नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को कहा कि एक भारतीय जीनोम समूह ने 57,000 से अधिक सार्स-सीओवी-2 जीनोमों को अनुक्रमित (सीक्वेंसिंग) किया है और करीब 45,000 नमूनों का विश्लेषण किया गया है.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पिछले साल दिसंबर में इंडियन सार्स सीओवी2 जीनोमिक कंर्सोटियम (इनसाकोग) की स्थापना की थी जो 28 प्रयोगशालाओं का समूह है. इसकी स्थापना ब्रिटेन में सार्स-सीओवी-2 के नए स्वरूपों के अचानक सामने आने की पृष्ठभूमि में वायरस के नए स्वरूपों के अनुक्रमण और निगरानी के लिए की गई थी.
मंडाविया ने कहा कि शुरूआत से लेकर अब तक इनसाकोग 57,476 सार्स-जीओवी-2 जीनोम को अनुक्रमित किया है जिनमें से 44,334 नमूनों का विश्लेषण किया गया है.
उन्होंने कहा कि इनसाकोग द्वारा किए गए समग्र जीनोम अनुक्रमण गतिविधियों के माध्यम से विभिन्न स्वरूपों का पता लगा है. प्राप्त जानकारी को नियमित रूप से राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझा किया जा रहा है ताकि वे अपनी महामारी के मद्देनजर अपनी जन स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ कर सकें.
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मंडाविया ने कहा कि यह भी देखा गया है कि पता लगाए गए स्वरूपों में से बहुत कम ही स्वरूप ऐसे हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में संक्रमण के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि अभी, नमूना संग्रहण से लेकर अनुक्रमण संबंधी आंकड़ों के सृजन तथा स्वरूप की घोषणा करने तक की पूरी प्रक्रिया का समय दो सप्ताह है. इनसाकोग ने इस प्रक्रिया समय को घटाकर 7-10 दिन करने के लिए संशोधित मानक परिचालन प्रक्रिया जारी की है.
(पीटीआई-भाषा)