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Indian Legal App लॉन्च, न्याय चाहने वालों की मदद करेगा यह ऐप - DELHI NCR NEWS

पूर्व CJI एम.एन. वेंकटचलैया ने इंडिया लीगल ऐप लॉन्च किया है. यह ऐप छह भाषाओं में लोगों को कानून की जानकारी उपलब्ध कराएगा. इसकी मदद से वकील और आम लोग कानून की जानकारी ले सकेंगे.

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Published : Jun 13, 2023, 7:30 PM IST

नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.एन. वेंकटचलैया ने बहुप्रतीक्षित इंडिया लीगल ऐप लॉन्च किया है. ऐप के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यह न केवल न्याय चाहने वालों की जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि बड़े कानूनी समुदाय की भी मदद करेगा. उन्होंने कहा कि ऐप लगभग 70 प्रतिशत नए मामलों को निपटाने में मदद करेगा.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से किए गए परिवर्तनों के बारे में बोलते हुए वेंकटचलैया ने कहा कि एआई और इंटरनेट में तकनीकी प्रगति ने सब कुछ बदल दिया है. उन्होंने मानवाधिकार और कल्याण जैसे विभिन्न मापदंडों पर भारत की रैंकिंग का हवाला देते हुए कहा कि इन मोर्चों पर बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है.

ऐप ने मृत घोषित लोगों को दिलाया न्याय: इंडिया लीगल रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय ने कहा कि यह ऐप कई लोगों को न्याय तक पहुंच प्रदान करेगा, जो या तो वंचित थे या नहीं जानते कि अपने लिए न्याय कैसे मांगा जाए. वरिष्ठ अधिवक्ता ने आगे ऐप द्वारा उठाए गए एक मामले का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि आजमगढ़ के करीब 10-15 लोग, जिन्हें कागजों पर मृत घोषित कर दिया गया था. खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटक रहे थे. ऐप ने सफलतापूर्वक इस मामले को उठाया और उन्हें न्याय दिलाने में कामयाब रहा.

बहुभाषी है यह ऐप: आईएलआरएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर और सीनियर जर्नलिस्ट राजश्री राय ने कहा कि न्याय तक आम आदमी की सीमित पहुंच का एक कारण भाषा की बाधा है. बहुभाषी ऐप लोगों को उनकी अपनी भाषा में न्याय तक पहुंच प्रदान करेगा. ऐप लॉन्च के दौरान कुछ कॉलर्स ने ऑनलाइन वेबिनार के दौरान भी कॉल किया. पहली कॉल में मेरठ के एक व्यक्ति ने कहा कि उसके नियोक्ता ने उसे उसके बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया है. न्यायमूर्ति वेंकटचलैया ने उन्हें नियोक्ता के खिलाफ मामला दर्ज करने और हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया.

यह है इंडिया लीगल ऐप की खासियत: यह ऐप समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके को कानूनी सहायता उपलब्ध कराता है. यूजर ऐप के जरिए अलग-अलग तरह की कानूनी सहायता अपनी सुविधानुसार पा सकते हैं. ये ऐप फ्री है, जिसे आप अपने फोन में डाउनलोड कर सकते हैं. इस ऐप की मदद से आप कानूनी दस्तावेज तैयार करवा सकते हैं. ऐप की मदद से यूजर को जल्द से जल्द कानूनी सहायता दी जाती है. इस ऐप में मुफ्त कानूनी सलाह, एफिडेविट बनावाना, किराये के एग्रीमेंट बनाना, लॉ के छात्रों के लिए पाठ्य सामग्री, वीडियो कंटेंट और लीगल मैगजी जैसी सुविधाएं मिलती हैं.

नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.एन. वेंकटचलैया ने बहुप्रतीक्षित इंडिया लीगल ऐप लॉन्च किया है. ऐप के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यह न केवल न्याय चाहने वालों की जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि बड़े कानूनी समुदाय की भी मदद करेगा. उन्होंने कहा कि ऐप लगभग 70 प्रतिशत नए मामलों को निपटाने में मदद करेगा.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से किए गए परिवर्तनों के बारे में बोलते हुए वेंकटचलैया ने कहा कि एआई और इंटरनेट में तकनीकी प्रगति ने सब कुछ बदल दिया है. उन्होंने मानवाधिकार और कल्याण जैसे विभिन्न मापदंडों पर भारत की रैंकिंग का हवाला देते हुए कहा कि इन मोर्चों पर बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है.

ऐप ने मृत घोषित लोगों को दिलाया न्याय: इंडिया लीगल रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय ने कहा कि यह ऐप कई लोगों को न्याय तक पहुंच प्रदान करेगा, जो या तो वंचित थे या नहीं जानते कि अपने लिए न्याय कैसे मांगा जाए. वरिष्ठ अधिवक्ता ने आगे ऐप द्वारा उठाए गए एक मामले का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि आजमगढ़ के करीब 10-15 लोग, जिन्हें कागजों पर मृत घोषित कर दिया गया था. खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटक रहे थे. ऐप ने सफलतापूर्वक इस मामले को उठाया और उन्हें न्याय दिलाने में कामयाब रहा.

बहुभाषी है यह ऐप: आईएलआरएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर और सीनियर जर्नलिस्ट राजश्री राय ने कहा कि न्याय तक आम आदमी की सीमित पहुंच का एक कारण भाषा की बाधा है. बहुभाषी ऐप लोगों को उनकी अपनी भाषा में न्याय तक पहुंच प्रदान करेगा. ऐप लॉन्च के दौरान कुछ कॉलर्स ने ऑनलाइन वेबिनार के दौरान भी कॉल किया. पहली कॉल में मेरठ के एक व्यक्ति ने कहा कि उसके नियोक्ता ने उसे उसके बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया है. न्यायमूर्ति वेंकटचलैया ने उन्हें नियोक्ता के खिलाफ मामला दर्ज करने और हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया.

यह है इंडिया लीगल ऐप की खासियत: यह ऐप समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके को कानूनी सहायता उपलब्ध कराता है. यूजर ऐप के जरिए अलग-अलग तरह की कानूनी सहायता अपनी सुविधानुसार पा सकते हैं. ये ऐप फ्री है, जिसे आप अपने फोन में डाउनलोड कर सकते हैं. इस ऐप की मदद से आप कानूनी दस्तावेज तैयार करवा सकते हैं. ऐप की मदद से यूजर को जल्द से जल्द कानूनी सहायता दी जाती है. इस ऐप में मुफ्त कानूनी सलाह, एफिडेविट बनावाना, किराये के एग्रीमेंट बनाना, लॉ के छात्रों के लिए पाठ्य सामग्री, वीडियो कंटेंट और लीगल मैगजी जैसी सुविधाएं मिलती हैं.

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