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अफगानिस्तान में शतूत बांध बनाएगा भारत, 20 लाख लोगों को होगा फायदा - Foreign minister S jaishanker

2020 अफगानिस्तान सम्मेलन को संबोधित करते हिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान में विकास कार्यों की 100 से अधिक परियोजनाओं की तैयारी की गई है.

india to construct shahtoot dam in afghanistan
2020 अफगानिस्तान सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की घोषणा
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Published : Nov 25, 2020, 9:57 AM IST

नई दिल्ली: भारत ने अफगानिस्तान में 8 करोड़ अमेरिकी डॉलर (592 करोड़ रुपये) की उच्च-प्रभाव वाली 100 से अधिक सामुदायिक परियोजनाओं के नए चरण की घोषणा की. इसके साथ ही युद्धग्रस्त देश में अब तक भारत की मदद तीन अरब अमेरिकी डॉलर (22,200 करोड़ रुपये) तक पहुंच गयी है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान पर एक वैश्विक सम्मेलन में अपने डिजिटल संबोधन के दौरान नए विकास पैकेज की घोषणा की. इस दौरान उन्होंने अफगानिस्तान में हिंसा को रोकने के लिए तत्काल और व्यापक युद्ध विराम का आह्वान किया.

65 हजार से अधिक अफगान छात्रों ने भारत में किया अध्ययन

विदेश मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अफगानिस्तान में विकास के लिए भारत की मदद तीन अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की हो गयी है. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान के सभी 34 प्रांतों में 400 से अधिक परियोजनाएं शुरू की हैं और उस देश का कोई भी हिस्सा आज उन परियोजनाओं से अछूता नहीं है. 65,000 से अधिक अफगान छात्रों ने भी भारत में अध्ययन किया है.

20 लाख लोगों को होगा फायदा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान पर एक वैश्विक सम्मेलन में अपने डिजिटल संबोधन के दौरान नए विकास पैकेज की घोषणा की. इस दौरान उन्होंने अफगानिस्तान में हिंसा को रोकने के लिए तत्काल और व्यापक युद्ध विराम का आह्वान किया.

विदेश मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अफगानिस्तान में विकास के लिए भारत की मदद तीन अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की हो गयी है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान के सभी 34 प्रांतों में 400 से अधिक परियोजनाएं शुरू की हैं और उस देश का कोई भी हिस्सा आज उन परियोजनाओं से अछूता नहीं है। 65,000 से अधिक अफगान छात्रों ने भी भारत में अध्ययन किया है.

अपने संबोधन में जयशंकर ने देश में हिंसा पर काबू के लिए तत्काल और व्यापक युद्ध विराम का आह्वान किया तथा दोहराया कि शांति प्रक्रिया अफगान नीत और अफगान-नियंत्रित होनी चाहिए. विज्ञप्ति में कहा गया कि सम्मेलन में विदेश मंत्री ने घोषणा की कि भारत ने शतूत बांध के निर्माण के लिए अफगानिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिससे काबुल शहर के 20 लाख निवासियों को स्वच्छ पेयजल मिल सकेगा.

पढ़ें: भारत ने अफगानिस्तान में तत्काल और व्यापक युद्ध विराम का आह्वान किया

कोरोना काल में भी की थी मदद

इससे पहले भारत ने काबुल शहर को बिजली मुहैया कराने वाली 202 किलोमीटर लंबी फुल-ए-खुमरी पारेषण लाइन बनाई थी. जयशंकर ने अफगानिस्तान के विकास के लिए भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और निकटस्थ पड़ोसी तथा रणनीतिक साझेदार होने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि चारों ओर से भूमि से घिरे होने के कारण अफगानिस्तान के विकास में बाधा आयी है. उन्होंने चाबहार बंदरगाह और भारत और अफगानिस्तान के बीच एक समर्पित हवाई गलियारे के माध्यम से वैकल्पिक संपर्क प्रदान करने के भारत के प्रयासों को रेखांकित किया. मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान अफगानिस्तान की खाद्य सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए मानवीय सहायता के तहत भारत ने चाबहार बंदरगाह से 75,000 टन गेहूं भेजा है.

