नई दिल्ली : भारत में वित्तीय, भ्रष्टाचार, साइबर, बच्चों आदि से जुड़े अपराध बेरोकटोक जारी है. ऐसे में देश की कानून लागू करने वाली एजेंसियों को इंटरपोल के 194 सदस्य देशों की जांच एजेंसियों के साथ बातचीत करने और अपराध पर लगाम कसने के लिए सर्वोत्तम व्यवस्थाओं को साझा करने का मौका मिलेगा. इंटरपोल की 90वीं महासभा 18 से 21 अक्टूबर तक नई दिल्ली में आयोजित होने वाली है, जहां ये जांच एजेंसियां अपने-अपने जांच के तरीकों के बारे में बताएंगे. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया, "यह भारत की जांच एजेंसियों के लिए एक बड़ा अवसर होगा, जहां वे विभिन्न अपराधों से निपटने में सर्वोत्तम व्यवस्थाओं को साझा करने के साथ जानकारी हासिल कर सकेंगे."
दरअसल, इंटरपोल एक अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (International Criminal Police Organization) है. एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो दुनिया भर में पुलिस सहयोग और अपराध नियंत्रण की सुविधा प्रदान करता है. इसका मुख्यालय लियोन, फ्रांस में है. इसके दुनिया भर में सात क्षेत्रीय ब्यूरो हैं, और सभी 194 देशों में इसके सदस्य हैं. एक राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो है जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा पुलिस संगठन बनाता है.
इंटरपोल की महासभा हर साल एक बार आयोजित होती है और प्रत्येक सदस्य देश का प्रतिनिधित्व एक या कई प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है, जो आमतौर पर मंत्री, पुलिस प्रमुख, इंटरपोल राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी) के प्रमुख और वरिष्ठ मंत्रालय के अधिकारी होते हैं. अधिकारी ने कहा, "सदस्य देशों के बीच घनिष्ठ समन्वय के कारण ही हम विदेशी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पकड़े गए कई भारतीय भगोड़ों को पकड़ने में सफल रहे हैं." वास्तव में, भारत में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 59 स्थानों पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा कोड नेम "मेघ चक्र" के तहत चाइल्ड पोर्नोग्राफी और बाल यौन शोषण पर हाल ही में छापेमारी को भी इंटरपोल द्वारा समन्वित किया गया था.