ETV Bharat / bharat

आपराधिक मानहानि मामले में रमानी का बरी होना महिला पत्रकारों की जीत : आईडब्ल्यूपीसी

यौन उत्पीड़न के आरोपों पर पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर ने मुकदमा दायर किया था. रमानी के खिलाफ राज्य सभा सांसद एमजे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि का मुकदमा खारिज हो गया है, जिसको लेकर आईडब्ल्यूपीसी ने कहा कि यह यौन दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठानों वालों की जीत है.

आईडब्ल्यूपीसी
आईडब्ल्यूपीसी
author img

By

Published : Feb 18, 2021, 5:46 PM IST

नई दिल्ली : इंडियन वीमन प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी) ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी का बरी होना यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिला पत्रकारों की जीत है.

रमानी ने 2018 में 'मी टू' आंदोलन के दौरान अकबर पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे. इसपर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने 15 अक्टूबर 2018 को रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी.

दिल्ली की एक अदालत ने आपराधिक मानहानि के मामले में रमानी को बुधवार को यह कहते हुए बरी कर दिया था कि किसी भी महिला को दशकों बाद भी किसी भी मंच पर अपनी शिकायत रखने का अधिकार है.

आईडब्ल्यूपीसी ने एक बयान में कहा कि वह रमानी को बरी किए जाने के अदालत के फैसले का स्वागत करती है.

इसने कहा कि यह महिला पत्रकारों की जीत है, जिन्होंने हमेशा यौन उत्पीड़न का विरोध किया है और हमेशा समाचार कक्ष में बुरी नजर से बचती रही हैं.

पढ़ें :- प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर के मानहानि केस में क्या-क्या हुआ, यहां देखें

बयान में कहा गया, हम सभी सुरक्षित कार्यस्थल चाहते हैं, लेकिन भेड़िए अंदर ही बैठे हुए हैं.

संगठन ने कहा कि वह मुद्दे पर रमानी के संकल्प की प्रशंसा करता है.

नई दिल्ली : इंडियन वीमन प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी) ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी का बरी होना यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिला पत्रकारों की जीत है.

रमानी ने 2018 में 'मी टू' आंदोलन के दौरान अकबर पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे. इसपर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने 15 अक्टूबर 2018 को रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी.

दिल्ली की एक अदालत ने आपराधिक मानहानि के मामले में रमानी को बुधवार को यह कहते हुए बरी कर दिया था कि किसी भी महिला को दशकों बाद भी किसी भी मंच पर अपनी शिकायत रखने का अधिकार है.

आईडब्ल्यूपीसी ने एक बयान में कहा कि वह रमानी को बरी किए जाने के अदालत के फैसले का स्वागत करती है.

इसने कहा कि यह महिला पत्रकारों की जीत है, जिन्होंने हमेशा यौन उत्पीड़न का विरोध किया है और हमेशा समाचार कक्ष में बुरी नजर से बचती रही हैं.

पढ़ें :- प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर के मानहानि केस में क्या-क्या हुआ, यहां देखें

बयान में कहा गया, हम सभी सुरक्षित कार्यस्थल चाहते हैं, लेकिन भेड़िए अंदर ही बैठे हुए हैं.

संगठन ने कहा कि वह मुद्दे पर रमानी के संकल्प की प्रशंसा करता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.