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कमलनाथ के स्वागत से नाराज सिखों ने किया खालसा स्टेडियम का शुद्धिकरण, फांसी देने की मांग की

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Published : Nov 9, 2022, 10:04 PM IST

इंदौर में गुरु नानक जयंती पर मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ को बुलाने से सिख समाज के लोग नाराज हो गए. जिस पर आज बुधवार को सिख समाज के अनुयायियों ने खालसा स्टेडियम शुद्धिकरण किया. प्रसिद्ध कीर्तनकार मनप्रीत कानपुरिया ने कमलनाथ के आगमन पर विरोध जताते हुए कहा कि शर्म करो जिसने सिखों के घर बर्बाद कर दिए. जो 1984 के दोषी बताए जाते हैं उनका गुण गान किया जा रहा है. मनप्रीत ने कहा कि आज के बाद कभी इंदौर नहीं आऊंगा.

ruckus over honor of kamal nath
इंदौर खालसा स्टेडियम का शुद्धिकरण

इंदौर। गुरु नानक जयंती के अवसर पर इंदौर खालसा स्टेडियम में हुए प्रकाश पर्व आयोजन को लेकर अब राजनीतिक शुरू हो गई है. दरअसल कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को खालसा स्टेडियम (Sikhs Protest Against Kamal Nath) में बुलाने को लेकर प्रसिद्ध कीर्तनकार मनप्रीत कानपुरिया ने इसका विरोध किया था. जिस पर आज बुधवार को सिख समाज के अनुयायियों द्वारा खालसा स्टेडियम की पवित्र धरती को दूध और अमृतसर के पवित्र जल से अभिषेक किया गया.

इंदौर खालसा स्टेडियम का शुद्धिकरण

कमलनाथ को फांसी देने के लगाए नारे: दरअसल 1984 के दंगों में शामिल कमलनाथ को लेकर सिख समाज में पहले ही रोष व्याप्त है, और खालसा में प्रकाश पर्व पर कमलनाथ का आगमन एवं मंच पर उनका स्वागत समाज के कुछ लोगों के बीच आग में घी डालने जैसा काम कर गया. इसको लेकर सिख समुदाय के अनुयायियों ने नेवर फॉरगेट 1984 लिखे कमलनाथ के बैनर लगाकर उन्हें फांसी देने के नारे लगाए. सिख समाज के अनुयायी का कहना है कि ''कुछ लोगों के चलते हमारे धार्मिक कीर्तनकार मनप्रीत कानपुरिया अब इंदौर नहीं आने की बात कह गए थे, जिस पर उन्होंने चैनल के माध्यम से अपील की है कि 2 लोगों के इस कृत्य को पूरे इंदौर के सिख समाज को जोड़ कर ना देखें. उन्होंने कहा कि यह आयोजन नहीं हमारा दुख है. कल कमलनाथ के पैर सिक्कों की संस्था खालसा स्टेडियम में पड़े थे और यहां उनका स्वागत किया गया''.

ruckus over honor of kamal nath
इंदौर खालसा स्टेडियम का शुद्धिकरण

सिख समाज को नागवार गुजरा कमलानथ का सम्मान: महासचिव जसबीर सिंह गांधी राजा और साथ ही दानवीर सिंह छाबड़ा प्रभारी अध्यक्ष ने कमलनाथ को गुरु नानक जयंती पर आमंत्रित किया था. इस पर सिख समाज के लोगों का कहना है कि ''इन दोनों ने जो कृत्य किया है उससे समाज में रोष व्याप्त हो गया है. 1984 के दिन की घटना की तारीख पर समाज के लोगों के घरों में खाना नहीं बनता, आज उस व्यक्ति (कमलनाथ) का कल पौने घंटे तक सम्मान किया गया और धार्मिक मंच को राजनीतिक मंच बनाकर कांग्रेस की तारीफों के पुल बांधे गए''.

गुरु नानक जयंती में पहुंचे कमलनाथ, सिख कीर्तनकार ने जताया विरोध, बोले-सिखों को बर्बाद करने वाले का कर रहे गुणगान

मनप्रीत बोले-कभी नहीं आऊंगा इंदौर: अनुयायी ने कहा कि ''1984 के दंगों के समय काम करने वाले कमलनाथ जैसे व्यक्ति का इस मंच से स्वागत करना गलत है. वही जिस व्यक्ति को सजा दिलाने के लिए भारत ही नहीं बल्कि विदेशों के गुरुद्वारा में भी निंदा होती है, ऐसे व्यक्ति को प्रकाश पर्व पर मंच पर बुलाकर सम्मान करना कहीं ना कहीं ग्रंथ कीर्तनकारी मनप्रीत सिंह कानपुरीया को गलत लगा और उन्होंने अब इंदौर में वापस कभी नहीं आने की बात कही थी''.

यह है मामला: मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने इंदौर दौरे के दौरान गुरु नानक जयंती के पावन पर्व पर सिख समाज द्वारा खालसा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे. यहां पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने समाज जनों की मौजूदगी में गुरु ग्रंथ साहिब जी के सजे दीवान के सामने माथा टेककर आशीर्वाद लिया. इस अवसर पर कमलनाथ ने कहा श्री गुरु नानक देव जी एक महान संत थे. जिन्होंने समाज को सही दिशा दिखाने के लिये दुनिया का भ्रमण कर सही रास्ते पर चलने का उपदेश दिया. कमलनाथ के जाने के बाद कार्यक्रम में कीर्तन कर रहे कीर्तनकार मनप्रीत सिंह को कमलनाथ का सम्मान नागवार गुजरा. उन्होंने कार्यक्रम के आयोजकों की ओर मुखातिब होकर कहा शर्म करो गांधी जिसने सिखों के घर बर्बाद कर दिए. जो 1984 के दोषी बताए जाते हैं, तुम उसके गुण गान गा रहे हो.

