नई दिल्ली : ट्विटर की प्रतिद्वंदी कंपनी 'कू' फंड की समस्या से जूझ रही है. कंपनी निवेश जुटाने के लिए निवेशकों से बातचीत कर रही है. उसे अगले तीन-चार महीने में किसी समझौते के पूरा होने की उम्मीद है.
पिछले कुछ महीनों में 'कू' के उपयोगकर्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ी है. इस सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है.
'कू' के सह संस्थापक अपरामेय राधाकृष्णा ने कहा कि कंपनी पिछले दौर में जुटाए गए वित्त से ज्यादा वित्त जुटाने की उम्मीद कर रही है.
उन्होंने कहा कि इसी साल फरवरी में उन्होंने एक्सेल, कलारी कैपिटल, ब्लूम वेंचर्स - ड्रीम इन्क्यूबेटर्स और थ्रीवनफोर कैपिटल से 41 लाख डॉलर जुटाए थे.
कंपनी ने अलग-अलग वित्तीय भागों से करीब एक करोड़ डॉलर का कुल वित्त जुटाया है.
राधाकृष्णा ने कहा कि हमने जनवरी में कुछ पैसे जुटाए थे और हम उन लोगों के साथ बातचीत कर रहे हैं जो निवेश करने के लिए काफी इच्छुक हैं. बातचीत चल रही है, देखते हैं क्या होता है.
उन्होंने कहा कि कंपनी को इस बात की पूरी उम्मीद है कि आने वाले तीन-चार महीने में लेन-देन का कोई सौदा पूरा हो जाएगा. कू ने गुरुवार को अपने नये लोगो का अनावरण किया था.
राधाकृष्णा ने कहा कि कू एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, जिसे अगले दशक में ठोस बनाने की जरूरत है. हम अपने प्रदर्शन के आधार पर अलग-अलग चरणों में वित्त और अलग-अलग धनराशि जुटाएंगे.
फेसबुक, व्हाट्ऐप और ट्विटर सोशल मीडिया की तीनों कंपनियां विदेशी हैं. समय-समय पर इसे लेकर विवाद होता रहता है. लोग घरेलू सोशल मीडिया कंपनी के निर्माण की उम्मीद कर रहे हैं. भारतीय कंपनी कू ने इस क्षेत्र में अपनी पहल की है. हालांकि, उसके सामने सर्वर और फंड, दोनों की समस्याएं आ रहीं हैं.