छिंदवाड़ा। देशभर में आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के बाद मध्य प्रदेश तीसरा ऐसा राज्य है, जो सबसे ज्यादा टमाटर का उत्पादन करता है. अचानक बढ़े हुए दामों ने टमाटर को आम लोगों की पहुंच से दूर कर दिया है. हालात यह है कि अकेले छिंदवाड़ा जिले में करीब 5000 हेक्टेयर जमीन पर टमाटर की खेती की जा रही है, लेकिन उसके बाद भी यहां की मंडी से टमाटर गायब हो गया है. एमपी में महंगाई को लेकर प्रियंका गांधी ने मोदी के ट्विटर पर तंज भी कसा है, आखिर क्यों, जानिए वजह...
आंध्र प्रदेश बेंगलुरु और दिल्ली में डिमांड: भले ही मध्य प्रदेश सहित छिंदवाड़ा जिले में टमाटर काफी मात्रा में उत्पादन किया जा रहा है. अकेले छिंदवाड़ा जिले में करीब 5 हजार हेक्टेयर में टमाटर की खेती की गई है, तो वहीं पूरे देश में मध्यप्रदेश टमाटर उत्पादन में तीसरे नंबर का राज्य है, लेकिन इसके बाद भी मध्य प्रदेश की मंडियों से टमाटर गायब हो रहा है. अचानक टमाटर के दामों में आई बढ़ोतरी का कारण बताया जा रहा है कि छिंदवाड़ा से टमाटर हैदराबाद और बेंगलुरु में निर्यात हो रहा है. जिसकी वजह से अच्छी क्वालिटी का टमाटर छिंदवाड़ा से भेजा जा रहा है. कृषि उपज मंडी के थोक व्यापारी निक्की सूर्यवंशी ने बताया कि 1 कैरेट में करीब 25 किलो टमाटर आता है. जिसका दाम हैदराबाद और बेंगलुरु में 1800 से ₹2000 प्रति कैरेट मिल रहा है. जिसके करण किसान स्थानीय मंडियों में टमाटर बेचने के लिए नहीं ला पा रहे हैं.
टमाटर के भाव ने शतक किया पार,मौसम की भी मार: कुंडाली खुर्द के युवा किसान रघुवीर चंद्रवंशी बताते हैं कि आमतौर जब मानसूनी बारिश शुरू होती है तो टमाटर के भाव में तेजी आती है, क्योंकि टमाटर गलने वाली फसल होती है. बारिश का इस पर अधिक असर होता है, लेकिन अचानक शुरू हुई मानसूनी बारिश से छिंदवाड़ा में काफी टमाटर की फसल बर्बाद हो गई. जो फसल बच गई उसकी मांग अचानक बढ़ गई. जिसकी वजह से व्यापारी सीधे किसानों के खेतों में पहुंचकर टमाटर की खरीदारी कर रहे हैं. इसी वजह से स्थानीय मंडी तक कम टमाटर पहुंच रहा है. जो टमाटर जा रहा है, उसकी क्वालिटी भी ठीक नहीं है, लेकिन फिर भी छिंदवाड़ा शहर में ₹100 किलो से ज्यादा टमाटर के भाव हैं.
बिपरजॉय का असर उत्पादन में तीसरे नंबर का राज्य फिर भी हाहाकार: बिपरजॉय का असर भले ही मध्यप्रदेश में ज्यादा ना पड़ा हो, लेकिन अब रोजमर्रा की जरूरतों पर जरूर इफेक्ट हो रहा है. जिन राज्यों में भी बिपरजॉय का ज्यादा असर हुआ है. वहां खेतों में पानी भर जाने की वजह से टमाटर की फसल पूरी तरीके से बर्बाद हो गई. इसलिए उन प्रदेशों में टमाटर आयात किया जा रहा है. देश में टमाटर उत्पादन की बात करें तो कुल 7 ऐसे राज्य जहां पूरे देश का 75 फ़ीसदी टमाटर होता है. एग्रीकल्चर स्टेट बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार आंध्र प्रदेश इस मामले में सबसे आगे है, तो वहीं 6 राज्यों में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, उड़ीसा, गुजरात और पश्चिम बंगाल टमाटर उत्पादन करने वाले प्रमुख राज्य हैं.
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प्रधानमंत्री जी ने कल भोपाल में महँगाई की लिस्ट पढ़ी। लेकिन वो लिस्ट भी पहले की लिस्टों की तरह किसी ने गलत बना दी।
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मध्य प्रदेश में
पेट्रोल का दाम: 108 रू लीटर
टमाटर का दाम: 100 रू किलो
दाल का दाम: 150 रू किलो
रसोई का सिलेंडर: 1130 रू/ सिलेंडर है।
जनता जो महँगाई की मार झेल रही…
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— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 28, 2023
मध्य प्रदेश में
पेट्रोल का दाम: 108 रू लीटर
टमाटर का दाम: 100 रू किलो
दाल का दाम: 150 रू किलो
रसोई का सिलेंडर: 1130 रू/ सिलेंडर है।
जनता जो महँगाई की मार झेल रही…प्रधानमंत्री जी ने कल भोपाल में महँगाई की लिस्ट पढ़ी। लेकिन वो लिस्ट भी पहले की लिस्टों की तरह किसी ने गलत बना दी।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 28, 2023
मध्य प्रदेश में
पेट्रोल का दाम: 108 रू लीटर
टमाटर का दाम: 100 रू किलो
दाल का दाम: 150 रू किलो
रसोई का सिलेंडर: 1130 रू/ सिलेंडर है।
जनता जो महँगाई की मार झेल रही…
एमपी के टमाटर के दामों पर प्रियंका भी तमतमाई: मध्यप्रदेश में टमाटर के दामों ने शतक क्या पार किया राजनीति भी शुरू हो गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जून को भोपाल में महंगाई को लेकर भाजपा शासित राज्यों की तारीफ की थी. इसी पर प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि "प्रधानमंत्री जी ने भोपाल में महंगाई की जो लिस्ट पढ़ी है, वह फिर से किसी ने गलत बना दी, मध्यप्रदेश में पेट्रोल के दाम ₹108 लीटर तो टमाटर के दाम ₹100 किलो और दाल के दाम ₹150 किलो तो वहीं रसोई गैस का सिलेंडर 1130 में मिल रहा है. जनता जो महंगाई की मार झेल रही है, उससे ध्यान भटकाने का मॉडल ना तो हिमाचल और कर्नाटक में चला और ना ही अब मध्यप्रदेश में चलेगा".