नई दिल्ली: अमेरिकी संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से लगातार चीन ताइवान के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाये हुए है. चीन ने खुले तौर पर कहा कि वह ‘एक-चीन नीति' का उल्लंघन करने को लेकर अमेरिका और ताइवान के खिलाफ ‘कठोर एवं प्रभावी' कदम उठाएगा. इस बीच दक्षिण चीन सागर में चीन अपना शक्ति प्रदर्शन जारी रखा है.
ताइवान के आस पास समुद्री क्षेत्र में लगातार युद्ध अभ्यास कर रहा है. इन सब को देखते हुए भारत समेत 17 देशों के 100 लड़ाकू विमान ऑस्ट्रेलिया के समुद्री इलाके में पिच ब्लैक नाम से बहुत बड़ा युद्धाभ्यास करेंगे. हालांकि, किसी देश ने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये चीनी रवैये को देखते हुए किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के समुद्री इलाके में 19 अगस्त से 6 सितंबर तक बहुत बड़ा युद्धाभ्यास शुरू किया जाएगा.
इसमें भारत समेत 17 देश शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि 100 लड़ाकू विमान इस दौरान शक्ति प्रदर्शन करेंगे. ऑस्ट्रेलिया के समुद्री इलाके में आज से शुरू हो रहे इस युद्धाभ्यास को चीन के अड़ियल रवैये का जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. इस युद्धाभ्यास में शामिल देशों ने साफ कर दिया है कि इसका चीन से कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि, इसपर सबकी नजर है.
जानकारी के अनुसार इस युद्धाभ्यास में 2,500 सैन्यकर्मी हिस्सा लेंगे. वैश्विक महामारी कोरोना के बाद ये लोकतांत्रिक देशों का सबसे बड़ा शक्तिप्रदर्शन होगा. भारतीय वायु सेना इस युद्धाभ्यास के लिए सुखोई 30 MKI और हवा में ही विमानों में ईंधन भरने वाले विमानों को भेज रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस युद्धाभ्यास में भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, कनाडा, फ्रांस, इंडोनेशिया, मलेशिया, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और अमेरिका हिस्सा लेंगे.
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इस बीच भारतीय वायु सेना ने एक ट्वीट किया है. इसमें भारतीय वायु सेना के एसयू-30एमकेआई फाइटर जेट्स में ईंधन भरते हुए दिखाया गया है. फ्रांसीसी वायु सेना की ओर से इसमें ईंधन भरा जा रहा है. इसे भारत-फ्रांस संबंधों के निकटता के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है. भारतीय वायु सेना की टुकड़ी रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फ़ोर्स (RAAF) डार्विन बेस की ओर सैन्य अभ्यास, पिच ब्लैक 2022 में भाग लेने के लिए जा रही थी.