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कोरोना के खिलाफ भारत की पहली क्लिनिकली टेस्टेड मेडिसिन की घोषणा - मानव नैदानिक ​​परीक्षणों

कोरोना के खिलाफ भारत को फिर से बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. भारत की पहली क्लिनिकली टेस्टेड मेडिसिन की घोषणा की गई है. प्लांट बेस्ड लिक्विड फॉर्मूलेशन 'आयुध एडवांस' को दो विस्तृत मानव नैदानिक ​​परीक्षणों (क्लिनिकली टेस्ट) में अत्यधिक प्रभावी और सुरक्षित पाया गया है. इससे कोरोना का उपचार किया जा सकता है.

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Published : Apr 16, 2021, 10:44 PM IST

Updated : Apr 17, 2021, 12:27 AM IST

अहमदाबाद : दुनिया भर में कोविड-19 महामारी के कहर की दूसरी लहर के साथ, कोरोना से संक्रमित मरीजों को प्रभावी चिकित्सा देखभाल और उपचार प्रदान करने की दिशा में एक सफलता हासिल हुई है.

प्लांट बेस्ड लिक्विड फॉर्मूलेशन (संयंत्र आधारित तरल निर्माण), 'आयुध एडवांस' को अहमदाबाद के दो सरकारी अस्पतालों में दो विस्तृत मानव नैदानिक ​​परीक्षणों में अत्यधिक प्रभावी और सुरक्षित पाया गया है. 'आयुध एडवांस' के साथ सिर्फ चार दिनों के उपचार के बाद इसने रोगियों में वायरल लोड को सफलतापूर्वक और प्रभावी रूप से कम किया है. शरीर के तापमान, खांसी और सांस की तकलीफ जैसे लक्षणों में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया. इसका कोई दुष्प्रभाव भी सामने नहीं आया है.

जिन कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज 'आयुध एडवांस' से किया गया उनकी हालत में सुधार देखा गया.

विज्ञान और स्वास्थ्य की जानकारी के प्रमुख प्रकाशक- एल्सेवियर द्वारा प्रकाशित पत्रिका 'कंटेम्परेरी क्लिनिकल ट्रायल कम्युनिकेशन' ने हाल ही में सार्वजनिक किया कि 'आयुध एडवांस' (स्टैंडर्ड ऑफ केयर के साथ) का पूरक उपचार कोरोना के मरीजों के लिए सुरक्षित और प्रभावी है.

यह शोध नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन - नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, यूएसए की वेबसाइट www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7948525/ पर भी प्रकाशित हुआ है.

पहला मानव नैदानिक ​​परीक्षण और अध्ययन अक्टूबर 2020 में अहमदाबाद के श्रीमती एनएचएल नगर मेडिकल कॉलेज में किया गया था. दूसरा मानव नैदानिक ​​परीक्षण जनवरी 2021 में अहमदाबाद के सोला में स्थित GMERS मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में किया गया.

पहले अध्ययन ने हल्के रोगसूचक COVID-19 रोगियों पर इसके प्रभाव की जांच की. इन रोगियों को दिन में चार बार 'आयुध एडवांस' के 15 मिलीलीटर के डोज दिए गए और वे केवल चार दिनों के भीतर ठीक हो गए.

इसके अलावा ट्रांसलेशन हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (टीएचएसटीआई) के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा रेमेडिसविर की तुलना में 'आयुध एडवांस' को 3 गुना अधिक प्रभावी पाया गया.

गुजरात में शुक्ला अशर इम्पेक्स प्रा. लिमिटेड द्वारा निर्मित 'आयुध एडवांस' एक तरल मिश्रण है जिसमें 21 विभिन्न प्रकार के पौधे-आधारित अर्क शामिल है. आयुर्वेदिक शास्त्र इन सामग्रियों को मानव उपभोग के लिए प्रभावी और सुरक्षित होने की पुष्टि करते हैं.