इससे पहले भारत ने काबुल शहर को बिजली मुहैया कराने वाली 202 किलोमीटर लंबी फुल-ए-खुमरी पारेषण लाइन बनाई थी.

नई दिल्ली: भारत ने अफगानिस्तान में 8 करोड़ अमेरिकी डॉलर (592 करोड़ रुपये) की उच्च-प्रभाव वाली 100 से अधिक सामुदायिक परियोजनाओं के नए चरण की घोषणा की. इसके साथ ही युद्धग्रस्त देश में अब तक भारत की मदद तीन अरब अमेरिकी डॉलर (22,200 करोड़ रुपये) तक पहुंच गयी है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान पर एक वैश्विक सम्मेलन में अपने डिजिटल संबोधन के दौरान नए विकास पैकेज की घोषणा की. इस दौरान उन्होंने अफगानिस्तान में हिंसा को रोकने के लिए तत्काल और व्यापक युद्ध विराम का आह्वान किया.

65 हजार से अधिक अफगान छात्रों ने भारत में किया अध्ययन

विदेश मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अफगानिस्तान में विकास के लिए भारत की मदद तीन अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की हो गयी है. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान के सभी 34 प्रांतों में 400 से अधिक परियोजनाएं शुरू की हैं और उस देश का कोई भी हिस्सा आज उन परियोजनाओं से अछूता नहीं है. 65,000 से अधिक अफगान छात्रों ने भी भारत में अध्ययन किया है.

20 लाख लोगों को होगा फायदा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान पर एक वैश्विक सम्मेलन में अपने डिजिटल संबोधन के दौरान नए विकास पैकेज की घोषणा की. इस दौरान उन्होंने अफगानिस्तान में हिंसा को रोकने के लिए तत्काल और व्यापक युद्ध विराम का आह्वान किया.

विदेश मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अफगानिस्तान में विकास के लिए भारत की मदद तीन अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की हो गयी है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान के सभी 34 प्रांतों में 400 से अधिक परियोजनाएं शुरू की हैं और उस देश का कोई भी हिस्सा आज उन परियोजनाओं से अछूता नहीं है। 65,000 से अधिक अफगान छात्रों ने भी भारत में अध्ययन किया है.

अपने संबोधन में जयशंकर ने देश में हिंसा पर काबू के लिए तत्काल और व्यापक युद्ध विराम का आह्वान किया तथा दोहराया कि शांति प्रक्रिया अफगान नीत और अफगान-नियंत्रित होनी चाहिए. विज्ञप्ति में कहा गया कि सम्मेलन में विदेश मंत्री ने घोषणा की कि भारत ने शतूत बांध के निर्माण के लिए अफगानिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिससे काबुल शहर के 20 लाख निवासियों को स्वच्छ पेयजल मिल सकेगा.

पढ़ें: भारत ने अफगानिस्तान में तत्काल और व्यापक युद्ध विराम का आह्वान किया

कोरोना काल में भी की थी मदद

इससे पहले भारत ने काबुल शहर को बिजली मुहैया कराने वाली 202 किलोमीटर लंबी फुल-ए-खुमरी पारेषण लाइन बनाई थी. जयशंकर ने अफगानिस्तान के विकास के लिए भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और निकटस्थ पड़ोसी तथा रणनीतिक साझेदार होने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि चारों ओर से भूमि से घिरे होने के कारण अफगानिस्तान के विकास में बाधा आयी है. उन्होंने चाबहार बंदरगाह और भारत और अफगानिस्तान के बीच एक समर्पित हवाई गलियारे के माध्यम से वैकल्पिक संपर्क प्रदान करने के भारत के प्रयासों को रेखांकित किया. मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान अफगानिस्तान की खाद्य सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए मानवीय सहायता के तहत भारत ने चाबहार बंदरगाह से 75,000 टन गेहूं भेजा है.

इससे पहले भारत ने काबुल शहर को बिजली मुहैया कराने वाली 202 किलोमीटर लंबी फुल-ए-खुमरी पारेषण लाइन बनाई थी.

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