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जनरल रावत बोले - बल का ध्यान हमेशा तटों की निगरानी पर रहना चाहिए

तटरक्षक बल में पोत वज्र को शामिल करने के दौरान जनरल बिपिन रावत ने कहा कि तटरक्षक बल का ध्यान प्राथमिक रूप से तटों की निगरानी पर बना रहना चाहिए. पढ़ें विस्तार से...

जनरल रावत
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Published : Mar 24, 2021, 8:09 PM IST

चेन्नई : चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट पर तटरक्षक बल में पोत वज्र को शामिल करने के मौके पर आयोजित समारोह में जनरल रावत ने कहा कि नौसेना, तटरक्षक बल और समुद्री पुलिस के बीच तालमेल एवं राज्य की स्थानीय एजेंसियों के साथ समन्वय वक्त की जरूरत बन गई है.

जनरल बिपिन रावत ने कहा कि तटरक्षक बल का ध्यान प्राथमिक रूप से तटों की निगरानी पर बना रहना चाहिए. किसी भी परिस्थिति में बल को इस जिम्मेदारी से नहीं भटकना चाहिए.

उन्होंने कहा, हमें इसमें सुधार एवं क्षमता पर भरोसा है. तटरक्षक बल अन्य एजेंसियों जो अपने कार्यों के लिए जिम्मेदार हैं, के साथ-साथ हमारे समुद्री इलाकों की रक्षा करने में सक्षम होगा. वज्र रक्षा मंत्रालय द्वारा लार्सन टुब्रो शिप बिल्डिंग लिमिटेड को दिए ठेके की कड़ी में छठा पोत है.

पोत को शामिल करने के समारोह के दौरान रावत ने उसके नाम की पट्टिका का अनावरण किया. रावत ने कहा, देश के पास विशाल एवं विशेष आर्थिक क्षेत्र है, दूर द्विपीय क्षेत्र है और लंबी तटरेखा है. भारत हिंद महासागर क्षेत्र में प्राथमिकता वाला साझेदार है.

उन्होंने कहा, ध्यान प्राथमिक कार्य पर रहना चाहिए. कोई भी परिस्थिति हमें तटों की निगरानी,हमारे मालवाहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने व यह तय करने कि इस इलाके में कोई डकैती नहीं हो की प्राथमिक भूमिका से डिगा नहीं सकती.

जनरल रावत ने कहा, आज तटरक्षक बल सातों दिन 24 घंटे काम कर रहा है ताकि राष्ट्रीय हित के साथ समुद्र में भरोसा कायम रह सके.

गौरतलब है कि तटीय सुरक्षा को मजबूत करने के इरादे से इस पोत में आधुनिक नेविगेशन एवं संचार प्रणाली लगाई गई है. पोत की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए 30 एमएम की तोप लगी है, इसके साथ ही दो 12.7 एमएम की एसआरसीजी (स्टेब्लाइज्ड रिमोट कंट्रोल गन) बंदूक लगाई गई है.

पढ़ें- निकिता मर्डर केस : मुख्य आरोपी तौसीफ और रेहान दोषी करार, शुक्रवार को आएगा फैसला

इसके अलावा पोत कई आधुनिक प्रणालियों से लैस है, जिनमें एकीकृत ब्रिज सिस्टम (दो तरफा रेडियो संचार प्रणाली), उच्च क्षमता युक्त बाहरी युद्धक प्रणाली,स्वचालित ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली प्रमुख है.

इस पोत पर दो इंजन वाले एक हेलीकॉप्टर को रखने की सुविधा है, जो रात को उड़ान भरने में सक्षम होगा. इसके साथ ही पोत पर चार हाइस्पीड बोट एवं बचाव और राहत कार्य के लिए दो नौकाओं को भी रखने की सुविधा है.

प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकण पोत पर लगाए गए है, जो तेल के रिसाव का पता लगाएंगे. यह पोत 26 नॉटिकल मील की अधिकतम गति से चल सकता है और 5,000 नॉटिकल मील के इलाके की निगरानी कर सकता है.