इंदौर। गुरु नानक जयंती के अवसर पर इंदौर खालसा स्टेडियम में हुए प्रकाश पर्व आयोजन को लेकर अब राजनीतिक शुरू हो गई है. दरअसल कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को खालसा स्टेडियम (Sikhs Protest Against Kamal Nath) में बुलाने को लेकर प्रसिद्ध कीर्तनकार मनप्रीत कानपुरिया ने इसका विरोध किया था. जिस पर आज बुधवार को सिख समाज के अनुयायियों द्वारा खालसा स्टेडियम की पवित्र धरती को दूध और अमृतसर के पवित्र जल से अभिषेक किया गया.

इंदौर खालसा स्टेडियम का शुद्धिकरण

कमलनाथ को फांसी देने के लगाए नारे: दरअसल 1984 के दंगों में शामिल कमलनाथ को लेकर सिख समाज में पहले ही रोष व्याप्त है, और खालसा में प्रकाश पर्व पर कमलनाथ का आगमन एवं मंच पर उनका स्वागत समाज के कुछ लोगों के बीच आग में घी डालने जैसा काम कर गया. इसको लेकर सिख समुदाय के अनुयायियों ने नेवर फॉरगेट 1984 लिखे कमलनाथ के बैनर लगाकर उन्हें फांसी देने के नारे लगाए. सिख समाज के अनुयायी का कहना है कि ''कुछ लोगों के चलते हमारे धार्मिक कीर्तनकार मनप्रीत कानपुरिया अब इंदौर नहीं आने की बात कह गए थे, जिस पर उन्होंने चैनल के माध्यम से अपील की है कि 2 लोगों के इस कृत्य को पूरे इंदौर के सिख समाज को जोड़ कर ना देखें. उन्होंने कहा कि यह आयोजन नहीं हमारा दुख है. कल कमलनाथ के पैर सिक्कों की संस्था खालसा स्टेडियम में पड़े थे और यहां उनका स्वागत किया गया''.

ruckus over honor of kamal nath
इंदौर खालसा स्टेडियम का शुद्धिकरण

सिख समाज को नागवार गुजरा कमलानथ का सम्मान: महासचिव जसबीर सिंह गांधी राजा और साथ ही दानवीर सिंह छाबड़ा प्रभारी अध्यक्ष ने कमलनाथ को गुरु नानक जयंती पर आमंत्रित किया था. इस पर सिख समाज के लोगों का कहना है कि ''इन दोनों ने जो कृत्य किया है उससे समाज में रोष व्याप्त हो गया है. 1984 के दिन की घटना की तारीख पर समाज के लोगों के घरों में खाना नहीं बनता, आज उस व्यक्ति (कमलनाथ) का कल पौने घंटे तक सम्मान किया गया और धार्मिक मंच को राजनीतिक मंच बनाकर कांग्रेस की तारीफों के पुल बांधे गए''.

गुरु नानक जयंती में पहुंचे कमलनाथ, सिख कीर्तनकार ने जताया विरोध, बोले-सिखों को बर्बाद करने वाले का कर रहे गुणगान

मनप्रीत बोले-कभी नहीं आऊंगा इंदौर: अनुयायी ने कहा कि ''1984 के दंगों के समय काम करने वाले कमलनाथ जैसे व्यक्ति का इस मंच से स्वागत करना गलत है. वही जिस व्यक्ति को सजा दिलाने के लिए भारत ही नहीं बल्कि विदेशों के गुरुद्वारा में भी निंदा होती है, ऐसे व्यक्ति को प्रकाश पर्व पर मंच पर बुलाकर सम्मान करना कहीं ना कहीं ग्रंथ कीर्तनकारी मनप्रीत सिंह कानपुरीया को गलत लगा और उन्होंने अब इंदौर में वापस कभी नहीं आने की बात कही थी''.

यह है मामला: मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने इंदौर दौरे के दौरान गुरु नानक जयंती के पावन पर्व पर सिख समाज द्वारा खालसा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे. यहां पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने समाज जनों की मौजूदगी में गुरु ग्रंथ साहिब जी के सजे दीवान के सामने माथा टेककर आशीर्वाद लिया. इस अवसर पर कमलनाथ ने कहा श्री गुरु नानक देव जी एक महान संत थे. जिन्होंने समाज को सही दिशा दिखाने के लिये दुनिया का भ्रमण कर सही रास्ते पर चलने का उपदेश दिया. कमलनाथ के जाने के बाद कार्यक्रम में कीर्तन कर रहे कीर्तनकार मनप्रीत सिंह को कमलनाथ का सम्मान नागवार गुजरा. उन्होंने कार्यक्रम के आयोजकों की ओर मुखातिब होकर कहा शर्म करो गांधी जिसने सिखों के घर बर्बाद कर दिए. जो 1984 के दोषी बताए जाते हैं, तुम उसके गुण गान गा रहे हो.

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