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चीन से जारी गतिराेध के बीच भारतीय सेना का बुनियादी ढांचा हुआ और मजबूत

पिछले एक साल से चीनी सेना के साथ सैन्य गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने अपने बुनियादी ढांचे काे काफी हद तक विकसित कर लिया है.

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Published : May 24, 2021, 9:46 PM IST

एक साल
एक साल

नई दिल्ली : एक साल से अधिक समय से चीनी सेना के साथ सैन्य गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने अपना बुनियादी ढांचा विकसित कर लिया है.

बता दें कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ लद्दाख सेक्टर और अन्य क्षेत्रों में बनाए गए आवासों में अब बड़ी संख्या में सैनिकों को समायोजित करने की क्षमता है. इसकी वजह से अब लद्दाख में कड़ाके की ठंड में सैनिकों को कुशलता से कार्य करने में किसी तरह की बाधा उत्पन्न नहीं हाेगी.

बता दें कि यहां कभी-कभी तापमान शून्य से 45 डिग्री नीचे चला जाता है.

चीन के साथ सैन्य गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने पिछले 12 महीनों में अगले पांच वर्षों के नियोजित कार्य को पूरा कर लिया है. अनुमान के मुताबिक, भारत और चीन दोनों ने इस साल की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एक-दूसरे के सामने 50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किए थे.

भारत एलएसी के साथ सभी क्षेत्रों में सड़क के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए भी काम कर रहा है और निमू-पदम-दारचा एक्सिज (Nimu-Padam-Darcha axis) पर काम तेज कर दिया गया है. इससे देश के अन्य हिस्सों से सैनिकों को लद्दाख जाने में सुविधा हाेगी.

रक्षा मंत्रालय भी जल्द ही बीआरओ को नई सड़क पर कनेक्टिविटी के लिए 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने की अनुमति देने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए तैयार है.

इसे भी पढ़ें : सेना प्रमुख ने अरुणाचल प्रदेश में उत्तरी सीमा के पास स्थिति का जायजा लिया

बता दें कि दोनों पक्षों के बीच सैन्य गतिरोध पिछले साल अप्रैल-मई के महीने में शुरू हुआ था.

नई दिल्ली : एक साल से अधिक समय से चीनी सेना के साथ सैन्य गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने अपना बुनियादी ढांचा विकसित कर लिया है.

बता दें कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ लद्दाख सेक्टर और अन्य क्षेत्रों में बनाए गए आवासों में अब बड़ी संख्या में सैनिकों को समायोजित करने की क्षमता है. इसकी वजह से अब लद्दाख में कड़ाके की ठंड में सैनिकों को कुशलता से कार्य करने में किसी तरह की बाधा उत्पन्न नहीं हाेगी.

बता दें कि यहां कभी-कभी तापमान शून्य से 45 डिग्री नीचे चला जाता है.

चीन के साथ सैन्य गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने पिछले 12 महीनों में अगले पांच वर्षों के नियोजित कार्य को पूरा कर लिया है. अनुमान के मुताबिक, भारत और चीन दोनों ने इस साल की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एक-दूसरे के सामने 50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किए थे.

भारत एलएसी के साथ सभी क्षेत्रों में सड़क के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए भी काम कर रहा है और निमू-पदम-दारचा एक्सिज (Nimu-Padam-Darcha axis) पर काम तेज कर दिया गया है. इससे देश के अन्य हिस्सों से सैनिकों को लद्दाख जाने में सुविधा हाेगी.

रक्षा मंत्रालय भी जल्द ही बीआरओ को नई सड़क पर कनेक्टिविटी के लिए 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने की अनुमति देने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए तैयार है.

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बता दें कि दोनों पक्षों के बीच सैन्य गतिरोध पिछले साल अप्रैल-मई के महीने में शुरू हुआ था.

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