नागपुर : भारत इस साल स्वदेश निर्मित पोत 'समुद्रयान' के जरिये समुद्र की 500 मीटर की गहराई में तीन खोजकर्ताओं को भेजेगा (India to send aquanauts 500 mtrs under sea this year in Samudrayaan). एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चेन्नई में राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान के इंजीनियर इसके लिए तैयारी कर रहे हैं.
यहां भारतीय विज्ञान कांग्रेस के इतर एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने का अनुरोध करते हुए बताया कि हालांकि, समुद्र में 6,000 मीटर की गहराई तक 'समुद्रयान' भेजने की योजना में देरी हो सकती है क्योंकि उन गहराई पर दबाव झेलने में सक्षम 'टाइटेनियम स्पियर' की खरीद में कठिनाई सामने आ सकती है.
अधिकारी ने कहा, 'ये विशिष्ट प्रौद्योगिकियां हैं और कोई भी देश इन्हें देने के लिए तैयार नहीं है. यूक्रेन संघर्ष ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है.' भारत अगले साल के अंत तक मानव अंतरिक्ष यान भी हासिल करना चाहता है.
भारत ने भी अगले साल के अंत तक मानव अंतरिक्ष यान हासिल करने पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं. यूक्रेन संघर्ष ने पहले ही 2024 के अंत तक मानव अंतरिक्ष यान के लिए समयसीमा बढ़ा दी है और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस वर्ष गगनयान मिशन के लिए प्रौद्योगिकियों का परीक्षण और सत्यापन करने के लिए एक मानव रहित मिशन को पूरा करने की योजना बनाई है.
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा, 'यह एक उपग्रह को कक्षा में भेजने जैसा नहीं है. जब मानव की बात आती है तो हम जोखिम नहीं उठा सकते. हम सतर्क और सावधान हैं. विश्व स्तर पर, देशों को मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता विकसित करने में लगभग 10 साल लग गए, जो हम चार में कर रहे हैं.'
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(PTI)