उप निरीक्षक एलेक्स थॉमस इस पोत के कमांडिंग ऑफिसर बनाए गए हैं और उनके साथ 14 अधिकारी और 88 नाविक भी इस पोत पर तैनात रहेंगे. इस पोत का तूतीकोरिन में आधार होगा और परिचालन नियंत्रण तटरक्षक बल के पूर्वी क्षेत्र के पास होगा.

समारोह में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सभी एहतियाती उपायों का अनुपालन किया गया.

चेन्नई : चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट पर तटरक्षक बल में पोत वज्र को शामिल करने के मौके पर आयोजित समारोह में जनरल रावत ने कहा कि नौसेना, तटरक्षक बल और समुद्री पुलिस के बीच तालमेल एवं राज्य की स्थानीय एजेंसियों के साथ समन्वय वक्त की जरूरत बन गई है.

जनरल बिपिन रावत ने कहा कि तटरक्षक बल का ध्यान प्राथमिक रूप से तटों की निगरानी पर बना रहना चाहिए. किसी भी परिस्थिति में बल को इस जिम्मेदारी से नहीं भटकना चाहिए.

उन्होंने कहा, हमें इसमें सुधार एवं क्षमता पर भरोसा है. तटरक्षक बल अन्य एजेंसियों जो अपने कार्यों के लिए जिम्मेदार हैं, के साथ-साथ हमारे समुद्री इलाकों की रक्षा करने में सक्षम होगा. वज्र रक्षा मंत्रालय द्वारा लार्सन टुब्रो शिप बिल्डिंग लिमिटेड को दिए ठेके की कड़ी में छठा पोत है.

पोत को शामिल करने के समारोह के दौरान रावत ने उसके नाम की पट्टिका का अनावरण किया. रावत ने कहा, देश के पास विशाल एवं विशेष आर्थिक क्षेत्र है, दूर द्विपीय क्षेत्र है और लंबी तटरेखा है. भारत हिंद महासागर क्षेत्र में प्राथमिकता वाला साझेदार है.

उन्होंने कहा, ध्यान प्राथमिक कार्य पर रहना चाहिए. कोई भी परिस्थिति हमें तटों की निगरानी,हमारे मालवाहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने व यह तय करने कि इस इलाके में कोई डकैती नहीं हो की प्राथमिक भूमिका से डिगा नहीं सकती.

जनरल रावत ने कहा, आज तटरक्षक बल सातों दिन 24 घंटे काम कर रहा है ताकि राष्ट्रीय हित के साथ समुद्र में भरोसा कायम रह सके.

गौरतलब है कि तटीय सुरक्षा को मजबूत करने के इरादे से इस पोत में आधुनिक नेविगेशन एवं संचार प्रणाली लगाई गई है. पोत की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए 30 एमएम की तोप लगी है, इसके साथ ही दो 12.7 एमएम की एसआरसीजी (स्टेब्लाइज्ड रिमोट कंट्रोल गन) बंदूक लगाई गई है.

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इसके अलावा पोत कई आधुनिक प्रणालियों से लैस है, जिनमें एकीकृत ब्रिज सिस्टम (दो तरफा रेडियो संचार प्रणाली), उच्च क्षमता युक्त बाहरी युद्धक प्रणाली,स्वचालित ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली प्रमुख है.

इस पोत पर दो इंजन वाले एक हेलीकॉप्टर को रखने की सुविधा है, जो रात को उड़ान भरने में सक्षम होगा. इसके साथ ही पोत पर चार हाइस्पीड बोट एवं बचाव और राहत कार्य के लिए दो नौकाओं को भी रखने की सुविधा है.

प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकण पोत पर लगाए गए है, जो तेल के रिसाव का पता लगाएंगे. यह पोत 26 नॉटिकल मील की अधिकतम गति से चल सकता है और 5,000 नॉटिकल मील के इलाके की निगरानी कर सकता है.

उप निरीक्षक एलेक्स थॉमस इस पोत के कमांडिंग ऑफिसर बनाए गए हैं और उनके साथ 14 अधिकारी और 88 नाविक भी इस पोत पर तैनात रहेंगे. इस पोत का तूतीकोरिन में आधार होगा और परिचालन नियंत्रण तटरक्षक बल के पूर्वी क्षेत्र के पास होगा.

समारोह में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सभी एहतियाती उपायों का अनुपालन किया गया.

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