ये क्यूरेटिव औषधीय तत्व क्वांटम तकनीक और कोलाइडल साइंसेज का उपयोग करके संसाधित किए जाते हैं और एंग्स्ट्रॉम-आकार (यानी एक नैनोमीटर के दसवें) कणों तक टूट जाते हैं. यह उन्हें कहीं अधिक प्रभावी बनाता है.

शुक्ला अशर इम्पेक्स प्रा. लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डीपी शुक्ला ने कहा, 'आयुध एडवांस' टीके से अलग है. टीके वायरस के विशेष उपभेदों के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित करने में मदद करते हैं. लेकिन वह बीमारी से 100 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान नहीं करता. इसकी तुलना में 'आयुध एडवांस' रोग से सफलतापूर्वक छुटकारा दिलाता है.'

पढ़ें :- भारत ने 'स्पूतनिक-वी' वैक्सीन को दी आपातकालीन मंजूरी

उन्होंने बताया कि 'आयुध एडवांस' ने दो व्यापक नैदानिक ​​परीक्षण पूरे किए हैं. यह सैकड़ों डॉक्टरों द्वारा अनुशंसित है और इसका उपयोग 50,000 से अधिक रोगियों के इलाज के लिए किया गया है. सभी COVID-19 मरीज जिन्होंने 'आयुध एडवांस' का सेवन किया केवल एक सप्ताह में सफलतापूर्वक ठीक हो गए. उत्पाद को गुजरात के FDCA (आयुर्वेद), द्वारा अनुमोदित किया गया है और विनिर्माण और विपणन उद्देश्यों के लिए लाइसेंस प्राप्त है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में दो उत्पाद आयुध और आयुध एडवांस हैं.

आयुध मेन्टेन एक रोगनिरोधी स्वास्थ्य पूरक है जो शरीर को खतरों या रोगजनकों से लड़ने में मदद करता है और पाए जाने पर उनसे निपटाने में मदद करता है. उन्होंने बताया कि अब तक 2,20,000 से अधिक लोगों ने क्वारंटीन के दौरान इसका उपयोग कर रोग से लड़ने की क्षमता विकसित की है.

विशेषज्ञों का भी यही कहना है कि जब एक रोगज़नक़ हमारे शरीर में प्रवेश करता है और इसे संक्रमित करने की कोशिश करता है, तो हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पहले से ही सजग हो जाती है. GMERS मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल अहमदाबाद की डॉ. पारुल भट्ट का कहना है कि शुक्ला अशर में हम कई संभावनाओं को देखते हैं.

अहमदाबाद : दुनिया भर में कोविड-19 महामारी के कहर की दूसरी लहर के साथ, कोरोना से संक्रमित मरीजों को प्रभावी चिकित्सा देखभाल और उपचार प्रदान करने की दिशा में एक सफलता हासिल हुई है.

प्लांट बेस्ड लिक्विड फॉर्मूलेशन (संयंत्र आधारित तरल निर्माण), 'आयुध एडवांस' को अहमदाबाद के दो सरकारी अस्पतालों में दो विस्तृत मानव नैदानिक ​​परीक्षणों में अत्यधिक प्रभावी और सुरक्षित पाया गया है. 'आयुध एडवांस' के साथ सिर्फ चार दिनों के उपचार के बाद इसने रोगियों में वायरल लोड को सफलतापूर्वक और प्रभावी रूप से कम किया है. शरीर के तापमान, खांसी और सांस की तकलीफ जैसे लक्षणों में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया. इसका कोई दुष्प्रभाव भी सामने नहीं आया है.

जिन कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज 'आयुध एडवांस' से किया गया उनकी हालत में सुधार देखा गया.

विज्ञान और स्वास्थ्य की जानकारी के प्रमुख प्रकाशक- एल्सेवियर द्वारा प्रकाशित पत्रिका 'कंटेम्परेरी क्लिनिकल ट्रायल कम्युनिकेशन' ने हाल ही में सार्वजनिक किया कि 'आयुध एडवांस' (स्टैंडर्ड ऑफ केयर के साथ) का पूरक उपचार कोरोना के मरीजों के लिए सुरक्षित और प्रभावी है.

