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Mega Textile Parks : तेलंगाना समेत सात राज्यों में स्थापित होंगे मेगा टेक्सटाइल पार्क, 20 लाख से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार

कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सात राज्यों में सात मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएंगे (mega textile parks). 2026-27 तक स्थापित किए जाने वाले पार्कों पर 4,445 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

Mega Textile Parks
मेगा टेक्सटाइल पार्क
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Published : Apr 8, 2023, 4:21 PM IST

नई दिल्ली: कपड़ा उद्योग और इसके मेक इन इंडिया प्रयास पर आगे बढ़ते हुए भारत सरकार ने पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्र) योजना के तहत सात मेगा टेक्सटाइल पार्क (mega textile parks) स्थापित करने की योजना बनाई है.ये पार्क सात राज्यों तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि 'पार्क, कपड़ा क्षेत्र के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा प्रदान करेंगे, करोड़ों का निवेश आकर्षित करेंगे और लाखों नौकरियां पैदा करेंगे.' योजना की घोषणा अक्टूबर 2021 में की गई थी और पार्क 2026-27 तक स्थापित किए जाएंगे. परियोजना के लिए कुल 4,445 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. हालांकि 2023-24 के बजट में प्रारंभिक आवंटन केवल 200 करोड़ रुपये है.

पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क 5एफ (फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फैशन टू फॉरेन) विजन के अनुरूप कपड़ा क्षेत्र को बढ़ावा देंगे.'

भारत के कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र ने इन पार्कों में लगभग 70,000 करोड़ रुपये के निवेश की परिकल्पना की है, जिसमें लगभग 20 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजन होगा.

पार्क एक ही स्थान पर कताई, बुनाई, प्रसंस्करण, रंगाई और छपाई से लेकर परिधान निर्माण तक, एक एकीकृत कपड़ा मूल्य श्रृंखला बनाने के अवसर के केंद्र के रूप में कार्य करेगा.

गोयल ने कहा कि 'देश में कपड़ा उद्योग असंगठित हो गया है. इस बढ़ी हुई अपव्यय और रसद लागत ने देश के कपड़ा क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रभावित किया है. यह क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण, प्रधानमंत्री का विजन, इस क्षेत्र की कई समस्याओं का समाधान करेगा.' उन्होंने कहा कि योजना के तहत पर्यावरण मंजूरी को भी आसान बनाया जाएगा.

कपड़ा सचिव रचना शाह ने कहा कि मंत्रालय ने 13 राज्यों के 18 प्रस्तावों पर विचार करते हुए पारदर्शी तरीके से पार्कों के लिए स्थानों का चयन किया. पारदर्शी चुनौती का उपयोग करके राज्यों और साइटों की योग्यता का मूल्यांकन किया गया. यह कनेक्टिविटी, मौजूदा पारिस्थितिकी तंत्र, कपड़ा, उद्योग नीति, बुनियादी ढांचे, उपयोगिता सेवाओं आदि जैसे विभिन्न कारकों को ध्यान में रखते हुए वस्तुनिष्ठ मानदंडों पर आधारित था.इन पार्कों के माध्यम से लगभग 70,000 करोड़ रुपये के व्यय और 20 लाख नौकरियों के सृजन का अनुमान है.

केंद्र और राज्य सरकार के स्वामित्व वाली एक एसपीवी (विशेष प्रयोजन वाहन) प्रत्येक पार्क के लिए स्थापित की जाएगी जो परियोजना के कार्यान्वयन की निगरानी करेगी. कपड़ा मंत्रालय पार्क एसपीवी को 500 करोड़ रुपये प्रति पार्क तक विकास पूंजी सहायता के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करेगा.

