नई दिल्ली : डॉक्टरों ने बुधवार को दिल्ली में फ्लू के मामलों में वृद्धि की सूचना दी है, जिसमें रोगियों में तेज बुखार और लगभग दो सप्ताह तक लगातार खांसी की शिकायत सामने आ रही है. Medanta Hospital की आंतरिक चिकित्सा की वरिष्ठ निदेशक सुशीला कटारिया ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि ये मामले इन्फ्लुएंजा ए वायरस के (Influenza A virus H3N2) एच3एन2 प्रकार से संबंधित हैं.
कटारिया ने कहा, सामान्य लक्षणों में दो-तीन दिनों के लिए तेज बुखार, शरीर में दर्द और सिरदर्द, गले में जलन और दो सप्ताह तक लगातार खांसी शामिल हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ( ICMR ) के आंकड़ों के मुताबिक, Influenza virus का एक Subtype H3N2 पिछले दो-तीन महीनों से व्यापक प्रचलन में है. AIIMS में सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर हर्षल आर साल्वे ने कहा कि फ्लू वायरस के फैलने में वृद्धि वर्तमान में प्रचलित जलवायु परिस्थितियों के कारण है.
हर्षल आर ने आईएएनएस को बताया कि सरकार द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में स्थापित तंत्र के माध्यम से सीरोलॉजिकल निगरानी वायरस के सीरोटाइप और इसके स्थानिक को निर्धारित करने के लिए जरूरी है. चाणक्यपुरी में प्राइमस अस्पताल के डॉक्टरों ने भी वायरल संक्रमण के साथ ओपीडी मामलों में 90 प्रतिशत रोगी वृद्धि की सूचना दी है. स्लीप एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के प्रमुख एस.के. छाबड़ा ने एक बयान में कहा कि अस्पताल में आने वाले मरीजों में वायरल फीवर, सर्दी और खांसी और ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर फेफड़ों की एलर्जी प्रमुख रूप से सामने आ रही है.
Viral infections और सीने में जकड़न की शिकायत करने वाले रोगियों की संख्या में वृद्धि दर्शाती है कि कैसे मौसमी परिवर्तन लोगों के स्वास्थ्य की स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है. बदलते मौसम के साथ-साथ प्रदूषण भी वायरल संक्रमण से प्रभावित रोगियों की संख्या को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. नतीजतन, डॉक्टरों ने देखा कि अस्थमा के रोगियों और फेफड़ों के गंभीर संक्रमण वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है.
डॉक्टरों ने कहा कि बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं में संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा है. इसलिए, उन्हें बाहर निकलते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए. छाबड़ा ने आगे कहा कि अस्थमा जैसी पुरानी बीमारियों वाले मरीजों को ऐसे मौसम परिवर्तन के दौरान अतिरिक्त सतर्क रहना पड़ता है क्योंकि यह गंभीर श्वसन संबंधी समस्याओं और अस्थमा के दौरे को ट्रिगर कर सकता है. इस समय के दौरान, समस्या के बढ़ने के जोखिम को कम करने के लिए सांस की मामूली समस्या के बारे में भी पल्मोनोलॉजिस्ट या चिकित्सक को सूचित किया जाना चाहिए. डॉक्टरों ने वायरस से लड़ने के लिए फ्लू के खिलाफ टीका लगवाने, हाथों की सफाई रखने और हाइड्रेशन बनाए रखने का भी सुझाव दिया है. h3n2 virus h3n2 treatment . new virus in india . h3n2 india . h3n2 virus symptoms . h3n2 influenza . influenza h3n2 . spring influenza symptoms . h3n2 flu symptoms . influenza a subtype h3n2 .
(आईएएनएस)
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Human Avian Influenza- इन लक्षणों से रहें सावधान, देश-विदेश में लगातार बढ़ रहे मामले