अगरतला : टीआईपीआए अध्यक्ष प्रद्योत किशोर देब बर्मन ने बृहस्पतिवार को यहां इस विलय की घोषणा की. दोनों पार्टियों ने छह अप्रैल को गठबंधन सहयोगी के तौर पर त्रिपुरा आदिवासी क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) चुनाव लड़ा था और 28 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी.
भाजपा ने नौ सीटें तथा एक अन्य सीट निर्दलीय उम्मीदवार ने जीती थी. बर्मन ने पत्रकारों को बताया कि यह विलय वृहद त्रिपुरा बनाने के साझा लक्ष्य को हासिल करने के लिए चुनाव बाद किया एकीकरण है. उन्होंने कहा कि यह विलय राज्य के पूरे आदिवासी समुदाय की एकता के लिए है. हम चाहते हैं कि साझा लक्ष्य को हासिल करने के लिए अन्य आदिवासी पार्टियां भी साथ आए.
यह भी पढ़ें-जिम्मेदारियों से पीछे हटी केंद्र सरकार, बुलाई जाए सर्वदलीय बैठक : सोनिया गांधी
आईएनपीटी अध्यक्ष और पूर्व विद्रोही बी के हरांगखॉल ने कहा कि टीआईपीआरए के साथ विलय के मुद्दे पर पार्टी में व्यापक चर्चा की गई. फिर यह निष्कर्ष निकला कि अगर प्रद्योत किशोर देब बर्मन के नेतृत्व में आईएनपीटी का टीआईपीआरए के साथ विलय हो जाता है तो समुदाय एक साझा उद्देश्य के लिए एकजुट होगा.