वॉशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में आमने-सामने बैठकर अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें भारत ने जलवायु परिवर्तन से निपटने में अमेरिका की कोशिशों और पेरिस समझौते में उसके लौटने का स्वागत किया.
शुक्रवार को उनकी बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान के मुताबिक राष्ट्रपति बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में अपनी वार्ता में 2030 तक 450 गीगावाट की क्षमता वाले नवीकरणीय ऊर्जा के घरेलू लक्ष्य हासिल करने में भारत के इरादे के प्रति समर्थन प्रकट किया.
यह बैठक ब्रिटेन के ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर पक्षकारों के 26 वें सम्मेलन (कॉप26) से पहले काफी मायने रखती है. ग्लासगो में करीब 200 देशों के नेता जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए एकत्र होंगे. बयान में कहा गया है कि भारत ने जलवायु कार्रवाई पर और पेरिस समझौते में उसके (अमेरिका के) लौटने को लेकर अमेरिकी नेतृत्व का स्वागत किया है.
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में पेरिस समझौते से बाहर होने के 107 दिनों बाद फरवरी में अमेरिका आधिकारिक रूप से इसमें लौट आया. बैठक के दौरान बाइडेन ने नवीकरणीय, भंडारण और ग्रिड ढांचों में निवेश के लिए वित्त जुटाने के महत्व को भी स्वीकार किया, जो लाखों भारतीय परिवारों के लिए स्वच्छ, वहनीय ऊर्जा की गारंटी देगा.
अमेरिका-भारत जलवायु एवं स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी के तहत दोनों देश स्वच्छ ऊर्जा के विकास को बढ़ावा देंगे और स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ने के लिए अहम प्रौद्योगिकी तैनात करने को बढ़ावा देंगे. भारत ने लीडरशीप ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांजिशन में अमेरिका के शामिल होने का स्वागत किया गया.
(पीटीआई-भाषा)