यह शोध नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन - नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, यूएसए की वेबसाइट www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7948525/ पर भी प्रकाशित हुआ है.

पहला मानव नैदानिक ​​परीक्षण और अध्ययन अक्टूबर 2020 में अहमदाबाद के श्रीमती एनएचएल नगर मेडिकल कॉलेज में किया गया था. दूसरा मानव नैदानिक ​​परीक्षण जनवरी 2021 में अहमदाबाद के सोला में स्थित GMERS मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में किया गया.

पहले अध्ययन ने हल्के रोगसूचक COVID-19 रोगियों पर इसके प्रभाव की जांच की. इन रोगियों को दिन में चार बार 'आयुध एडवांस' के 15 मिलीलीटर के डोज दिए गए और वे केवल चार दिनों के भीतर ठीक हो गए.

इसके अलावा ट्रांसलेशन हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (टीएचएसटीआई) के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा रेमेडिसविर की तुलना में 'आयुध एडवांस' को 3 गुना अधिक प्रभावी पाया गया.

गुजरात में शुक्ला अशर इम्पेक्स प्रा. लिमिटेड द्वारा निर्मित 'आयुध एडवांस' एक तरल मिश्रण है जिसमें 21 विभिन्न प्रकार के पौधे-आधारित अर्क शामिल है. आयुर्वेदिक शास्त्र इन सामग्रियों को मानव उपभोग के लिए प्रभावी और सुरक्षित होने की पुष्टि करते हैं.

ये क्यूरेटिव औषधीय तत्व क्वांटम तकनीक और कोलाइडल साइंसेज का उपयोग करके संसाधित किए जाते हैं और एंग्स्ट्रॉम-आकार (यानी एक नैनोमीटर के दसवें) कणों तक टूट जाते हैं. यह उन्हें कहीं अधिक प्रभावी बनाता है.

शुक्ला अशर इम्पेक्स प्रा. लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डीपी शुक्ला ने कहा, 'आयुध एडवांस' टीके से अलग है. टीके वायरस के विशेष उपभेदों के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित करने में मदद करते हैं. लेकिन वह बीमारी से 100 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान नहीं करता. इसकी तुलना में 'आयुध एडवांस' रोग से सफलतापूर्वक छुटकारा दिलाता है.'

पढ़ें :- भारत ने 'स्पूतनिक-वी' वैक्सीन को दी आपातकालीन मंजूरी

उन्होंने बताया कि 'आयुध एडवांस' ने दो व्यापक नैदानिक ​​परीक्षण पूरे किए हैं. यह सैकड़ों डॉक्टरों द्वारा अनुशंसित है और इसका उपयोग 50,000 से अधिक रोगियों के इलाज के लिए किया गया है. सभी COVID-19 मरीज जिन्होंने 'आयुध एडवांस' का सेवन किया केवल एक सप्ताह में सफलतापूर्वक ठीक हो गए. उत्पाद को गुजरात के FDCA (आयुर्वेद), द्वारा अनुमोदित किया गया है और विनिर्माण और विपणन उद्देश्यों के लिए लाइसेंस प्राप्त है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में दो उत्पाद आयुध और आयुध एडवांस हैं.

आयुध मेन्टेन एक रोगनिरोधी स्वास्थ्य पूरक है जो शरीर को खतरों या रोगजनकों से लड़ने में मदद करता है और पाए जाने पर उनसे निपटाने में मदद करता है. उन्होंने बताया कि अब तक 2,20,000 से अधिक लोगों ने क्वारंटीन के दौरान इसका उपयोग कर रोग से लड़ने की क्षमता विकसित की है.

विशेषज्ञों का भी यही कहना है कि जब एक रोगज़नक़ हमारे शरीर में प्रवेश करता है और इसे संक्रमित करने की कोशिश करता है, तो हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पहले से ही सजग हो जाती है. GMERS मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल अहमदाबाद की डॉ. पारुल भट्ट का कहना है कि शुक्ला अशर में हम कई संभावनाओं को देखते हैं.

Last Updated : Apr 17, 2021, 12:27 AM IST
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