नई दिल्ली : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने शुक्रवार को भारत बायोटेक के टीके का समर्थन किया. आईएमए के अध्यक्ष ने कहा यह स्वदेशी टीका पूरी तरह से सुरक्षित है. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ जेए जयलाल सौद ने कहा कि कोवैक्सीन को भारतीय वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने विकसित किया है.
डॉ सौद ने कोवैक्सीन और कोवीशील्ड पर कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि भारत का उत्पाद सर्वश्रेष्ठ होगा. उन्होंने भारत सरकार के वैक्सीन रोलआउट के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि कोवैक्सीन और कोवीशील्ड दोनों ही समान रूप से प्रभावी हैं.
उन्होंने कहा कि कोवीशील्ड की तकनीक ऑक्सफोर्ड की है, लेकिन उसका उत्पादन भारत में होगा.
गुरुवार को भारत बायोटेक ने अपने कोविड-19 टीके कोवैक्सीन के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण के लिए स्वयंसेवकों के नामांकन के समापन की घोषणा की. तीरसे चरण के परीक्षण के लिए 25,800 लोगों ने नामांकन कराया है.
डॉ. जयलाल, जिन्होंने हाल ही में आईएमए अध्यक्ष का पद संभाला है, ने कहा, चरण 3 के परीक्षण में केवल दवा की प्रभावकारिता को मापा जाता है. वह कितनी सुरक्षित है यह दूसरे चरण में पता चल चुका है.
उन्होंने आगे कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक कहा जा सकता है कि टीका अच्छा और सुरक्षित है. कोवैक्सीन को भारत बायोटेक, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के संयुक्त सहयोग से विकसित किया गया है.
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डॉ. जयलाल ने कहा कि 'नागरिकों को वैक्सीन लेना चाहिए. चिंता की कोई बात नहीं है. यह भारतीय उत्पाद है और अन्य टीकों की तुलना में यह सस्ता होगा.' डॉ जयलाल ने कहा कि उपलब्ध डेटा के मुताबिक यह कहा जा सकता है कि कोवैक्सीन 65-70 प्रतीशत तक प्रभावी रहेगी.