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2030 तक भारत एक स्पेस स्टेशन भी बनेगा : मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

राज्यसभा में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि अगले साल गगनयान से पहले भारत दो मानवरहित मिशन करने जा रहा है. उन्होंने कहा, 2030 तक भारत एक स्पेस स्टेशन भी बना सकता है.

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Published : Dec 9, 2021, 1:41 PM IST

Updated : Dec 9, 2021, 1:59 PM IST

नई दिल्ली : राज्यसभा में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि 2030 तक भारत एक स्पेस स्टेशन भी बना सकता है, जो अपने आप में अनोखा होगा.

आगामी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) परियोजनाओं के संबंध में उच्च सदन में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, सिंह ने कहा कि निजी उद्योगों और स्वदेशी स्टार्टअप पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने से भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में तेजी लाने में मदद मिलेगी.

मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का बयान

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अगले साल गगनयान से पहले भारत दो मानवरहित मिशन करने जा रहा है. 2023 में गगनयान मिशन को अंजाम दिया जाएगा. यह बाकी दूसरे मिशन से अलग होगा. यह भारत को पूरे विश्व में अलग स्थान देगा.

उन्होंने कहा, इसरो ने 2022 में दो मानव रहित मिशन और 2022 के अंत तक एक रोबोट-सहायता प्राप्त मिशन - व्योममित्र (robot-assisted mission - Vyommitra) की योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि मिशन व्योममित्र इसरो के महत्वाकांक्षी गगनयान कार्यक्रम की प्रस्तावना होगी, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष के लिए एक मानवयुक्त मिशन लॉन्च करना है.

उन्होंने कहा, यह भारत को एक अग्रणी राष्ट्र और वैश्विक साझेदारी के बड़े पैमाने पर स्थापित करेगा. यह युवाओं और स्टार्टअप्स को प्रेरित करेगा. अंतरिक्ष क्षेत्र में उपलब्धियों ने भारत को पहले ही एक अग्रणी राष्ट्र के रूप में स्थापित कर दिया है.

पढ़ें :- Coonoor helicopter crash : दुर्घटना में मरने वालों को लोकसभा में दी गई श्रद्धांजलि

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि गगनयान के अलावा वीनस मिशन की भी योजना है. इसके बाद 2022-23 में आदित्य सोलर मिशन की योजना है.

उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते चंद्रयान मिशन में भी देरी आई है, यह भी अगले साल के लिए प्रस्तावित है.

जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अंतरिक्ष को 'अनलॉक' करने का विजन इस क्षेत्र में भारत के लिए कई साझेदारों को लाने में सक्षम रहा है. उन्होंने कहा, इसरो के सहयोग से नैनो सैटेलाइट डेवलपर काम कर रहे हैं.

नई दिल्ली : राज्यसभा में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि 2030 तक भारत एक स्पेस स्टेशन भी बना सकता है, जो अपने आप में अनोखा होगा.

आगामी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) परियोजनाओं के संबंध में उच्च सदन में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, सिंह ने कहा कि निजी उद्योगों और स्वदेशी स्टार्टअप पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने से भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में तेजी लाने में मदद मिलेगी.

मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का बयान

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अगले साल गगनयान से पहले भारत दो मानवरहित मिशन करने जा रहा है. 2023 में गगनयान मिशन को अंजाम दिया जाएगा. यह बाकी दूसरे मिशन से अलग होगा. यह भारत को पूरे विश्व में अलग स्थान देगा.

उन्होंने कहा, इसरो ने 2022 में दो मानव रहित मिशन और 2022 के अंत तक एक रोबोट-सहायता प्राप्त मिशन - व्योममित्र (robot-assisted mission - Vyommitra) की योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि मिशन व्योममित्र इसरो के महत्वाकांक्षी गगनयान कार्यक्रम की प्रस्तावना होगी, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष के लिए एक मानवयुक्त मिशन लॉन्च करना है.

उन्होंने कहा, यह भारत को एक अग्रणी राष्ट्र और वैश्विक साझेदारी के बड़े पैमाने पर स्थापित करेगा. यह युवाओं और स्टार्टअप्स को प्रेरित करेगा. अंतरिक्ष क्षेत्र में उपलब्धियों ने भारत को पहले ही एक अग्रणी राष्ट्र के रूप में स्थापित कर दिया है.

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि गगनयान के अलावा वीनस मिशन की भी योजना है. इसके बाद 2022-23 में आदित्य सोलर मिशन की योजना है.

उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते चंद्रयान मिशन में भी देरी आई है, यह भी अगले साल के लिए प्रस्तावित है.

जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अंतरिक्ष को 'अनलॉक' करने का विजन इस क्षेत्र में भारत के लिए कई साझेदारों को लाने में सक्षम रहा है. उन्होंने कहा, इसरो के सहयोग से नैनो सैटेलाइट डेवलपर काम कर रहे हैं.

Last Updated : Dec 9, 2021, 1:59 PM IST
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