गोयल ने कहा कि राज्य सरकारों ने पार्कों के लिए कम से कम 1,000 एकड़ जमीन मुफ्त में उपलब्ध कराने की पेशकश की है और बिजली और पानी जैसी सभी उपयोगिताओं के प्रावधान की सुविधा भी प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि शुरुआती निवेश के तौर पर 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

पढ़ें- बीआरएस सरकार को टेक्सटाइल पार्क की स्थापना के लिए पूर्ण सहयोग करना चाहिए: रेड्डी

(ANI)

नई दिल्ली: कपड़ा उद्योग और इसके मेक इन इंडिया प्रयास पर आगे बढ़ते हुए भारत सरकार ने पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्र) योजना के तहत सात मेगा टेक्सटाइल पार्क (mega textile parks) स्थापित करने की योजना बनाई है.ये पार्क सात राज्यों तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि 'पार्क, कपड़ा क्षेत्र के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा प्रदान करेंगे, करोड़ों का निवेश आकर्षित करेंगे और लाखों नौकरियां पैदा करेंगे.' योजना की घोषणा अक्टूबर 2021 में की गई थी और पार्क 2026-27 तक स्थापित किए जाएंगे. परियोजना के लिए कुल 4,445 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. हालांकि 2023-24 के बजट में प्रारंभिक आवंटन केवल 200 करोड़ रुपये है.

पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क 5एफ (फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फैशन टू फॉरेन) विजन के अनुरूप कपड़ा क्षेत्र को बढ़ावा देंगे.'

भारत के कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र ने इन पार्कों में लगभग 70,000 करोड़ रुपये के निवेश की परिकल्पना की है, जिसमें लगभग 20 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजन होगा.

पार्क एक ही स्थान पर कताई, बुनाई, प्रसंस्करण, रंगाई और छपाई से लेकर परिधान निर्माण तक, एक एकीकृत कपड़ा मूल्य श्रृंखला बनाने के अवसर के केंद्र के रूप में कार्य करेगा.

गोयल ने कहा कि 'देश में कपड़ा उद्योग असंगठित हो गया है. इस बढ़ी हुई अपव्यय और रसद लागत ने देश के कपड़ा क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रभावित किया है. यह क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण, प्रधानमंत्री का विजन, इस क्षेत्र की कई समस्याओं का समाधान करेगा.' उन्होंने कहा कि योजना के तहत पर्यावरण मंजूरी को भी आसान बनाया जाएगा.

कपड़ा सचिव रचना शाह ने कहा कि मंत्रालय ने 13 राज्यों के 18 प्रस्तावों पर विचार करते हुए पारदर्शी तरीके से पार्कों के लिए स्थानों का चयन किया. पारदर्शी चुनौती का उपयोग करके राज्यों और साइटों की योग्यता का मूल्यांकन किया गया. यह कनेक्टिविटी, मौजूदा पारिस्थितिकी तंत्र, कपड़ा, उद्योग नीति, बुनियादी ढांचे, उपयोगिता सेवाओं आदि जैसे विभिन्न कारकों को ध्यान में रखते हुए वस्तुनिष्ठ मानदंडों पर आधारित था.इन पार्कों के माध्यम से लगभग 70,000 करोड़ रुपये के व्यय और 20 लाख नौकरियों के सृजन का अनुमान है.

केंद्र और राज्य सरकार के स्वामित्व वाली एक एसपीवी (विशेष प्रयोजन वाहन) प्रत्येक पार्क के लिए स्थापित की जाएगी जो परियोजना के कार्यान्वयन की निगरानी करेगी. कपड़ा मंत्रालय पार्क एसपीवी को 500 करोड़ रुपये प्रति पार्क तक विकास पूंजी सहायता के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करेगा.

गोयल ने कहा कि राज्य सरकारों ने पार्कों के लिए कम से कम 1,000 एकड़ जमीन मुफ्त में उपलब्ध कराने की पेशकश की है और बिजली और पानी जैसी सभी उपयोगिताओं के प्रावधान की सुविधा भी प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि शुरुआती निवेश के तौर पर 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

पढ़ें- बीआरएस सरकार को टेक्सटाइल पार्क की स्थापना के लिए पूर्ण सहयोग करना चाहिए: रेड्डी

(ANI)

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