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SLV-3-D2: एसएलवी-3-डी2 के सफल प्रक्षेपण के बाद इंदिरा ने NTR को किया था आमंत्रित : कांग्रेस

कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Congress leader Jairam Ramesh) ने कहा कि एसएलवी-3-डी-2 के सफल प्रक्षेपण के बाद आंध्र प्रदेश के तत्कालीन सीएम एनटी रामाराव (Andhra Pradesh Chief Minister NT Rama Rao) को उस की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने श्रीहरिकोटा में मौजूद रहने के लिए बुलाया था. रमेश ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने बेंगलुरु आने पर सीएम व डिप्टी सीएम को इसलिए नहीं बुलाया क्योंकि उनसे पूर्व दोनों नेता इसरो के वैज्ञानिकों को सम्मानित कर दिया था.

Congress leader Jairam Ramesh
कांग्रेस नेता जयराम रमेश
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 29, 2023, 3:14 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Congress leader Jairam Ramesh) ने मंगलवार को कहा कि 1983 में एसएलवी-3-डी2 के सफल प्रक्षेपण के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Prime Minister Indira Gandhi) ने एक दूसरे के धुर राजनीतिक विरोधी होने के बावजूद, आंध्र प्रदेश के तब के मुख्यमंत्री एनटी रामाराव (Andhra Pradesh Chief Minister NT Rama Rao) को श्रीहरिकोटा में मौजूद रहने के लिए आमंत्रित किया था. रमेश की यह टिप्पणी उस विवाद के संदर्भ में आई है जो कांग्रेस के एक आरोप के मद्देनजर उपजा है.

  • They were bitter political rivals, but Indira Gandhi invited N.T. Rama Rao to be present at Sriharikota after the successful launch of the SLV-3-D2 on April 17 1983. This is from Ved Prakash Sandlas' 2018 classic, ‘The Leapfroggers’. pic.twitter.com/dtRxanmyqF

    — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार को सप्ताहांत में उनकी बेंगलुरु यात्रा के दौरान एचएएल हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी करने से कथित तौर पर रोक दिया था. रमेश ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री इस बात को लेकर सिद्धारमैया और शिवकुमार से चिढ़ गए कि उनसे पहले उन दोनों ने इसरो के वैज्ञानिकों को सम्मानित किया. रमेश ने मोदी पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को रोककर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया था.

प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को कहा था कि उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से उनके स्वागत के लिए हवाई अड्डा नहीं आने का आग्रह किया था, क्योंकि लंबी उड़ान के बाद वह अपने आगमन के समय को लेकर आश्वस्त नहीं थे और इसलिए नहीं चाहते थे कि इन्हें सुबह इतनी जल्दी आने का कष्ट उठाना पड़े. प्रधानमंत्री चंद्रयान-3 मिशन में शामिल इसरो के वैज्ञानिकों से बातचीत करने के लिए यूनान की राजधानी एथेंस से शनिवार को सुबह करीब छह बजे सीधे बेंगलुरु पहुंचे थे.

रमेश ने इस घटना का जिक्र किए बिना 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'वे कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी थे, लेकिन इंदिरा गांधी ने 17 अप्रैल 1983 को एसएलवी-3-डी2 के सफल प्रक्षेपण के बाद एन टी रामाराव को श्रीहरिकोटा में उपस्थित रहने के लिए आमंत्रित किया था. यह वेद प्रकाश सैंडलस की 2018 की अनूठी पुस्तक 'द लीपफ्रोगर्स' से है.' एसएलवी-3 अपने साथ रोहिणी उपग्रह आरएस-डी2 को लेकर गया था. हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री की अगवानी के लिए प्रोटोकॉल की अनदेखी को लेकर भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री आर अशोक तथा शिवकुमार के बीच वाकयुद्ध भी छिड़ गया था.

ये भी पढ़ें - Adani Hindenburg row:अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद पर कांग्रेस ने कहा- सेबी का अंतिम निष्कर्ष तक न पहुंच पाना बेहद चिंताजनक

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Congress leader Jairam Ramesh) ने मंगलवार को कहा कि 1983 में एसएलवी-3-डी2 के सफल प्रक्षेपण के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Prime Minister Indira Gandhi) ने एक दूसरे के धुर राजनीतिक विरोधी होने के बावजूद, आंध्र प्रदेश के तब के मुख्यमंत्री एनटी रामाराव (Andhra Pradesh Chief Minister NT Rama Rao) को श्रीहरिकोटा में मौजूद रहने के लिए आमंत्रित किया था. रमेश की यह टिप्पणी उस विवाद के संदर्भ में आई है जो कांग्रेस के एक आरोप के मद्देनजर उपजा है.

  • They were bitter political rivals, but Indira Gandhi invited N.T. Rama Rao to be present at Sriharikota after the successful launch of the SLV-3-D2 on April 17 1983. This is from Ved Prakash Sandlas' 2018 classic, ‘The Leapfroggers’. pic.twitter.com/dtRxanmyqF

    — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार को सप्ताहांत में उनकी बेंगलुरु यात्रा के दौरान एचएएल हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी करने से कथित तौर पर रोक दिया था. रमेश ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री इस बात को लेकर सिद्धारमैया और शिवकुमार से चिढ़ गए कि उनसे पहले उन दोनों ने इसरो के वैज्ञानिकों को सम्मानित किया. रमेश ने मोदी पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को रोककर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया था.

प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को कहा था कि उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से उनके स्वागत के लिए हवाई अड्डा नहीं आने का आग्रह किया था, क्योंकि लंबी उड़ान के बाद वह अपने आगमन के समय को लेकर आश्वस्त नहीं थे और इसलिए नहीं चाहते थे कि इन्हें सुबह इतनी जल्दी आने का कष्ट उठाना पड़े. प्रधानमंत्री चंद्रयान-3 मिशन में शामिल इसरो के वैज्ञानिकों से बातचीत करने के लिए यूनान की राजधानी एथेंस से शनिवार को सुबह करीब छह बजे सीधे बेंगलुरु पहुंचे थे.

रमेश ने इस घटना का जिक्र किए बिना 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'वे कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी थे, लेकिन इंदिरा गांधी ने 17 अप्रैल 1983 को एसएलवी-3-डी2 के सफल प्रक्षेपण के बाद एन टी रामाराव को श्रीहरिकोटा में उपस्थित रहने के लिए आमंत्रित किया था. यह वेद प्रकाश सैंडलस की 2018 की अनूठी पुस्तक 'द लीपफ्रोगर्स' से है.' एसएलवी-3 अपने साथ रोहिणी उपग्रह आरएस-डी2 को लेकर गया था. हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री की अगवानी के लिए प्रोटोकॉल की अनदेखी को लेकर भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री आर अशोक तथा शिवकुमार के बीच वाकयुद्ध भी छिड़ गया था.

ये भी पढ़ें - Adani Hindenburg row:अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद पर कांग्रेस ने कहा- सेबी का अंतिम निष्कर्ष तक न पहुंच पाना बेहद चिंताजनक

(पीटीआई-भाषा)

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