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प. बंगाल में चक्रवात 'यास' का कहर, राहत और बचाव अभियान में जुटी NDRF

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Published : May 27, 2021, 12:27 PM IST

पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास के बाद राहत कार्यों में भारतीय नौसेना की सात टीमें भी जुटी हैं. वहीं, पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास के कहर के बाद नेवी न दीघा, फ्रेजरगंज और डायमंड हार्बर पर राहत अभियान चलाए.

चक्रवात यास
चक्रवात यास

विशाखापट्टनम (आंध्रा प्रदेश) : बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान यास बुधवार को ओडिशा के तट से टकराने के बाद बेहद रौद्र रूप धारण कर चुका है. चक्रवाती तूफान यास ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा समेत कई इलाकों में तबाही मचा दी है, जिसके चलते पीड़ित राज्य राहत एवं बचाव कार्यों को लेकर एक्टिव है. पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास के कहर को देखते हुए विशाखापट्टनम से भारतीय नौसेना की सात टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं.

पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास के कहर को देखते हुए इंडियन नेवी ने राहत ऑपरेशन शुरू कर दिया हैं.

विशाखापट्टनम के सात भारतीय नौसेना दल (जिसमें दो गोताखोरी और पांच बाढ़ राहत दल (FRT) शामिल हैं) को 23 और 24 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा, फ्रासेर्गंज और डायमंड हार्बर नामक तीन अलग-अलग स्थानों पर राहत कार्यों के लिए तैनात किया गया था.

तेजी से बढ़ते चक्रवात के बीच भी सभी टीमों ने 25 मई को राहत कार्य जारी रखा. ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट पर लैंडफॉल के बाद तेजी से टीमों को तैनात किया गया.

पढ़ें- बैक टू बैक लॉकडाउन से सोनमर्ग का पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित

पश्चिम बंगाल के दीघा में तैनात बाढ़ राहत दल को राहत और बचाव कार्यों के लिए खदलगोबरा मीनाक्षी गांव में 26 मई की सुबह लैंडफॉल के तुरंत बाद तैनात किया गया था.

फ्रासेर्गंज टीम को शुरू में सिबारमपुर गांव और उसके बाद मौसिनी द्वीप में तैनात किया गया था, जहां उन्होंने ग्रामीणों को तीन नावों पर भोजन और राशन की सप्लाई की. बाद में फंसे ग्रामीणों के बचाव के लिए टीम को नारायणपुर गांव में स्थानांतरित कर दिया गया. 26 मई को कम दृश्यता के कारण, इस मिशन को 27 मई को शुरू करने के लिए पुनर्निर्धारित किया गया है.

डायमंड हार्बर में बाढ़ राहत दल को एसएसबी (कोल) में राहत कार्य करने का काम सौंपा गया था. जिला प्रशासन द्वारा बचाव और राहत प्रयासों को बढ़ाने के लिए इस टीम को बाद में कोंटाई, पुरबा मेदिनीपुर में स्थानांतरित कर दिया गया. सभी टीमें 12 घंटे से भी ज्यादा समय तक राहत कार्य में लगी रहीं.

पढ़ें- ये घर किसी ऑक्सीजन प्लांट से कम नहीं, जहां देखो वहां हरियाली

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक अधिकारी के मुताबिक, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में बचाव अभियान जारी है और दल इन राज्यों में सड़कों को सुचारू रखने के लिए बड़ी संख्या में उखड़े बिजली के खंभों और पेड़ों को हटा रहे हैं.

एनडीआरएफ के एक प्रवक्ता ने कहा, चक्रवाती तूफान यास के आंतरिक ओडिशा में उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और धीरे-धीरे कमजोर होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि बल ने दोनों राज्यों में स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय कर हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.

प्रवक्ता ने कहा, बचाव अभियान अभी भी जारी है क्योंकि चक्रवात की चपेट में आने के बाद बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए हैं. उन्होंने कहा, टीम संचार लाइनों को चालू रखने के लिए पेड़ों और बिजली के खंभों को सड़कों से हटा रही हैं और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है. बचाव दल प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.

प्रवक्ता ने कहा, चक्रवात के कारण क्षेत्र में बारिश के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है. ओडिशा में भारी बारिश के कारण घर गिरने के बाद एनडीआरएफ ने एक परिवार के तीन सदस्यों को बचाया.

पढ़ें- बिना क्लीनिकल ट्रायल के कोविड वैक्सीन देना ठीक नहीं वाली याचिका खारिज, कोर्ट ने ठोका जुर्माना

चक्रवात 'यास' के कारण नदियों में जलस्तर बढ़ने से पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना के कई इलाकों में बुधवार को पानी भर गया तथा नारियल के पेड़ों के शिखरों को छूतीं समुद्र की लहरें और बाढ़ के पानी में बहती कारें दिखाई दीं. चक्रवात के कारण समुद्र में दो मीटर से अधिक ऊंची लहरें उठीं और पूर्व मेदिनीपुर में दीघा एवं मंदारमणि और दक्षिण 24 परगना में फ्रेजरगंज और गोसाबा चक्रवात से प्रभावित हुए.

अधिकारियों ने बताया कि बढ़ते जलस्तर के कारण दोनों तटीय जिलों में कई स्थानों पर तटबंध टूट गए, जिसके कारण कई गांव और छोटे कस्बे जलमग्न हो गए. विद्याधारी, हुगली और रूपनारायण समेत कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य पुलिस एवं स्वयंसेवक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं.

