नई दिल्ली : भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के महासचिव अजय सिंघानिया ने बताया है कि टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारत की ओर से चार बैडमिंटन खिलाड़ी ताल ठोकेंगे. उन्होंने बताया कि पुलेला गोपीचंद ने टोक्यो न जाने का निर्णय लिया है.
बीएआई महासचिव अजय सिंघानिया ने कहा, 'केवल एक कोटा उपलब्ध होने के कारण पी गोपीचंद ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि अगुस द्वि संतोसा को समायोजित किया जा सके, खुद अपना नाम वापस लेने का फैसला किया है.' सिंघानिया ने बताया कि अगुस द्वि संतोसा महामारी के बाद से साई प्रणीत के साथ प्रशिक्षण ले रहे हैं.
इससे पहले भारतीय बैडमिंटन टीम के चीफ कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा था कि कोरोना प्रतिबंधों के कारण टोक्यो ओलंपिक पिछले गेम्स से बिल्कुल अलग रहेगा. इस बार भारतीय खिलाड़ियों के सामने चुनौती बड़ी रहेगी. हालांकि उन्हें उम्मीद है कि भारत इन खेलों में पहले के मुकाबले ज्यादा पदक जीतेगा.
गोपीचंद ने मणिपुर की नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित 'टोक्यो ओलंपिक-इंडियाज जर्नी एंड एक्सपेक्टेशंस' पर एक वेबिनार के दौरान कहा कि हमारे एथलीट्स के लिए टोक्यो गेम्स कठिन होंगे. क्योंकि उन्हें वहां जाना और बस खेलना है. उनके लिए जरूरी होगा कि वो मास्क लगाकर रखें और अपना पूरा फोकस खेल पर रखें और देश के लिए मेडल लेकर लौटें.
उन्होंने कहा कि यह चुनौतीपूर्ण होने वाला है. लेकिन इस वक्त भारतीय खेल ऐसे मोड़ पर खड़े है, जहां से वो सफलता की बढ़ी छलांग लगाएंगे. मुझे उम्मीद है कि हमें पर्याप्त पदक मिलेंगे.
बता दें कि पिछले महीने BAI ने IOA को पत्र लिखकर खिलाड़ियों के साथ सात सदस्यीय सहयोगी स्टाफ का प्रस्ताव रखा था, लेकिन, सख्त COVID-19 प्रोटोकॉल और 33% सपोर्ट स्टाफ के आवंटित कोटा के साथ, केवल पांच-सदस्यीय स्टाफ को ही मंजूरी दी जा सकी.
नियमों के मुताबिक ओलंपिक जाने वाले अधिकारियों की संख्या एथलीट के एक तिहाई से ज्यादा नहीं हो सकती। हालांकि, खेल मंत्रालय सरकार को बिना किसी कीमत के अतिरिक्त अधिकारियों को अनुमति दे सकता है