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भारतीय सेनाओं ने अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी में किया सैन्य अभ्यास 'कवच' - Military training exercises

रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि इस सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास में अंडमान और निकोबार कमान के सभी बलों की भागीदारी और तैनाती सुनिश्चित की गई. सेना के दक्षिण कमान के जंगी बेड़ों पनडुब्बियों के अलावा नौसेना की ईस्टर्न फ्लीट के जहाजों और मरीन कमांडो भी शामिल हुए हैं.

सैन्य अभ्यास
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Published : Jan 26, 2021, 10:24 AM IST

नई दिल्ली : भारतीय सशस्त्र बलों ने अंडमान के समुद्र और बंगाल की खाड़ी में बड़े स्तर पर संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास किया. इसका नाम 'कवच' और 'एमफैक्स' है. रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में बताया कि सेना, नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल की पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) और सेना की दक्षिणी कमान (एससी) की भागीदारी से आयोजित किया गया था.

रक्षा मंत्रालय ने कहा, अभ्यास में एएनसी के सभी बलों की भागीदारी और तैनाती, सेना की दक्षिणी कमान की जल थल चर ब्रिगेड के साथ-साथ नौसेना के पूर्वी बेड़े और मरीन कमांडों के लड़ाकू जलपोत, पनडुब्बी और जल थल चर अवतरण जहाज शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि संयुक्त अभ्यास में जगुआर मैरीटाइम स्ट्राइक और भारतीय वायु सेना के परिवहन विमान और तटरक्षक बल के जहाजों ने भी भाग लिया.

पढ़ें : 72वां गणतंत्र दिवस : राजपथ पर दिखेगी देश के पराक्रम और सांस्कृतिक विरासत की झलक

संयुक्त अभ्यास की शुरुआत कार निकोबार में जगुआर विमान, पैरा कमांडो और समुद्री कमांडो के हमलों के साथ हुई जहां पैराट्रूपर ने ऊंचाई से जंप (कॉम्बैट फ्री फॉल) लगाए. इसका उद्देश्य हिन्द महासागर क्षेत्र में हवाई प्रभुत्व और समुद्री हमले की क्षमता की पुष्टि करना है.

यह अभ्यास ऐसे समय में हुआ है, जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख को लेकर तनाव चल रहा है.

नई दिल्ली : भारतीय सशस्त्र बलों ने अंडमान के समुद्र और बंगाल की खाड़ी में बड़े स्तर पर संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास किया. इसका नाम 'कवच' और 'एमफैक्स' है. रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में बताया कि सेना, नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल की पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) और सेना की दक्षिणी कमान (एससी) की भागीदारी से आयोजित किया गया था.

रक्षा मंत्रालय ने कहा, अभ्यास में एएनसी के सभी बलों की भागीदारी और तैनाती, सेना की दक्षिणी कमान की जल थल चर ब्रिगेड के साथ-साथ नौसेना के पूर्वी बेड़े और मरीन कमांडों के लड़ाकू जलपोत, पनडुब्बी और जल थल चर अवतरण जहाज शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि संयुक्त अभ्यास में जगुआर मैरीटाइम स्ट्राइक और भारतीय वायु सेना के परिवहन विमान और तटरक्षक बल के जहाजों ने भी भाग लिया.

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संयुक्त अभ्यास की शुरुआत कार निकोबार में जगुआर विमान, पैरा कमांडो और समुद्री कमांडो के हमलों के साथ हुई जहां पैराट्रूपर ने ऊंचाई से जंप (कॉम्बैट फ्री फॉल) लगाए. इसका उद्देश्य हिन्द महासागर क्षेत्र में हवाई प्रभुत्व और समुद्री हमले की क्षमता की पुष्टि करना है.

यह अभ्यास ऐसे समय में हुआ है, जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख को लेकर तनाव चल रहा है.

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