पढ़ें- देश में कोविड टीकों की अभी तक 20.25 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है: सरकार

सेना ने पश्चिम बंगाल प्रशासन की मदद के लिए 17 एकीकृत राहत कॉलम की तैनाती की है, जिनमें आवश्यक उपकरण और नाव के साथ विशेषज्ञ कर्मी शामिल हैं. इनमें एक कॉलम ने दीघा में फंसे 32 लोगों को बचाया.

मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा और झाड़ग्राम, बांकुड़ा, दक्षिण 24 परगना जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान जताया.

विशाखापट्टनम (आंध्रा प्रदेश) : बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान यास बुधवार को ओडिशा के तट से टकराने के बाद बेहद रौद्र रूप धारण कर चुका है. चक्रवाती तूफान यास ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा समेत कई इलाकों में तबाही मचा दी है, जिसके चलते पीड़ित राज्य राहत एवं बचाव कार्यों को लेकर एक्टिव है. पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास के कहर को देखते हुए विशाखापट्टनम से भारतीय नौसेना की सात टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं.

पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास के कहर को देखते हुए इंडियन नेवी ने राहत ऑपरेशन शुरू कर दिया हैं.

विशाखापट्टनम के सात भारतीय नौसेना दल (जिसमें दो गोताखोरी और पांच बाढ़ राहत दल (FRT) शामिल हैं) को 23 और 24 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा, फ्रासेर्गंज और डायमंड हार्बर नामक तीन अलग-अलग स्थानों पर राहत कार्यों के लिए तैनात किया गया था.

तेजी से बढ़ते चक्रवात के बीच भी सभी टीमों ने 25 मई को राहत कार्य जारी रखा. ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट पर लैंडफॉल के बाद तेजी से टीमों को तैनात किया गया.

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पश्चिम बंगाल के दीघा में तैनात बाढ़ राहत दल को राहत और बचाव कार्यों के लिए खदलगोबरा मीनाक्षी गांव में 26 मई की सुबह लैंडफॉल के तुरंत बाद तैनात किया गया था.

फ्रासेर्गंज टीम को शुरू में सिबारमपुर गांव और उसके बाद मौसिनी द्वीप में तैनात किया गया था, जहां उन्होंने ग्रामीणों को तीन नावों पर भोजन और राशन की सप्लाई की. बाद में फंसे ग्रामीणों के बचाव के लिए टीम को नारायणपुर गांव में स्थानांतरित कर दिया गया. 26 मई को कम दृश्यता के कारण, इस मिशन को 27 मई को शुरू करने के लिए पुनर्निर्धारित किया गया है.

डायमंड हार्बर में बाढ़ राहत दल को एसएसबी (कोल) में राहत कार्य करने का काम सौंपा गया था. जिला प्रशासन द्वारा बचाव और राहत प्रयासों को बढ़ाने के लिए इस टीम को बाद में कोंटाई, पुरबा मेदिनीपुर में स्थानांतरित कर दिया गया. सभी टीमें 12 घंटे से भी ज्यादा समय तक राहत कार्य में लगी रहीं.

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राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक अधिकारी के मुताबिक, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में बचाव अभियान जारी है और दल इन राज्यों में सड़कों को सुचारू रखने के लिए बड़ी संख्या में उखड़े बिजली के खंभों और पेड़ों को हटा रहे हैं.

एनडीआरएफ के एक प्रवक्ता ने कहा, चक्रवाती तूफान यास के आंतरिक ओडिशा में उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और धीरे-धीरे कमजोर होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि बल ने दोनों राज्यों में स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय कर हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.

प्रवक्ता ने कहा, बचाव अभियान अभी भी जारी है क्योंकि चक्रवात की चपेट में आने के बाद बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए हैं. उन्होंने कहा, टीम संचार लाइनों को चालू रखने के लिए पेड़ों और बिजली के खंभों को सड़कों से हटा रही हैं और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है. बचाव दल प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.

प्रवक्ता ने कहा, चक्रवात के कारण क्षेत्र में बारिश के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है. ओडिशा में भारी बारिश के कारण घर गिरने के बाद एनडीआरएफ ने एक परिवार के तीन सदस्यों को बचाया.

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चक्रवात 'यास' के कारण नदियों में जलस्तर बढ़ने से पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना के कई इलाकों में बुधवार को पानी भर गया तथा नारियल के पेड़ों के शिखरों को छूतीं समुद्र की लहरें और बाढ़ के पानी में बहती कारें दिखाई दीं. चक्रवात के कारण समुद्र में दो मीटर से अधिक ऊंची लहरें उठीं और पूर्व मेदिनीपुर में दीघा एवं मंदारमणि और दक्षिण 24 परगना में फ्रेजरगंज और गोसाबा चक्रवात से प्रभावित हुए.

अधिकारियों ने बताया कि बढ़ते जलस्तर के कारण दोनों तटीय जिलों में कई स्थानों पर तटबंध टूट गए, जिसके कारण कई गांव और छोटे कस्बे जलमग्न हो गए. विद्याधारी, हुगली और रूपनारायण समेत कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य पुलिस एवं स्वयंसेवक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं.

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सेना ने पश्चिम बंगाल प्रशासन की मदद के लिए 17 एकीकृत राहत कॉलम की तैनाती की है, जिनमें आवश्यक उपकरण और नाव के साथ विशेषज्ञ कर्मी शामिल हैं. इनमें एक कॉलम ने दीघा में फंसे 32 लोगों को बचाया.

मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा और झाड़ग्राम, बांकुड़ा, दक्षिण 24 परगना जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान जताया.

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