दोनों शूटर्स को हिसार से मनाली ले जाकर फरारी काटने में मदद की थी. पुलिस ने रामवीर को भी गिरफ्तार किया है, जो नितिन फौजी का पुराना दोस्त है. रामवीर ने ही 5 दिसंबर को जयपुर में वारदात के बाद शूटर्स को बाइक पर बैठाकर डीडवाना जाने वाली बस में बैठाया था.
हरियाणा के जेल से जुड़ा कनेक्शन: पुलिस ने हरियाणा की गुरुग्राम जेल से भवानी उर्फ रोनी, राहुल और सुमित को भी प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि भवानी उर्फ रोनी गैंगस्टर रोहित गोदारा और वीरेंद्र चारण से जुड़ा हुआ है. वह नितिन फौजी का भी दोस्त है. उसी ने नितिन फौजी का रोहित गोदारा गैंग से परिचय करवाया और उसी के कहने पर ही मर्डर का जिम्मा नितिन को दिया गया. पुलिस इन सातों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. अब तक की पूछताछ में इस पूरे मामले से गैंगस्टर वीरेंद्र चारण का नाम जुड़ रहा है. वीरेंद्र चारण राजस्थान के सुजानगढ़ का रहने वाला है और उस पर एक लाख रुपए का इनाम है. माना जाता है कि लॉरेंस विश्नोई-रोहित गोदारा गैंग के लिए राजस्थान का काम वही संभालता है. उसके नेपाल या दुबई में होने का अंदेशा है. अब पुलिस इन सातों आरोपियों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि रोहित गोदारा, चीनू आनंदपाल और लॉरेंस विश्नोई की इस हत्याकांड में क्या भूमिका है.
विदेश में रची गई साजिश, सबको मिला अलग-अलग टास्क: पकड़े गए बदमाशों से अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि लॉरेंस और रोहित गोदारा के खास वीरेंद्र चारण ने इस पूरी वारदात की स्क्रिप्ट तैयार की थी, उसने भवानी उर्फ रोनी को सुखदेव सिंह की हत्या का टारगेट दिया था, लेकिन रोनी पकड़ा गया, उसी ने विदेश में सैटल करवाने का वादा कर नितिन को हत्या करने के लिए राजी कर लिया. वहीं, दूसरा शूटर रोहित और वीरेंद्र चारण पहले भी कई वारदात साथ कर चुके थे. कहा जा रहा है कि रोहित पर दर्ज पॉक्सो के एक मामले में सुखदेव सिंह ने समझौता नहीं होने दिया था. इसलिए वह इस काम के लिए तैयार हो गया. वारदात को अंजाम देने में किसी भी तरह की कोई चूक न हो, इसलिए दो शूटर एक साथ भेजे गए थे.
वीरेंद्र और गोदारा के संपर्क में था नवीन शेखावत: सुखदेव सिंह के घर पर हुए शूटआउट में मारा गया नवीन शेखावत लंबे समय से रोहित गोदारा और वीरेंद्र चारण के संपर्क में था. साथ ही वह सुखदेव सिंह के भी संपर्क में था. इसलिए उसे शूटर्स के साथ सुखदेव सिंह के घर भेजा गया. हालांकि, उसे शूटर्स ने गोली क्यों मारी. इस राज से पर्दा उठना अभी बाकि है, लेकिन कहा जा रहा है कि उसके पास गैंग से जुड़े लोगों के कई राज थे. इसलिए वीरेंद्र ने सुखदेव सिंह के साथ उसे भी ठिकाने लगाने का आर्डर दे दिया था. वह शादी का कार्ड देने के बहाने से सुखदेव सिंह के घर गया था और रोहित राठौड़ व नितिन फौजी को गोगामेड़ी से मिलवाने के बहाने घर ले गया.
सेना का जवान कैसे जुड़ा गैंग से ? : महेंद्रगढ़ (हरियाणा) का रहने वाला शूटर नितिन फौजी सेना का जवान है. वह राजस्थान के अलवर में तैनात था. वह 7 नवंबर को हरियाणा पुलिस पर फायरिंग कर भागा और बचने के लिए राजस्थान आ गया. भवानी उर्फ रोनी के कहने पर राजस्थान में वीरेंद्र चारण ने उसके फरारी काटने का इंतजाम किया और फिर उसी को मर्डर का जिम्मा दिया गया. इसके बदले उसे विदेश में सैटल करवाने का भरोसा दिलाया गया. वह लगातार कई दिनों से ड्यूटी से अनुपस्थित चल रहा है.
डीडवाना से मिली लीड, गुरुग्राम जेल से भी मिला इनपुट: वारदात के खुलासे के लिए बनी राजस्थान पुलिस की एसआईटी की मॉनिटरिंग कर रहे एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन के अनुसार डीडवाना एसपी से इनपुट मिला था कि हरियाणा पुलिस वहां संदिग्ध की तलाश में छापेमारी कर रही है. वहां कुछ संदिग्धों और कार चालक से जानकारी मिली कि बदमाश सुजानगढ़ होते हुए दिल्ली की तरफ गए हैं. इसके बाद गुरुग्राम जेल में बंद बदमाशों से पूछताछ में मिले इनपुट के आधार पर बदमाशों को चंडीगढ़ से पकड़ा गया.
लेन-देन का विवाद, रंगदारी या वर्चस्व की लड़ाई ? : सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की असल वजह वर्चस्व की लड़ाई है, लेन-देन और जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद है या रंगदारी को लेकर डिस्प्यूट. इस पर साफ तौर से अभी तक पुलिस ने कोई खुलासा नहीं किया है. हालांकि, सूत्र बताते हैं कि सुखदेव गोगामेड़ी का कद पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा था और वे गोदारा गैंग की रंगदारी वसूलने में अड़चन डाल रहे थे. इसलिए उन्हें रास्ते से हटाने की साजिश रची गई. खास बात यह है कि यह पूरी साजिश शातिर तरीके से रची गई थी, अलग-अलग बदमाशों के लिए अलग-अलग टास्क तय किया गया था.